बिजली चोरों के खिलाफ लगातार छापामारी अभियान के बाद अब प्रदेश सरकार ने नशे के अवैध कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ मोर्चा खोला है। गत दिवस पूरे प्रदेश में एक साथ अभियान चलाया गया, जिसमें हरियाणा राज्य नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो की सात और एसटीएफ की आठ टीमों सहित पुलिस की कुल 442 टीमों ने 1169 स्थानाें पर छापेमारी की। इस दौरान एनडीपीएस एक्ट के तहत 98 एफआइआर दर्ज कराते हुए 100 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
छापामारी अभियान में नशे तस्करी के सर्वाधिक मामले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर और सोनीपत में मिले। इसी तरह पंजाब की सीमा से सटा सिरसा नशे की बरामदगी और गिरफ्तारियों के मामले में पांचवें स्थान पर रहा। गृह मंत्री अनिल विज ने नशा तस्करों के खिलाफ सुबह पांच बजे शुरू हुए अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि आगे और सख्ती बरती जाएगी। इस दौरान गृह सचिव राजीव अरोड़ा उनके साथ थे।
विशेष छापामारी अभियान में कुल 3315 पुलिस कर्मचारी शामिल हुए। गृह मंत्री ने कहा कि प्रदेश से नशे को जड़ से खत्म करने के लिए यह बड़ा अभियान चलाया गया। इस अभियान की रूपरेखा हाल ही में हुई विभाग की बैठक में तैयार कर ली गई थी। सोमवार को पुलिस द्वारा इस अभियान को अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह के अभियान आगे भी जारी रहेंगे।
यह नशीला सामान हुआ बरामद
- अफीम 3.52 किलोग्राम
- स्मैक 20 ग्राम
- हेरोइन 117.85 ग्राम
- चूरा-पोस्त 13.91 किलोग्राम
- गांजा 35.59 किलोग्राम
- इंजेक्शन 20
नशे से मिलकर लड़ रहे सात प्रदेश
नशे के खिलाफ जंग में उत्तर भारत के सात राज्य मिलकर लड़ रहे हैं। नशा तस्करों का नेटवर्क तोड़ने के लिए हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और चंडीगढ़ ने साझा वार रूम बनाया है जिसका मुख्यालय पंचकूला में है। यहां से नशा तस्करों के खिलाफ पूरी रणनीति को अंजाम दिया जाता है। जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश की सरकारों को भी नशे से निपटने की लड़ाई में शामिल करने की रणनीति पर काम चल रहा है। हरियाणा ने एक कदम और बढ़ाते हुए नशे से निपटने के लिए राज्य और जिला स्तर पर एसटीएफ का गठन किया है। इसके सकारात्मक परिणाम आए हैं।