पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर अकाली दल (बादल), कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी समेत सभी राजनीतिक दलों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच यूनाइटेड हिंदू फ्रंट व राष्ट्रवादी शिवसेना ने पंजाब का अगला मुख्यमंत्री किसी हिंदू को बनाने की मांग की है। इसे लेकर कार्यकर्ताओं ने मंदिर मार्ग स्थित हिंदू महासभा के मुख्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में पंजाब में हिंसा के दौरान मारे गए हजारों हिंदुओं के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग की गई। इससे संबंधित ज्ञापन कांग्रेस, अकाली दल, भाजपा, बसपा व आप को भेजा गया।
यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष व राष्ट्रवादी शिवसेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय भगवान गोयल ने कहा कि पंजाब में हिंदू जनसंख्या 40 फीसद से ऊपर है, लेकिन उन्हें हाशिये पर रखा गया है। वर्ष 1966 के बाद से अब तक वहां किसी हिंदू को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है। जय भगवान गोयल ने कहा कि पंजाब में हिंदू उसी दल को समर्थन और वोट देगा जो हिंदू को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा करेगा।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा और यूपी की कई सीमाओं पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। पिछले दिनों अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के बीच हुए गठबंधन के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी भी आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है।
बता दें कि लंबे समय तक केंद्र और राज्य में भाजपा का सहयोगी रहा अकाली दल कृषि कानूनों के मुद्दे पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग हो गया है। अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा भी दे चुकी हैं।
अकाली-बसपा गठबंधन के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी भी नए समीकरण बनाने और कुछ अन्य छोटे दलों को साधने की संभावनाएं टटोल रही है। बता दें कि अगले साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब सहित पांच राज्यों में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।