मेरठ की हिना UN की यंग क्लाइमेट लीडर:कहानी क्लाइमेंट एक्टिविस्ट की, जिसे भूमि पेडनेकर ने सराहा; अब शुद्ध हवा के लिए करेंगी स्ट्राइक

मेरठ के गांव सिसौला की रहने वाली हिना सैफी संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित भारत के 17 यंग क्लाईमेट चेंज लीडर में से एक हैं। UN के इस अभियान से जुड़ने वाली हिना अपने गांव में बच्चों की शिक्षा और पर्यावरण के लिए काम कर रही हैं। हिना के काम की तारीफ अभिनेत्री भूमि पेडनेकर भी कर चुकी हैं।

आने वाले 23 सितंबर को हिना अपने गांव में क्लाइमेंट स्ट्राइक करने जा रही हैं। हिना ने दैनिक भास्कर से अपने इस संघर्ष के सफर को शेयर किया।

  • आइए जानें हिना की कहानी

सातवीं कक्षा से ही पर्यावरण से जुड़ी

हिना कहती हैं, “मुझे पर्यावरण पर काम करने का शौक था। इसके लिए पहला प्रयास सातवीं कक्षा से ही शुरू कर दिया था। स्कूल में पर्यावरण से जुड़ी एक्टिविटी में शामिल होती। वहीं से एन ब्लॉक एनजीओ से जुड़ी। एनजीओ लीडर मुकेश कुमार के सहयोग से आगे बढ़ती गई। पर्यावरण संरक्षण, हवा की गुणवत्ता और रिन्यूएबल एनर्जी के लिए लोगों को जागरूक करती हूं। यूएन के इस अभियान से जुड़ने से पहले अपने गांव में बच्चों की शिक्षा और पर्यावरण पर काम करती थी। लोगों को घर-घर जाकर पर्यावरण, सोलर एनर्जी का महत्व बताती हूं। आयोजन कराती हूं लोग धीरे-धीरे समझ रहे हैं।”

गांव में 5वीं तक स्कूल, मैं यहां की पहली BBA होल्डर

मेरे गांव सिसौला में लड़कियों को पढ़ाई के लिए बहुत लड़ना पड़ता है। गांव में केवल मिडिल तक स्कूल है। 10वीं तक की पढ़ाई मैंने अपनी मौसी के घर रहकर की है। इंटर करने के लिए घरवालों को बहुत मनाना पड़ा। अब कॉलेज से बीबीए कर चुकी हूं। एमबीए की तैयारी है। एमबीए करने वाली अपने परिवार की मैं पहली लड़की हूं।

मम्मी, पापा नाराज थे कहते थे ये काम छोड़ दो
वह कहती हैं, “मैं गांव के मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखती हूं। मेरे लिए ये काम बहुत चैलेंजिग रहा है। डोर टू डोर जाकर लोगों को अवेयर करना, कचरा फैलाने से मना करना, यही मेरा काम है। जब मम्मी-पापा ने मुझे ये सब करते हुए देखा तो बहुत नाराज हुए। मैं घर में 4 बहनों, 1 भाई में दूसरे नंबर की हूं। बड़ी बेटी होने के कारण पापा को ये पसंद नहीं था। दादी, दादा ने भी मना किया। मगर मैंने अपना काम नहीं छोड़ा। जब यूएन ने क्लाइमेंट लीडर के रूप में मुझे भारत के 17 युवाओं में चुना तो अब्बू, अम्मी परिवार खुश हुआ। तब सबको लगा कि ये काम सही है। परिवार साथ है, बस लोगों को मनाना है कि वो भी गंदगी करना छोड़ दें। मुझे लगता है अगर आप किसी काम को करते हुए रिजल्ट दो तो आपका परिवार हमेशा आपके साथ है।”

पर्यावरण संरक्षण को ग्राउंड वर्क चाहिए

हमने पर्यावरण जागरुकता के लिए वाराणसी में घाट पर नकली फेफड़े बनाकर लोगों को धुएं का खतरा लाइव दिखाया, तो लोग समझे। ऐसे काम हर स्तर पर करने होंगे। बड़ी प्लानिंग बनाने से नहीं ग्राउंड पर उतरने से काम होता है। सरकार को नॉक करना होगा कि पर्यावरण बचाने के लिए ये कदम उठाया जाए।

सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स बनाने से नहीं। जमीन पर उतरकर काम करने से बात बनती है। क्लाइमेंट के लिए ग्लासगो मीट में बात होती है लेकिन हमारे देश में राजनीति का मुद्दा कभी पर्यावरण नहीं रहा। कोई नेता इस पर काम नहीं करना चाहता। देश में जो विकास हो रहा है वो ईकोफ्रैंडली किया जाए। गांवों और खेती को पूरी तरह सोलर एनर्जी पर शिफ्ट किया जाए। इससे प्रदूषण बचेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने 2070 तक नेट ज़ीरो उत्सर्जन करने का वादा किया लेकिन उसे धरातल पर साबित करना होगा।

23 सितंबर को क्लाइमेंट स्ट्राइक

पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने गांव के लोगों को जगाने के वास्ते हम 23 सितंबर को क्लाइमेंट स्ट्राइक कर रहे हैं। प्रदूषण से बचाव की जितनी जानकारी शहरवासियों के लिए जरुरी है, उतनी ही इसमें ग्रामीणों की भी हिस्सेदारी होना चाहिए। अब गांव भी पॉल्यूशन से बचे नहीं हैं। गांवों से भी प्रदूषण में बड़ा हिस्सा जा रहा है। वो अंडरग्राउंड वाटर, पराली जलाना, फसलों के अवशेष से लेकर पशुओं के अवशेष, प्लास्टिक जलाना, कचरे का मिसमैनजमेंट सब है। इसलिए ग्रामीणों को भी पर्यावरण संरक्षण में बढ़ना होगा। इसलिए मैं गांवों में बच्चों से लेकर बड़ों को इस मुहिम से जोड़ना चाहती है। यह आयोजन है। इसमें स्कूली बच्चे, महिलाएं शामिल होंगी।

क्या है यूएन का वी द चेंज अभियान

भारत में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने जलवायु परिवर्तन पर स्थानीय नेतृत्व को प्रदर्शित करने के इरादे से ‘हम ही बदलाव हैं’ नामक अपनी जलवायु मुहिम शुरू की है। इस अभियान के तहत, संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप26) से कुछ हफ्तों पहले, भारत के 17 युवाओं को यूएन ने क्लाइमेंट लीडर के रूप में चुना है। ये क्लाइमेंट लीडर ‘वी द चेंज’ मुहिम के जरिए भारत में जलवायु संरक्षण पर काम करेंगे।

भारत में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने जलवायु परिवर्तन पर स्थानीय नेतृत्व को प्रदर्शित करने के इरादे से ‘We The Change’ (‘हम ही बदलाव हैं’) नामक अपनी जलवायु मुहिम शुरू की है। इस अभियान के तहत, संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप26) से कुछ हफ्तों पहले, भारत के 17 युवाओं को यूएन ने क्लाइमेंट लीडर के रूप में चुना है। ये क्लाइमेंट लीडर #WeTheChangeNow मुहिम के जरिए भारत में जलवायु संरक्षण पर काम करेंगे।

यूएन द्वारा भारत में चुने गए 17 यंग क्लाइमेंट लीडर में मेरठ की हिना सैफी भी हैं शामिल

‘वी द चेंज’ अभियान से जुड़े ये 17 युवा जलवायु नेता, अक्षय ऊर्जा, वन प्रबन्धन, वित्तपोषण, जलवायु उद्यमिता, टिकाऊ कृषि, आपदा जोखिम में कमी, पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली, जल संरक्षण और अपशिष्ट प्रबन्धन सहित विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार पर काम कर रहे हैं। हिना सैफी इन 17 यूएन यंग क्लाइमेंट लीडर में से एक हैं। 19 साल की हिना यूपी के ‘100% अभियान’, जलवायु एजेण्डा और ‘En Bloc’ से जुड़ी हुई हैं। इसके आधार पर ही हिना को यूएन क्लाइमेंट यंग लीडर चुना गया है।