छत्तीसगढ़ कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर खींचतान, टीएस सिंहदेव को आलाकमान के फैसले का इंतजार

पंजाब के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर उथल-पुथल मचा हुआ है। बीते कई दिनों से यहां पार्टी में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर खींचतान जारी है। इस बीच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमें स्पष्ट निर्णय लेने के लिए आलाकमान के फैसले की प्रतीक्षा करनी चाहिए। किसी भी तरह का बदलाव आसान नहीं होता है। पार्टी आलाकमान किसी निर्णय पर आने के लिए स्थिति का मूल्यांकन करता है।

जून में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के समर्थकों ने रोटेशनल मुख्यमंत्री पद का मुद्दा उठाया। विवाद का कारण यही मुद्दा है। दिसंबर 2018 में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की थी। फिर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया गया था। चुनाव में मेनिफेस्टो कमेटी के मुखिया टीएस सिंह देव थे। जानकारी के अनुसार इस दौरान ढाई-ढाई साल सीएम के फार्मूले पर सहमति बनी थी।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में संगठनात्मक परिवर्तन

इस बीच पिछले हफ्ते छत्तीसगढ़ कांग्रेस में संगठनात्मक परिवर्तन हुआ। ‘एक नेता एक पद’ का फार्मूला लागू हुआ। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस दौरान पार्टी की राज्य इकाई में चार अतिरिक्त पदाधिकारियों को शामिल किया गया और चार उपाध्यक्षों, तीन महासचिवों और संचार विभाग के प्रमुख को बदला गया। सदस्यों या अध्यक्षों के रूप में राज्य में हाल ही में गठित बोर्डों में शामिल होने के कारण नेताओं को बदला गया।

प्रदेश के कई विधायक बीते दिनों दिल्ली पहुंचे

पिछले कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलें जोरों पर हैं। इन अटकलों के चलते प्रदेश के कई विधायक बीते दिनों दिल्ली पहुंचे थे। इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए एआइसीसी का वरिष्ठ पर्यवेक्षक भी नियुक्त किया गया है।