भारत ने 2013 चैंपियंस ट्राफी के बाद से कोई भी आइसीसी खिताब नहीं जीता है। अब विराट की जगह रोहित शर्मा को टी-20 व वनडे फार्मेट में कप्तान बनाया गया है। रोहित ने मुंबई इंडियंस को पांच आइपीएल खिताब जिताए हैं। पिछले सत्र तक मुंबई का हिस्सा रहे कीवी तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट ने न्यूजीलैंड क्रिकेट का प्रसारण करार अमेजन प्राइम से होने के मौके पर कहा कि रोहित के नेतृत्व में भारत आइसीसी टूर्नामेंट में सफलता हासिल कर सकता है। अभिषेक त्रिपाठी ने उनसे क्रिकेट के कई मुद्दों पर बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश-
-हाल ही में न्यूजीलैंड ने भारत का दौरा किया। उसे हार का सामना करना पड़ा। आपकी टीम ने क्या खोया, क्या पाया?
-यह सीरीज हमारी टीम के लिए काफी कठिन रही। विशेष रूप से टी-20 सीरीज क्योंकि हमें तीनों मैचों में हार का सामना करना पड़ा। निश्चित तौर पर टीम ने इससे काफी सीख ली होगी। भारत में टेस्ट क्रिकेट खेलना काफी कठिन है। वहां की परिस्थितियों में खेलना सबसे बड़ा चैलेंज है।
– आपने भारत दौरे में टेस्ट टीम से अपना नाम वापस ले लिया था। क्या बायो बबल खिलाड़ियों पर ज्यादा भारी पड़ रहा है?
– हां, बायो बबल काफी कठिन है। खिलाड़ियों के लिए यह आसान नहीं है क्योंकि स्थिति बिलकुल अलग होती है। परिवार से भी दूर रहना पड़ता है। बायो बबल में लंबे समय तक रहना आसान नहीं है। हमें इस तरह के फैसले कभी-कभी लेने पड़ते हैं।
-न्यूजीलैंड की टीम विश्व टेस्ट चैंपियन है लेकिन इसके बावजूद बाकी बड़ी टीमों की अपेक्षा आप लोग घर में ज्यादा लंबी टेस्ट सीरीज नहीं खेलते। दो टेस्ट मैचों की सीरीज पर ज्यादा ध्यान केंद्रित रहता है?
-हां, हमने घर में ज्यादा टेस्ट मैच नहीं खेले हैं। लेकिन हमें अच्छा लगेगा अगर हम तीन या चार मैचों की टेस्ट सीरीज में हिस्सा लेंगे। इसके लिए बेहतर फिटनेस की जरूरत है। पिछले कुछ वर्षो में हमने कोशिश और मेहनत की है जिसका फल हमें विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में मिला। दुर्भाग्य से हम लोग पिछले सालों में ज्यादा टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल पाए हैं लेकिन मुझे लगता है कि डब्ल्यूटीसी फाइनल के बाद इस पर अब ध्यान दिया जाएगा।
-न्यूजीलैंड क्रिकेट को हाल में प्रसारणकर्ता नहीं मिल रहे थे लेकिन अब अमेजन प्राइम से न्यूजीलैंड के मैचों के वेबकास्ट का करार हुआ है। क्या इससे अब आपके देश का क्रिकेट विश्व में फिर से पहुंच पाएगा?
-मुझे लगता है कि न्यूजीलैंड के क्रिकेट को पूरे विश्व के लोग देख सकेंगे। न्यूजीलैंड में लोग खेल को पसंद करते हैं और उन्हें भी मैच देखने को मिलेगा। न्यूजीलैंड काफी छोटा देश है और यहां पर रग्बी के प्रशंसक ज्यादा है। क्रिकेट यहां का सबसे बड़ा खेल नहीं है।
– 2019 विश्व कप के फाइनल में पहुंचना, 2021 में डब्ल्यूटीसी खिताब जीता और फिर इस साल टी-20 विश्व कप के फाइनल में पहुंचना। अपनी टीम के सभी प्रारूप में अच्छे प्रदर्शन को किस तरह परिभाषित करेंगे?
– न्यूजीलैंड को लगातार चुनौती का सामना करना पड़ा। सभी को अपनी भूमिका अदा करनी थी। एक गेंदबाज के रूप में मेरी भूमिका विकेट निकालने की रही। यह बड़ी चुनौती थी। फिर भारत आना भी एक अलग चुनौती रही। वहां की परिस्थितियां एकदम अलग हैं। चेन्नई से दिल्ली हर जगह अलग परिस्थितियां और पिच रहती हैं। वहां खेलने के लिए काफी कौशल की जरूरत होती है।
– आपने रोहित शर्मा की कप्तानी में बहुत खेला है। अब वह भारतीय वनडे और टी-20 टीम के कप्तान हैं। उनकी कप्तानी को कैसे देखते हैं?
– रोहित बहुत अनुभवी खिलाड़ी हैं। यह देखना उत्साहित होगा कि वह भारतीय टीम का किस तरह नेतृत्व करेंगे। मैंने मुंबई इंडियंस के लिए खेलते हुए उनकी कप्तानी का काफी आनंद लिया। मैं बाउंड्री के पास खड़े होकर देखता था कि वह कैसे कप्तानी कर रहे हैं। वह भारत के काफी सलफ खिलाड़ी हैं। मुझे भरोसा है कि उनके नेतृत्व में भारत का दौरा सफल रहेगा।
– विराट कोहली और रोहित की कप्तानी में क्या अंतर है?
– मैं बहुत यकीन से नहीं कह सकता क्योंकि मैंने कोहली की कप्तानी में नहीं खेला है लेकिन वह भारत के एक ऊर्जावान खिलाड़ी हैं। रोहित सफल कप्तान हो सकते हैं और उन्हें देखना उत्साहित करने वाला होगा।
– भारत ने 2013 के बाद से कोई आइसीसी ट्राफी नहीं जीती है। क्या आपको लगता है आइपीएल की तरह रोहित विश्व क्रिकेट में भी सफल होंगे?
– वह मुंबई इंडियंस के लिए काफी सफल रहे हैं। वहां बहुत दबाव वाली स्थिति रहती है। एक तेज गेंदबाज के तौर पर मैं यह समझ सकता हूं लेकिन वह उस दबाव को कप्तान के तौर पर झेल लेते हैं। मुझे यकीन है कि रोहित आइपीएल के अनुभव का टीम इंडिया के लिए भी फायदा उठाएंगे।
-भारतीय क्रिकेट की ब्रांड वैल्यू बहुत ज्यादा है, जबकि हाल में टीम इंडिया ने कोई आइसीसी खिताब नहीं जीता है। न्यूजीलैंड ने वो सब कुछ किया लेकिन वहां क्रिकेट को उतना महत्व नहीं मिल पाया?
– हमने पिछले कुछ वर्षो में अच्छा किया है और फार्म में भी रहे हैं। आइसीसी टूर्नामेंट और खास तौर पर उनके नाकआउट मुकाबलों में हमें कैसा खेलना है, इसको लेकर हमारी रणनीति बहुत साफ रहती है। हमारा अनुभव अच्छा रहा है और हमने डब्ल्यूटीसी खिताब भी जीता। इससे हमारी टीम के लिए हाइप और इंट्रेस्ट काफी बढ़ा है। लोग हमें देख रहे हैं और क्रिकेट को फालो भी कर रहे हैं।
-मुंबई इंडियंस में रहते हुए आपने जसप्रीत बुमराह के साथ गेंदबाजी की। उनमें क्या खास है। भारत को उनका उपयोग कैसे करना चाहिए क्योंकि वह तीनों प्रारूप में खेलते हैं?
– भारत ने पिछले कुछ वर्षो में जो तेज गेंदबाज पाए हैं उन्हें देखना काफी सुखद है। मुझे भी इनमें से कई गेंदबाजों के साथ आइपीएल में खेलने का मौका मिला। मैं भारतीय क्रिकेट को फालो करता हूं क्योंकि वहां खेलना आसान नहीं होता। भारत में ऐसी परिस्थितियां हैं जिसमें मुझे खेलने की आदत नहीं है। यह एक चुनौती है। भारत ने आस्ट्रेलिया में जिस तरह का प्रदर्शन किया वह आश्चर्यजनक है। टीम इंडिया में बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, मुहम्मद सिराज और मुहम्मद शमी जैसे गेंदबाज हैं जिनके दम पर वह सफलता हासिल कर रही है।
– हेडली, बांड और बोल्ट। कैसे और क्यों न्यूजीलैंड में तेज गेंदबाजों की फौज निकलती है?
-इस लिस्ट में और भी लोग हैं। टिम साउथी, नील वेगनर हैं और काइली जेमिसन जैसे युवा गेंदबाज भी हैं। हमारी टीम में अब हेडली और बांड जैसे कई गेंदबाज है जो कीवी टीम के लिए अच्छा संकेत है।