आज 12 बजे के बाद खत्म हो जाएगी डाक्टरों की हड़ताल, फोरडा अध्यक्ष ने किया ऐलान

देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रान के खतरे के बीच रेजिडेंट डाक्टरों अपनी हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया है। इसके तहत शुक्रवार को दोपहर 12 बजे के बाद हड़ताल पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। इस बाबत दिल्ली डाक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. मनीष का कहना है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जी से मुलाकात के बात उन्हें आश्वासन मिला और उसके बाद हड़ताल वापस लेने का फैसला लिया गया है। फोरडा अध्यक्ष मनीष के मुताबिक, हमने बृहस्पतिवार की रात दिल्ली के ज्वाइंट सीपी के साथ बैठक की थी। इसके बाद डाक्टरों पर दर्ज एफआइआर वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऐसे में शुक्रवार दोपहर 12 बजे के बाद हम NEET 2021 काउंसलिंग में देरी के खिलाफ अपनी हड़ताल वापस लेंगे। इसके साथ ही डा. मनीष (अध्यक्ष, फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन)  ने यह भी कहा कि अगर 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में तारीख़ नहीं मिलती है तो उस दिन हमने शाम 6 बजे एक अहम बैठक रखी है, जिसमें हम आगे की प्रक्रिया तय करेंगे। हमें दोबारा हड़ताल करनी पड़ी तो हम करेंगे।

इससे पहले बृहस्पतिवार को रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल के 15वें दिन भी अस्पतालों में ओपीडी और इमरजेंसी में इलाज कराने आए मरीजों को वापस लौटाया गया। इससे मरीज और उनके स्वजन लाचार दिखे। अस्पतालों में उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही थी। कुछ गंभीर मरीजों के स्वजन अपने मरीज को भर्ती कराने के लिए अस्पतालों में गुहार लगाते दिखे, पर उनकी सुनने वाला कोई नहीं था। लोकनायक, जीबी पंत, राम मनोहर लोहिया (आरएमएल), कस्तूरबा गांधी, हिंदू राव, बालकराम, जीटीबी, दीन दयाल उपाध्याय, संजय गांधी और लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज से संबद्ध कलावती सरन और सुचेता कृपलानी सहित सभी सरकारी अस्पतालों में यही हाल रहा।

इन अस्पतालों की ओपीडी और इमरजेंसी में वरिष्ठ डाक्टरों ने भी सिर्फ खानापूर्ति की है। कुछ गिने-चुने मरीजों को देखने के बाद अधिकतर मरीजों को अस्पतालों के अंदर प्रवेश ही नहीं करने दिया गया। इससे मरीज और उनके स्वजन एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक भटकते रहे। उधर, नीट-पीजी काउंसलिंग शुरू न होने के विरोध में सर गंगाराम अस्पताल के रेजिडेंट डाक्टर और कंसल्टेंट ने मार्च निकाला। इसमें करीब 200 डाक्टर शामिल रहे।