Haryana By Election: हरियाणा में ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में राजनीतिक दलों के बीच जमकर घमासान होने वाला है। पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के गढ़ भाजपा कमल खिलाना चाहती है। इसके लिए उसने गठबंधन के साथी जजपा के साथ मलिकर खास रणनीति तैयार की है।
इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला के तीन कृषि कानूनों के विरोध में इस्तीफा देने से खाली हुई इस सीट पर भाजपा-जजपा गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ेंगे। उम्मीदवार भाजपा का होगा, लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा होनी बाकी है। 2019 के चुनाव नतीजों के आधार पर भाजपा ऐलनाबाद में अपना उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारने जा रही है। उम्मीदवार के नाम पर फैसला लेने के लिए भाजपा ने तीन अक्टूबर को प्रांतीय चुनाव समिति की बैठक बुलाई है।
जजपा के सहयोग से लड़ा जाएगा चुनाव, औपचारिक घोषणा होनी बाकी
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को जिस तरह सिरसा जिले के पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में मंथन हुआ तथा चुनाव प्रभारियों की जिम्मेदारी तय कर दी गई, उसे देखकर साफ लग रहा कि ऐलनाबाद की सीट पर भाजपा ही चुनाव लड़ेगी। जब तक घोषणा नहीं हो जाती, तब तक जननायक जनता पार्टी भी ऐलनाबाद सीट पर अपनी दावेदारी बरकरार रखे हुए है, लेकिन 2019 के चुनाव में यहां भाजपा उम्मीदवार पवन बैनीवाल को 45 हजार वोट मिले थे। जजपा उम्मीदवार ओपी सिहाग को मात्र साढ़े छह हजार वोट मिले थे और वह अपनी जमानत जब्त करा बैठे थे।
भाजपा व जजपा दोनों दलों के पास मजबूत उम्मीदवारों की कमी नहीं
पवन बैनीवाल अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इसलिए भाजपा को ऐलनाबाद में नए उम्मीदवार पर दांव खेलना पड़ेगा। यह भी संभव है कि भाजपा अपने चुनाव चिन्ह पर जजपा की पसंद का कोई उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार दे। यह स्थिति तब बनेगी, जब भाजपा के उम्मीदवार के नाम पर सहमति नहीं बन पाएगी।
पवन बैनीवाल के जाने के बाद भाजपा को खेलना पड़ेगा नए नाम पर दांव
भाजपा की ओर से टिकट के प्रबल दावेदारों में ताऊ देवीलाल के सबसे छोटे बेटे स्व. जगदीश चौटाला के पुत्र आदित्य चौटाला शामिल हैं। आदित्य इस समय सिरसा भाजपा के जिलाध्यक्ष भी हैं। प्रदेश सरकार ने उन्हें सहकारी एवं कृषि ग्रामीण विकास बैंक का चेयरमैन बनाया था। देवीलाल के परिवार से होने का लाभ आदित्य चौटाला को मिलने की संभावना है।
भाजपा महिला विंग की पूर्व जिलाध्यक्ष एवं ऐलनाबाद ब्लाक समिति की सदस्य रह चुकी नताशा सिहाग भी टिकट के दावेदारों में शामिल है। उनका सामाजिक कनेक्ट काफी बना हुआ है। हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) के टिकट पर सिरसा से एकमात्र विधायक एवं पूर्व मंत्री गोपाल कांडा के छोटे भाई गोबिंद कांडा भी भाजपा से टिकट चाहते हैं। गोपाल कांडा ने भाजपा को बिना शर्त समर्थन दे रखा है, लेकिन गोबिंद के नाम पर भाजपा कितनी सहमत हो पाती है, यह देखने वाली बात है।
ऐलनाबाद की सीट यदि जननायक जनता पार्टी के खाते में आई तो यहां इनसो अध्यक्ष व दुष्यंत चौटाला के छोटे भाई दिग्विजय चौटाला को टिकट का सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। सोनीपत में लोकसभा और जींद में विधानसभा का चुनाव लड़ चुके दिग्विजय के लिए अपने चाचा अभय सिंह के खिलाफ लड़ने की बड़ी चुनौती होगी। दिग्विजय को चुनाव लड़ने का अच्छा खासा अनुभव हो चुका है।
जजपा में दूसरा मजबूत नाम मीनू बैनीवाल का है। मीनू बैनीवाल को पार्टी की रीढ़ माना जाता है। वह ऐलनाबाद हलके के गांव तरकांवाली के रहने वाले हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में परदे के पीछे रहकर काम करने वाले मीनू बैनीवाल की कार्यकर्ताओं में अच्छी स्वीकार्यता है। संगठन खड़ा करने से लेकर चुनाव लड़वाने तथा सत्ता में जजपा की भागीदारी को लेकर मीनू बैनीवाल ने हमेशा सक्रिय भूमिका निभाई है। उनकी गिनती अजय चौटाला व दुष्यंत चौटाला के भरोसेमंद साथियों में होती है। पिछले चुनाव में जजपा के टिकट पर लड़े ओपी सिहाग की दावेदारी भी कम नहीं हुई है।
सुभाष बराला के हाथों में होगी ऐलनाबाद चुनाव की कमान
भाजपा की चंडीगढ़ में हुई बैठक में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को ऐलनाबाद उपचुनाव के लिए प्रभारी बनाया गया है। प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने सिरसा जिले के कोर ग्रुप की बैठक में चुनाव को लेकर फीडबैक लिया। डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा, हिसार के विधायक डा. कमल गुप्ता, पूर्व मंत्री कृष्ण लाल पंवार और पूर्व मंत्री कर्णदेव कांबोज को सुभाष बराला का सहयोगी नियुक्त किया गया है।
ऐलनाबाद के जातीय समीकरणों को देखते हुए भाजपा ने यह नियुक्तियां की हैं। ओमप्रकाश धनखड़ ने बताया कि तीन अक्टूबर को चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में होने वाली बैठक में उम्मीदवार के नाम पर चर्चा होगी। इसी दिन तय होगा कि चुनाव भाजपा लड़ेगी या जजपा, लेकिन जो भी लड़ेगा, वह गठबंधन का उम्मीदवार होगा। बैठक में सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल, प्रांतीय संगठन मंत्री रवींद्र राजू, प्रांतीय महामंत्री वेदपाल एडवोकेट और मोहन बड़ोली ने भागीदारी की।