राज्य में 49 प्रतिशत कम बारिश:22 साल में दूसरी बार असमान रही माॅनसूनी बारिश, देश में बारिश सामान्य से 14 फीसदी ज्यादा, पर झारखंड, बिहार, बंगाल में सूखे के हालात

मॉनसून के 45 दिन पूरे होने के बाद अब तक देश में सामान्य से 14% ज्यादा बारिश हुई है। अब तक सामान्य रूप से 294.2 मिमी बारिश होनी थी, पर यह आंकड़ा 335.2 मिमी पहुंच चुका है। हालांकि झारखंड, बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल में सूखे जैसे हालात हैं। देश की कुल आबादी का 38% हिस्सा इन 4 राज्यों में रहता है। आबादी के लिहाज से सबसे बड़े उत्तर प्रदेश में सामान्य से 65% कम बारिश हुई है। बिहार में 42%, झारखंड में 49% और प. बंगाल में 24% कम बारिश हुई है।

मौसम विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक 1901 से अब तक 122 साल के रिकॉर्ड में 1974 के बाद यह दूसरा मौका है जब बारिश के वितरण इतना असमान है। मौसम विभाग बारिश को 4 श्रेणियों में रिकॉर्ड करता है- हल्की (7.5 मिमी तक), मध्यम (7.5 से 35.5 मिमी), भारी (35.5 से 244.5 मिमी) और बहुत भारी (244.5 मिमी से ज्यादा)। बीते 45 दिन में हल्की बारिश 1.6% बढ़ी है, जबकि मध्यम दर्जे की बारिश में 8.9%, भारी बारिश में 23.2% और अत्यधिक भारी बारिश की घटनाओं में 186.2% का इजाफा हुआ है।

क्या होगा कृषि पर असर

राज्य में कम बारिश से कई जिलों के खेतों में धान के बिचड़े सूख गए हैं। सूखे की हालात है। धान बुआई में हुई देरी की भरपाई के लिए बीएयू के कृषि वैज्ञानिक डॉ रमेश कुमार ने बताया कि किसानों को रोपा छोड़ देना चाहिए। जहां बारिश हो रही है, वहां सीधे बुआई करनी चाहिए। किसान अरहर, उरद, मक्का और मूंग की खेती पर ध्यान दे सकते हैं।

एक्सपर्ट बोले- मॉनसून टर्फ लाइन रास्ते से भटकी

मॉनसून विशेषज्ञ एसपी यादव ने बताया कि करीब 9 साल पहले 2013 में मॉनसून की टर्फ लाइन झारखंड, बिहार हाेकर नहीं गुजरी थी। उस वर्ष भी भोपाल-गुजरात में भारी बारिश हाे रही थी और झारखंड सूखा था। इस वर्ष भी फिर वही ट्रेंड देखने को मिल रहा है। भाेपाल, गुजरात, महाराष्ट्र में भारी बारिश हाे रही है और यहां कहीं-कहीं रूक-रूक कर हाे रही है। हालांकि 2014 से 2021 तक टर्फ लाइन झारखंड से गुजर रही थी और झारखंड, बिहार और यूपी में झमाझम हुई थी।

कुछ वर्षों के अंतराल पर बदलती है मॉनसून टर्फ लाइन

यादव ने कहा-तीन-चार दिनाें में टर्फ लाइन झारखंड की ओर शिफ्ट हाेगी, पर फिर उसी ओर जाएगी। ऐसे 10-12 अक्टूबर तक मॉनसून की बारिश हाेती है, पर, इस वर्ष यह कुछ पहले खत्म हाे सकती है। टर्फ लाइन बदलने का निश्चित कारण नहीं है।