प्रयागराज के श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में पांच अक्टूबर को पट्टाभिषेक और षोडशी भंडारे की रस्म होनी है। इस दौरान वहां काफी भीड़ जुटने की संभावना है। इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग भी सक्रिय हो गया है। स्वास्थ्य विभाग की एक टीम कोरोना जांच के लिए मठ में मौजूद रहेगी। मठ में आने वाले लोगों की जरूरत पडऩे पर जांच की जाएगी।
कोरोना प्रोटाकाल के चलते कार्यक्रम रहेगा सीमित
पांच अक्टूबर को श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में सभी 13 अखाड़े के संत और महंत शामिल होंगे। कार्यक्रम हालांकि कोरोना प्रोटोकाल के चलते सीमित रहेगा लेकिन संतों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए उच्चाधिकारियों ने व्यवस्था कर ली है। कहा जा रहा है कि यह स्वैच्छिक जांच शिविर होगा। मठ में ब्रम्हलीन महंत नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी बलवीर गिरि का पट्टाभिषेक होना है, उसी दिन षोडशी भंडारा भी होगा।
जिला सर्विलांस अधिकारी बोले- कोरोना जांच के लिए टीम तैयार
जिला सर्विलांस अधिकारी डा. एके तिवारी ने कहा है कि कोरोना जांच के लिए टीम तैयार कर दी गई है। श्रीमठ माघम्बरी गद्दी में कई राज्यों से संत महंतों को आना है। स्थानीय लोग भी रहेंगे। कोरोना संक्रमण होने की संभावना अभी बनी हुई है। एक दूसरे की सुरक्षा जरूरी है। इसलिए जब तक मठ में बड़ी तादाद में लोगों की उपस्थिति रहेगी तब तक जांच टीम को सक्रिय रखा जाएगा।
महात्माओं का जमघट, श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में तैयारी
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की षोडशी व श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में नए महंत के रूप में बलवीर गिरि का पट्टाभिषेक मंगलवार पांच अक्टूबर को होना है। श्रीनिरंजनी अखाड़ा की तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम में सम्मलित होने के लिए महात्माओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि प्रयाग आने लगे हैं। महात्माओं के आने का सिलसिला मंगलवार की सुबह तक जारी रहेगा। महंत नरेंद्र गिरि के षोडशी भंडारे में लगभग 10 हजार महात्माओं के शामिल होने का अनुमान है। इसके मद्देनजर बाघम्बरी गद्दी में तैयारी शुरू हो गई है। पंडाल लगाने का काम पूरा हो गया है। अब खाने-पीने का प्रबंध किया जा रहा है। साधु-संतों के ब्रह्मलीन (मृत्यु) होने के 16वें दिन शांति हवन व भोज करने का विधान है, जिसे षोडशी संस्कार कहा जाता है।