PAK सेना TTP से लड़ने के लिए तैयार नहीं:दोनों के बीच हुई सीक्रेट डील लीक; तहरीक-ए-तालिबान की शर्तों के आगे झुकी पाकिस्तानी सेना

पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के बीच मई में हुआ समझौता लीक हो गया है। अफगानिस्तान में तालिबान की मदद करने के बाद रावलपिंडी (सेना मुख्यालय) को भरोसा था कि तालिबान TTP पर लगाम लगाएगा। इसके बजाय, अफगानिस्तान में TTP के हजारों सदस्यों को रिहा कर दिया गया।

इमरान सरकार गिरने के बाद शहबाज सरकार में विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने मई के अंत में सीक्रेट वार्ता का विवरण मिलने के बाद इसमें संसद को शामिल किया, लेकिन संसद में दो सुनवाइयों के बाद इस बात का कोई प्रूफ नहीं है कि इस पर कोई कार्रवाई हो रही है।

समझौता कब हुआ
‘पाकिस्तान सरकार और TTP के बीच बातचीत’ हैडिंग वाला सात पेज का समझौता 9 मई 2022 को काबुल में हुआ था। उस दौरान पाक संसद में कहा गया था कि संसद की मंजूरी के बिना कोई करार नहीं होगा, लेकिन कई बिंदुओं पर सहमति पहले बन चुकी थी। जब खुफिया नेतृत्व संसद को ब्रीफिंग दे रहा था, तब तक तालिबान कैदियों की रिहाई शुरू हो चुकी थी। दो शीर्ष कमांडरों, मुस्लिम खान (31 नागरिक और जवानों की हत्या के लिए मौत की सजा) और महमूद खान (चीनी इंजीनियरों के अपहरण के लिए 20 साल की सजा) को गुप्त रूप से रिहा कर दिया गया। जुलाई की शुरुआत में दूसरी संसदीय ब्रीफिंग में एक सांसद ने यह पता लगा लिया कि 2 TTP कमांडरों को राष्ट्रपति के क्षमादान के तहत छोड़ा जा चुका है।

पाक सेना TTP पर से प्रतिबंध हटाने तैयार
सेना TTP पर से प्रतिबंध हटाने पर राजी हो गई थी। TTP को पाक में सशस्त्र घूमने की आजादी और मलकंद में शरिया कानून लागू करने जैसे बिंदुओं पर विचार कर रही थी। आर्थिक मंदी और खुद के बनाए सियासी संकट के बीच पाकिस्तानी सेना TTP से लड़ने के लिए तैयार नहीं है। इसकी बजाय वो डील करके समय बचाना चाह रही है। इससे हिंसा शुरू हो गई है।

समझौते के मुख्य बिंदु

  • पाक सेना की सीमावर्ती क्षेत्रों से 60% फौज की वापसी, छावनियों तक सीमित रहने पर सहमति बनी थी।
  • TTP सदस्यों को अफगानिस्तान-पाकिस्तान के बीच स्वतंत्र घूमने के लिए सुरक्षित मार्ग देने पर सहमति थी।
  • अफगान तालिबान के साथ TTP की लड़ाई की सूरत में पाकिस्तान सेना सुरक्षित मार्ग देगी।

इमरान सरकार पर लगे TTP को ‘सुरक्षा फिरौती’ देने के आरोप
इस बीच, खैबरपख्तूनवा प्रांत; जिसमें फाटा और मलकंद डिवीजन आते हैं, TTP ने कब्जा कर लिया है। ANP के नेता का दावा है कि यहां इमरान खान की पार्टी PTI के पूर्व नेशनल असैंबली अध्यक्ष असद कैसर सहित कई नेता TTP को ‘सुरक्षा फिरौती’ दे रहे हैं।