रंजीत सिंह हत्याकांड (Ranjit Singh Murder case) में पंचकूला की विशेष सीबीआइ अदालत द्वारा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख पांच दोषियों को सोमवार को सजा सुनाई गई। लेकिन, जज द्वारा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम व अन्य को को सजा सुनाए जाने से पहले एक ईमेल आने से हडक़ंप मच गया। यह धमकी भरा मेल जज के ईमेल एड्रेस पर आया था। इस ईमेल के बारे में सीबीआइ के विशेष जज ने गुरमीत राम रहीम से भी पूछा, लेकिन उसने कोई जानकारी होने से इन्कार कर दिया। इस मामले के खुलासे से कोर्ट परिसर में हड़कंप मच गया।
फैसले के दौरान जज ने गुरमीत राम रहीम से पूछा, क्या डा. मोहित गुप्ता को जानते हो?
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार एक ईमेल डा. मोहित गुप्ता नामक व्यक्ति के मेल एड्रेस से आया। उसका पता हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा का बताया गया। यह नाम से पहले भी कई बार ईमेल आ चुकी थी। उन ईमेल में गवाहियों के बारे में भी टिप्पणियां की जाती थीं। कल फैसले से पहले आए ईमेल के बारे में जज ने वकीलों से पूछा और उसके बाद राम रहीम से पूछा। जज ने राम रहीम से पूछा की क्या डा. मोहित गुप्ता को जानते हो? यह व्यक्ति डेरा में रहता है? राम रहीम ने इसके बारे में कोई भी जानकारी होने से इन्कार कर दिया।
सेशन जज की इमेल पर आए पत्र में धमकी की बू आ रही है
विशेष जज ने कहा कि आज डा. मोहित गुप्ता के नाम से एक ईमेल आया, जिसमें से धमकी की बू आ रही है। बचाव पक्ष के वकील अजय वर्मन ने बताया कि इस बारे में पहले हाइकोर्ट में शिकायत दी जा चुकी है और उसे 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया जा चुका है। उन्होंने डा. मोहित गुप्ता के बारे में जानकारी होने से इन्कार कर दिया।
वहीं सुनवाई के दौरान एक दोषी अवतार सिंह ने कहा कि हम इस मामले में बेकसूर हैं। उसने चार लोगों के नाम भी कोर्ट में लिए, जिस पर जज ने पूछा कि आपने पहले क्यों नहीं यह नाम लिए, तो उसने कहा कि हमें पहले बोलने का मौका नहीं मिला। दोषी कृष्ण लाल ने कहा कि हम तो बाबा के चेले हैं, हमने तो कुछ नहीं किया।