हरियाणा में मौसम ने तोड़ा रिकार्ड, 1970 के बाद पहली बार गर्मी का कहर, जानें कब तक मिलेगी राहत

भीषण गर्मी व लू के थपेड़ों ने जनजीवन को बेहाल कर दिया है। हालात ऐसे हो गए हैं कि दोपहर के समय लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। गर्म हवा झुलसा रही है। गर्मी भी चरम पर पहुंच गई है। करनाल में वीरवार को अधिकतम तापमान रिकार्ड 42.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो वर्ष 1970 के बाद सबसे ज्यादा है। जबकि अन्‍य जिलों में 45 पार हो गया। वर्ष 1970 मेंं अप्रैल में अधिकतम तापमान 43.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।

सूख रहे हलक, रिकार्ड गर्मी से अप्रैल की विदाई

अप्रैल माह उत्तर-पश्चिम भारत के विभिन्न क्षेत्रों के लिए शुष्क व सूखा बीत रहा है। इस माह के अंत तक गर्मी का कहर ऐसे ही जारी रहेगा। लू के थपेड़े व भीषण गर्मी लोगों को परेशान करेगी। अप्रैल माह रिकार्ड गर्मी के साथ विदाई ले रहा है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्यों में 28 अप्रैल से शुरू होकर महीने के अंत तक लू की स्थिति देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, तापमान 43 डिग्री से ऊपर रहने की संभावना है। उत्तर भारत के निवासियों को प्रभावित करने वाली उमस भरी परिस्थितियों के साथ ये गर्मी की लहरें इस महीने के अंत तक बनी रहेंगी। हालांकि, मई की शुरुआत में लू की स्थिति में गिरावट देखने को मिल सकती है।

मई के पहले सप्ताह में पश्चिमी विक्षोभ पर आस बंधी

मौसम विभाग का मानना है कि 30 अप्रैल के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ आएगा। इसके परिणामस्वरूप मई के पहले सप्ताह में उत्तरी मैदानी इलाकों में कुछ जगह बरसात हो सकती है। अभी यही आस मौसम विभाग से बंधी है। हालांकि समय के अनुसार परिस्थितियों में बदलाव भी हो सकता है, लेकिन मौसमी गतिविधियां मई माह के पहले सप्ताह में मामूली राहत के संकेत दे रही है। इस दौरान थोड़ी राहत देखने को मिलेगी।

बीते 10 साल में कब पीक पर गया अधिकतम तापमान

वर्ष अधिकतम तापमान (डिग्री सेल्सियस में)

30 अप्रैल 2011 40.4

20 अप्रेल 2012 37.6

17 अप्रैल 2013 39.0

30 अप्रैल 2014 41.0

23 अप्रैल 2015 40.5

18 अप्रैल 2016 41.5

21 अप्रैल 2017 42.0

26 अप्रैल 2018 41.0

28 अप्रैल 2019 40.5

15 अप्रैल 2020 38.2

30 अप्रैल 2021 41.4

27 अप्रैल 1970 43.4

नोट : ये आंकड़े मौसम विभाग की ओर से जारी किए गए हैं।

लू से बचना है तो खूब पानी पीयें

गर्मी के मौसम में अक्सर लोग लू लगने से परेशान रहते हैं। यह एक आम समस्या है। लेकिन समय पर इलाज भी जरूरी है। गर्मी में शुष्क और बेहद गर्म हवा चलने को लू कहा जाता है। अप्रैल से लेकर जून के महीने में यह समस्या अधिक होती है, क्योंकि इन तीन महीनों में ही पारा बहुत ज्यादा होता है। बेहद गर्म और सूखी हवाएं बहती हैं। डा. ओपी सैनी कहते हैं कि लू तब लगती है, जब तापमान बहुत अधिक होता है। जब कोई व्यक्ति गर्म हवा और धूप में देर तक रहता है, उसका चेहरा और सिर देर तक धूप और गर्म हवा के संपर्क में आता है, तो लू लग जाती है। इससे व्यक्ति के शरीर का तापमान भी बहुत अधिक बढ़ जाता है।

देशभर में यह बना हुआ है मौसमी सिस्टम

केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और अफगानिस्तान के आसपास के हिस्सों पर बना हुआ है। उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और पश्चिम असम के आसपास के क्षेत्रों में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। एक टर्फ रेखा इस चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से बांग्लादेश के दक्षिणी हिस्सों तक फैली हुई है। विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तरी मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों से होते हुए पूर्वी मध्य प्रदेश से उत्तरी आंतरिक कर्नाटक तक एक टर्फ, हवा की डिस्कंटीन्यूटी बनी हुई है।