Haryana Housing: हरियाणा के शहरी इलाकों में आवासीय इकाइयों की अलग-अलग मंजिल के पंजीकरण में मोटा खेल खेला जा रहा है। किसी भी बिल्डिंग में अलग-अलग फ्लोर की रजिस्ट्री की जब से प्रदेश सरकार ने सुविधा दी है, तब से राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क की भारी चोरी की जाने लगी है। इस लीकेज को बंद करने के लिए प्रदेश सरकार ने कड़े दिशा निर्देश जारी किए हैं।
वित्तायुक्त व राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने स्टांप व रजिस्ट्रेशन शुल्क की चोरी रोकने के दिए आदेश
हरियाणा के वित्तायुक्त और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सभी मंडलायुक्तों, उपायुक्तों, तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को पत्र लिखकर स्टांप शुल्क व पंजीकरण शुल्क की होने वाली चोरी को रोकने के लिए सचेत किया है।
तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों की मिलीभगत से फ्लोरवार रजिस्ट्रियों में की जा रही थी गड़बड़ी
दरअसल, किसी भी आवासीय बिल्डिंग में जब किसी फ्लोर की रजिस्ट्री की जाती है तो हारीजेंटल (पड़ी स्थिति में) उसकी जगह की पैमाइश की जाती है, लेकिन वर्टिकल (खड़ी स्थिति में) जमीन की जगह को दर्शाकर रजिस्ट्री कर दी जाती है। इस तरह कागजों में जमीन या फ्लोर के कवर्ड एरिया को कम कर दिखा दिया जाता है, जिसमें सरकार को राजस्व का काफी नुकसान हो रहा है और सारा पैसा खुर्दबुर्द किया जा रहा है।
संजीव कौशल ने बताया कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित आवासीय भूखंडों के मामले में विभिन्न मंजिलों को अलग-अलग आवासीय इकाई के रूप में अनुमति दी गई है परंतु यह देखा गया है कि इस मामले में जारी विभिन्न दिशा निर्देशों का गंभीरता से पालन नहीं किया जा रहा है। अब किसी भी मंजिल का कोई वर्टिकल (लंबवत) स्थानांतरण नहीं होगा अर्थात एक ही मंजिल को दो या दो से अधिक अलग-अलग व्यक्तियों के नाम पर पंजीकरण करने वाले द्वारा पंजीकृत नहीं किया जा सकता है। इसलिए केवल हारिजेंटल पूर्ण मंजिल को स्थानांतरित और पंजीकृत करने की अनुमति ही दी जाएगी।
संजीव कौशल ने बताया कि स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क के प्रयोजन के लिए भूमि लागत का विभाजन सभी स्वतंत्र तलों के बीच समान अनुपात में होगा। खाली या निर्मित प्लाट के विशिष्ट मंजिल के पंजीकरण से पहले एचएसवीपी की पूर्व अनुमति अनिवार्य है। खाली या निर्मित प्लाट में विशिष्ट मंजिल के पंजीकरण से पहले एचएसवीपी की पूर्व अनुमति अनिवार्य होगी।
उन्होंने बताया कि यदि एक निर्मित मंजिल को स्थानांतरित किया जाता है, प्लाट की विभाजित लागत के साथ-साथ कलेक्टर दर के अनुसार उस मंजिल के निर्माण की लागत को स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क लगाने के उद्देश्य से जोड़ा जाएगा। इसी प्रकार, ऐसे स्वतंत्र तलों के पंजीकरण के लिए, सामान्य स्टाम्प शुल्क के अलावा, एक प्रतिशत अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क का भुगतान फर्श वार आवासीय इकाइयों के पंजीकरण के इच्छुक आवेदक द्वारा किया जाएगा।