झांसी गैंगरेप में 15 साल बाद नाबालिग आरोपी निकला बालिग:फर्जी डाक्यूमेंट से उम्रकैद की सजा से खुद को बचाया; अब नए सिरे से होगी सुनवाई

झांसी में चलती कार में लड़की से गैंगरेप के बहुचर्चित मामले में करीब 15 साल बाद नया मोड़ आ गया। नाबालिग आरोपी, जांच में बालिग मिला है। कोर्ट ने आरोपी को नाबालिग माना था। उम्र कैद की सजा से बचाने के लिए उसके पिता ने फर्जी डाक्यूमेंट तैयार कराए थे। इन्हीं के आधार पर कोर्ट ने उसे नाबालिग घोषित किया था। 15 साल बाद महिला सामाजिक कार्यकर्ता ने नवाबाद थाने में केस दर्ज कराया है।

  • फर्जीवाड़े की पूरी कहानी

रेप के वीडियो से सुर्खियों में आई थी ये वारदात
गैंगरेप 5 नवंबर 2006 को होता है। तब 3 लड़कों ने चलती कार में एक लड़की से गैंगरेप किया था। इसका अश्लील वीडियो बना ली थी। जिसमें लड़की चीख रही थी। तब ये घटना दबकर रह गई थी। घटना का वीडियो वायरल होने पर घटना खुली थी। इसमें से 3 आरोपियों में से एक महेंद्र प्रजापति को कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई। जबकि, दो आरोपियों ने कोर्ट में खुद को नाबालिग साबित किया था।

कोर्ट के रिकॉर्ड से गायब कराए फर्जी डॉक्यूमेंट
गैंगरेप में आजाद गंज अत्रि कंपाउंड का कपिल राजपूत जेल गया था। 23 अगस्त 2007 को पिता धर्मेंद्र उर्फ पप्पू राजपूत ने बेटे कपिल को नाबालिग घोषित करने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया। जिसमें कपिल की जन्मतिथि 16 नवंबर 1989 थी। प्रूफ के लिए खातीबाबा के पब्लिक कॉन्वेंट जूनियर हाईस्कूल की चौथी कक्षा की टीसी व मार्कशीट जमा की। जिसके आधार पर कोर्ट ने 3 सितंबर 2007 को कपिल को नाबालिग मान लिया। फिर इस टीसी और मार्कशीट को कोर्ट रिकॉर्ड से गायब करा दिया था।

ऐसे उठा फर्जीवाड़ा से पर्दा
सामाजिक कार्यकर्ता का आरोप है, घटना के समय कपिल राजपूत मसीहागंज के सैंट मैरी इंटर कॉलेज में पढ़ता था। उसका जन्म झांसी के उत्तर मध्य रेलवे चिकित्सालय में हुआ था। उसकी जन्मतिथि अस्पताल के रिकॉर्ड में 10 अगस्त 1988 दर्ज है। इस हिसाब से घटना के वक्त कपिल बालिग था। सामाजिक कार्यकर्ता ने 12 मार्च 2022 को शिकायत की।

जिसकी जांच सीपरी बाजार थाना प्रभारी निरीक्षक ने की। जांच में पब्लिक कॉन्वेंट जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाचार्य ने माना कि कपिल उनके स्कूल में कभी नहीं पढ़ा है। सैंट मैरी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य ने माना कि कपिल राजपूत कक्षा KG से 9वीं तक छात्र के रूप में अध्यक्षरत रहा। उसकी जन्मतिथि 10 अगस्त 1988 है।

376 में उम्रकैद तक हो सकती है
वकील का कहना है कि धारा 376 में दोषी पाए जाने पर 10 साल से उम्रकैद तक की सजा देने का प्रावधान है। नाबालिग के ऊपर जुर्म साबित होने पर उसे 3 साल तक बाल सुधार गृह में रखा जा सकता है।