कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में कोरोना महामारी बेशक कहर बनकर टूटी, लेकिन पहले संक्रमित हो चुके ज्यादातर लोग सुरक्षित रहे। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (Delhi based All India Institute of Medical Sciences) के सर्वे के अनुसार, महज ढाई फीसद स्वास्थ्यकर्मियों को ही दोबारा संक्रमण हुआ। दोबारा संक्रमण से बचाव में टीके को 80 फीसद प्रभावी पाया गया है।
उपयोगी साबित हो सकती है टीकाकरण की रणनीति
बताया जा रहा है कि सर्वे की रिपोर्ट अभी किसी मेडिकल जर्नल में प्रकाशित नहीं हुई है, इसलिए संस्थान के डाक्टर इस बाबत अभी ज्यादा कुछ नहीं बोल रहे हैं। वहीं, एम्स के अनुसार, यह सर्वे देश में टीकाकरण की नीति तय करने में उपयोगी साबित हो सकता है।
एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि दोबारा संक्रमण का पता लगाने के लिए संस्थान के 20,799 कर्मियों पर सर्वे किया गया। 15,244 कर्मचारियों ने इसमें हिस्सा लिया। सर्वे में पाया गया कि 4,979 कर्मचारियों को कम से कम एक बार कोरोना का संक्रमण जरूर हुआ था। इस तरह 32 फीसद कर्मचारी कम से कम एक बार संक्रमित हुए, जिनमें महज 124 कर्मचारियों को ही दोबारा संक्रमण हुआ। यानी ढाई फीसद को दोबारा संक्रमण हुआ। दोबारा संक्रमण को रोकने में टीके के प्रभाव के अध्ययन में पाया गया कि दोबारा संक्रमित होने से रोकने में टीका 80 फीसद व दोबारा संक्रमित होने पर बीमारी रोकने में 81 फीसद प्रभावी पाया गया। इससे स्पष्ट है कि टीका कोरोना से बचाव में असरदार है।
20 से 25 फीसद स्वास्थ्यकर्मियों ने अब भी टीका नहीं लिया
अध्ययन में पाया गया कि 20 से 25 फीसद स्वास्थ्यकर्मियों ने अब भी टीका नहीं लिया है। लिहाजा, डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि सभी स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगवा लेना चाहिए।