भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर रहे श्याम सुंदर अग्रवाल महापौर बनने के बाद भी नहीं बदले। सोमवार को उन्होंने उपराज्यपाल अनिल बैजल के सामने पूर्वी निगम की पूरी पोल खाेल दी। उन्होंने उपराज्यपाल को एक पत्र सौंपा है। इसमें निगम की समस्याओं का विवरण दिया गया है। इसमें कहा गया है कि पूर्वी निगम में अवैध निर्माण एक बड़ी समस्या है और इसमें बिल्डिंग विभाग के सभी अधिकारी संलिप्त हैं। उन्होंने इन अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत बताई और इसमें उपराज्यपाल का सहयोग मांगा।
श्याम सुंदर अग्रवाल ने अपने पत्र में कहा है कि साल 2017 से अब तक पूर्वी निगम क्षेत्र में अधिकारियों ने 18 हजार ये अधिक मकानों और दुकानों को बुक किया है। बुक किए गए सभी मकानों में लोग रह रहे हैं और दुकानें भी चल रही हैं। यदि ये संपत्तियां नक्शे से बनाई जातीं तो निगम को इनसे चार सौ करोड़ रुपये का राजस्व मिलता। लेकिन अधिकारियों ने निजी स्वार्थ के लिए नियम कायदों को ताक पर रख दिया।
कई बार लिखित में शिकायत देने के बावजूद ये अधिकारी कार्रवाई नहीं करते। क्योंकि ऊपर से नीचे तक सभी अधिकारी मिले हुए हैं और कोई भी एक-दूसरे पर कार्रवाई नहीं चाहता है। महापौर ने कहा है कि निगम की छवि सुधारने के लिए और राजस्व को बढ़ाने के लिए इन बेलगाम अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। चाहे कुछ कनिष्ठ, सहायक और अधिशासी अभियंताओं को बर्खास्त क्यों न करना पड़े। उन्होंने पत्र में उपराज्यपाल से इस कार्य में सहयोग मांगा है।