विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर संकेत दिया है कि अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार गठन के बाद वह उसके साथ संवाद की खिड़की खोल सकता है। हालांकि इस बारे में हालात की गहन समीक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को केंद्र में रखकर ही फैसला होगा। गुरुवार को अफगानिस्तान के हालात पर सर्वदलीय बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के सवालों का जो जवाब विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने दिया, उसका यही लब्बो-लुआब है। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान में जो हालात बन रहे हैं, उसमें भारत राष्ट्रीय एकता की भावना को केंद्र में रख कर ही कोई नीति अख्तियार करेगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वहां अभी अस्थिरता है और हालात के स्थिर होने का इंतजार करना चाहिए।
इस सर्वदलीय बैठक में 31 दलों के 37 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और विदेश मंत्री जयशंकर व विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला से अफगानिस्तान में भारत के हितों की रक्षा के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी दी। जयशंकर ने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान के हालात अभी बहुत गंभीर हैं। सरकार वहां से अपने हर नागरिक को बाहर निकालने के लिए प्रतिबद्ध है।
– जयशंकर ने कहा कि भारत अफगानिस्तान को लेकर दूसरे मित्र राष्ट्रों के साथ संपर्क में है।
-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं दूसरे देशों के प्रमुखों से बात कर रहे हैं।
– इस महत्वपूर्ण मामले पर हम सभी (राजनीतिक दलों) के समान राष्ट्रीय विचार हैं।
– हम इस बारे में राष्ट्रीय एकता की भावना से आगे बढ़ेंगे।
राजनीतिक दलों के सवाल
– क्या तालिबान से करेंगे बात?
– क्या दोहा में हुई थी तालिबान से मुलाकात?
सरकार ने दिया जवाब
– हालात देखकर करेंगे फैसला
– विदेश मंत्री ने नहीं किया इनकार
भारत ने अब तक कुल 563 लोगों को काबुल से बाहर निकाला
विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि भारत ने अब तक कुल 563 लोगों को काबुल से बाहर निकाला है। इनमें भारतीय मिशनों में काम करने वाले 175 लोग, 263 दूसरे भारतीय, 112 अफगानिस्तानी सिख व हिंदू और दूसरे देशों के 15 नागरिक शामिल हैं। कुछ दूसरी एजेंसियों ने भी भारतीयों को वहां से निकाला है, जिसमें भारत सरकार मदद कर रही है। अफगानिस्तान से आने वाले वीजा आवेदनों पर तेजी से फैसला करने के लिए और वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए 24 घंटे की एक निगरानी व्यवस्था तैयार की गई है।
अफगानिस्तान में बचे हुए भारतीयों को भी लाया जाएगा
जयशंकर ने कहा, हमने वहां से अधिकतर भारतीयों को बाहर निकाल लिया है। कुछ लोगों को बुधवार को भी भारत लाया गया है। जो बचे हैं, उन्हें भी बाहर निकाला जाएगा। कांग्रेस नेताओं ने जानना चाहा कि अफगानिस्तान में कितने भारतीय अभी बचे हुए हैं, तो विदेश मंत्रालय स्पष्ट तौर पर इसकी जानकारी नहीं दे पाया।
काबुल में किसी के लिए एयरपोर्ट पर पहुंचना ही मुश्किल काम
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने जानकारी दी कि राजनीतिक दलों के साथ बैठक में विदेश सचिव श्रृंगला की तरफ से एक प्रजेंटेशन दिया गया, जिसमें मई 2021 के बाद अफगानिस्तान के हालात के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इसमें बताया गया है अभी वहां से लोगों को निकालना बहुत कठिन हो गया है। काबुल एयरपोर्ट के बाहर और भीतर फायरिंग हो रही है। किसी के लिए एयरपोर्ट पहुंचना ही मुश्किल हो गया है, क्योंकि जगह-जगह बैरिकेड लगाए गए हैं। विमानों के उतरने व उड़ान भरने के लिए इजाजत लेना भी आसान नहीं है। कई देशों के बीच सामंजस्य बनने के बाद ही अफगानिस्तान से उड़ान भरना संभव हो पा रहा है, क्योंकि रात में उड़ानों के लिए दूसरे देशों से भी आवश्यक मंजूरी लेनी पड़ रही है।