प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा तथा सहायक नदियों का जलस्तर लगातार बढऩे से गांव के साथ ही शहरी क्षेत्र भी बाढ़ से प्रभावित है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को वाराणसी में बाढग़्रस्त क्षेत्र का दौरा किया। यहां पर शुक्रवार को प्रति घंटा एक सेंटीमीटर जलस्तर घटने के बाद भी गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
वाराणसी के कुल 161 गांव व वार्ड बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिसमें 39490 आबादी प्रभावित हुई है। शुक्रवार को राजघाट वाराणसी पर गंगा नदी खतरे के निशान से करीब दो मीटर ऊपर बह रही है। यहां पर खतरे का निशान 70.262 मीटर है। खतरे का स्तर 71.262 मीटर है जबकि नदी का जलस्तर 72.260 मीटर पर बह रही है। आज भी करीब एक सेंटीमीटर प्रति घंटा जलस्तर घट रहा है। यहां पर 22 बाढ़ राहत केंद्र संचालित हैं जिनमें 3237 लोग रुके हैं। 111 नाव लोगों की सहायता को लगी हुई है। इसके अतिरिक्त यहां पर एनडीआरएफ, पीएससी, जल पुलिस की मोटर बोट लगी है। एनडीआरएफ, पीएसी, जल पुलिस बराबर निगरानी व रेस्क्यू कर रही है। अब तक बाढ़ प्रभावित लोगों को 5300 राशन किट वितरित की गई है। यहां पर कम्युनिटी किचन संचालित कर प्रतिदिन 3950 लोगों को पका भोजन दिया जा रहा है। इसके साथ ही लोगों की चिकित्सा सुविधा के लिए 32 मेडिकल कैंप लगे हैं। बाढ़ से प्रभावित पशुओं के लिए प्रतिदिन 30 पशु चिकित्सा कैंप लगे हैं। प्रभावित क्षेत्रों/गांव में फागिंग व एंटी लारवा का छिड़काव किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों में फागिंग मशीन और क्रय कर इस कार्य को बढ़ाया जा रहा है। जिला स्तर व प्रत्येक तहसील पर बाढ़ कंट्रोल रूम संचालित है। वाराणसी में पुलिस 42 नाव संचालित कर रही है। 25 सब इंस्पेक्टर 100 सिपाही वायरलेस सेट के साथ चौकसी व राउंड कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौराकर हालात का जायजा लिया। राजघाट से लेकर पुराना पुल तक एनडीआरएफ की मोटर बोट में बैठकर उफनाती गंगा व वरुणा में बाढ़ का हाल भी देखा। उन्होंने आलिया गार्डेन, सरैया में बनाए गए राहत केंद्र पहुंचकर बाढ़ पीडि़तों से मुलाकात की और हर संभव मदद का भरोसा दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं, आपदा की इस घड़ी में सरकार आपके साथ खड़ी है। उन्होंने अधिकारियों से राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली और निर्देश दिया कि बाढ़ पीडि़तों की मदद में कोई कोर कसर न छोड़ी जाए।
मिर्जापुर में 404 गांव प्रभावित हुए हैं, जिसमें 141 में आबादी प्रभावित है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी मिर्जापुर को कहा कि बाढ़ सर्वेक्षण के दौरान चुनार क्षेत्र में नाव नहीं दिखी, वहां तत्काल व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में वर्षा होती है तो उसका प्रभाव गंगा नदी में आता है जो वाराणसी में दिखता है। सावधानी व सतर्कता बनाए रखने की जरूरत है। मिर्जापुर व भदोही भी सावधानी व सतर्कता रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा में धन की कमी नहीं है, सही समय पर पात्र व्यक्ति तक पहुंचे। कोई बाढ़ पीडि़त व्यक्ति राहत सामग्री से वंचित नहीं रहे। जिला प्रशासन जनप्रतिनिधियों का सहयोग लें।