सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड:लॉरेंस ने गैंगस्टर हाशिम बाबा को दी थी सुपारी; उसका गुर्गा शाहरूख आया लेकिन AK47 वाले कमांडों देख लौटना पड़ा

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की सुपारी लॉरेंस ने तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के टॉप मोस्ट गैंगस्टर हाशिम बाबा को दी थी। जनवरी में मूसेवाला को कत्ल करने पहुंचा गैंगस्टर शाहरूख उसी का गुर्गा है। हालांकि तब प्लानिंग फेल हो गई। जिसके बाद लॉरेंस ने कनाडा बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ को इसका जिम्मा दिया। गोल्डी ने शूटर्स की टीम को इकट्‌ठा कर 29 मई को मूसेवाला का कत्ल करवा दिया।

AK47 वाले कमांडों देख लौट गया था शाहरूख
हाशिम बाबा ने गैंगस्टर शाहरूख के साथ जनवरी में शार्प शूटर्स की टीम मूसेवाला के गांव मूसा भेजी। उन्होंने मूसेवाला की रेकी की। उस वक्त मूसेवाला के पास 10 कमांडों की सिक्योरिटी थी। जिनके पास AK 47 थी। यह देख शाहरूख ने वापस जाकर कहा कि मूसेवाला के पास आधुनिक हथियार वाले कमांडों हैं। मूसेवाला के कत्ल के लिए आधुनिक हथियार चाहिए। इससे पहले कि लॉरेंस और गोल्डी बराड़ हथियार भिजवाता, शाहरूख को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने पकड़ लिया।

कौन है हाशिम बाबा
हाशिम बाबा का असली नाम आसिम है। वह दिल्ली के यमुनापार इलाके में गैंबलिंग का धंधा करता था। वह संजय दत्त की तरह बड़े बाल रखता है। फिर वह अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम और दाऊद इब्राहिम से प्रभावित होकर बड़ा डॉन बनने का सपना देखने लगा। वह दिल्ली के ही नासिर गैंग में शामिल हो गया। जिसके बाद उसने व्यापारियों को धमकाने और रंगदारी वसूलने के साथ फिरौती न देने वालों को गोली मारनी शुरू कर दी। इसी बीच गैंग लीडर नासिर जेल गया तो हाशिम बाबा ने गैंग की कमान संभाल ली। धीरे-धीरे उसने इस पूरे गैंग पर कब्जा कर लिया।

लॉरेंस-जग्गू को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ
पंजाब पुलिस अब लॉरेंस और जग्गू भगवानपुरिया को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ कर रही है। दोनों को खरड़ स्थित क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (CIA) के ऑफिस में लाया गया है। पूछताछ में सामने आ रहा है कि मूसेवाला के कत्ल में इस्तेमाल हथियार जग्गू भगवानपुरिया के जरिए कातिलों तक पहुंचे। शार्प शूटर मनप्रीत मन्नु कुस्सा और जगरूप रूपा से भी भगवानपुरिया के लिंक मिल रहे हैं।