नीति आयोग की तर्ज पर ‘स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन’ का पुनर्गठन:CM योगी होंगे अध्यक्ष, 2027 तक प्रदेश को बनाना है 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था

योगी सरकार ने भारत सरकार के नीति आयोग की तर्ज पर उत्तर प्रदेश राज्य नीति आयोग के पुनर्गठन का प्रस्ताव कैबिनेट में पास कर द‍िया है। इस नए आयोग का नाम होगा- STC यानी ‘स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन’ रखा गया है। लखनऊ के योजना भवन में इसका मुख्यालय होगा। CM योगी इसके अध्यक्ष होंगे।

दरअसल, मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में राज्य योजना आयोग के पुनर्गठन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई। नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014-15 में केंद्रीय योजना आयोग की जगह नीति आयोग का गठन किया था। उसके बाद नीति आयोग ने तत्कालीन सपा सरकार को प्रदेश में राज्य योजना आयोग की जगह राज्य नीति आयोग के गठन का प्रस्ताव दिया था।

2017 में भंग हो गया था राज्य योजना आयोग

सपा सरकार ने इस प्रस्ताव पर कोई कार्रवाई नहीं की। 2017 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद राज्य योजना आयोग के तत्कालीन उपाध्यक्ष नवीन चंद वाजपेयी ने इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के साथ ही आयोग अपने-आप भंग हो गया।

इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार के नीति आयोग की तर्ज पर प्रदेश में भी योजना आयोग का पुनर्गठन करने के निर्देश दिए थे। योगी सरकार में भी करीब दो साल तक मामला ठंडे बस्ते में रहा। बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय नीति आयोग की बैठक के बाद प्रदेश का योजना विभाग आयोग पुनर्गठन को लेकर फिर सक्रिय हुआ है। और अब इस प्रस्ताव पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है।

CM होंगे ‘स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन’ के अध्यक्ष

सीएम ‘स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन’ के अध्यक्ष होंगे तो, उपाध्यक्ष के लिए अनुभवी लोक प्रशासक/शिक्षाविद/विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञ का मनोनयन मुख्यमंत्री करेंगे। उपाध्यक्ष का कार्यकाल अधिकतम 3 वर्ष होगी। जिसे विशेष परिस्थितियों में 2 वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकेगा। इस अवधि के संबंध में मुख्यमंत्री के अनुमोदन से आवश्यकतानुसार बदलाव किया जा सकेगा। उपाध्यक्ष का मुख्यालय लखनऊ स्थित योजना भवन होगा। इसके अलावा 10 सदस्य भी होंगे। यह सभी सदस्य 10 विभागों के कैबिनेट या राज्यमंत्री होंगे। इनमें से कुछ विशेष आमंत्रित सदस्य भी हो सकते है। बड़ी बात यह भी है कि सीएम के परमिशन से ‘स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन’ में कभी भी किसी भी तरह का संशोधन या बदलाव किया जा सकेगा।

  1. वित्त मंत्री,
  2. कृषि मंत्री,
  3. समाज कल्याण मंत्री,
  4. ग्राम्य विकास मंत्री,
  5. पंचायती राज मंत्री,
  6. चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री,
  7. औद्योगिक विकास मंत्री,
  8. जल शक्ति मंत्री,
  9. नगर विकास मंत्री तथा
  10. नियोजन विभाग के मंत्री/राज्यमंत्री

विभागों के हेड होंगे शासकीय पदेन सदस्य

यूपी में मुख्य सचिव के अलावा 11 विभागों के हेड भी ‘स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन’ के शासकीय पदेन सदस्य होंगे। यह इन विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या फिर सचिव हो सकते है। इसके अलावा मुख्यमंत्री द्वारा नामित सामाजिक सेक्टर से संबंधित विषय विशेषज्ञ, कृषि एवं सवर्गीय सेवाओं से संबंधित विषय विशेषज्ञ, अर्थव्यवस्था एवं वित्त क्षेत्र से संबंधित विषय विशेषज्ञ और औद्योगिक विकास/निवेश,प्रौद्योगिकी,ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित विशेषज्ञ ‘स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन’ के गैर-सरकारी सदस्य होंगे।

  1. कृषि उत्पादन आयुक्त,
  2. अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त,
  3. समाज कल्याण आयुक्त या अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव समाज कल्याण,
  4. अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव वित्त,
  5. अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव कृषि,
  6. अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव नगर विकास,
  7. अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव ग्राम्य विकास,
  8. अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण,
  9. अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास,
  10. अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन
  11. अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव नियोजन

स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन क्या करेगा?

  • ‘स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन’ का काम राज्य के विभिन्न प्रकार के संसाधनों जैसे भौतिक, वित्तीय और जनशक्ति का अनुमान लगा कर राज्य के विकास में इनके बेहतर उपयोग की नीति तैयार कर सुझाव देना होगा।
  • इसके साथ ही राष्ट्रीय एजेण्डा के उद्देश्यों, प्राथमिकताओं के साथ ही राज्य की आवश्यकताओं, संसाधनों व क्षमता को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रवार और काम के अनुसार अल्पकालीन और दीर्घकालीन नीति बनाना, ताकि क्षेत्रीय असंतुलन भी दूर हो सके।
  • आम जनता के जीवन स्तर में सुधार के लिए तंत्र विकसित करने तथा राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में रुकावट बनने वाले करने वाले वजहों को तलाशना और विकास के एजेंडे को सफल बनाने के लिए समाधान ढूंढना।
  • आर्थिक सुधारों के लिए PPP यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के माध्यम से उपलब्ध वित्तीय स्त्रोत और संसाधनों का बेहतर उपयोग के लिए सुझाव देना।विकास कार्यों के आउटकम का नियमित रूप से मूल्यांकन करते हुए सुझाव देना।
  • सूचना प्रौद्योगिकी, डिजिटल टेक्नोलॉजी और आधुनिकतम संचार साधनों का अधिक से अधिक उपयोग करने, उच्च तकनीकी संस्थाओं से कोऑर्डिनेट कर नॉलेज का लाभ लेने के लिए रिसोर्स सेंटर और नॉलेज हब के रूप में कार्य करना।
  • साथ ही विकास कार्यों की प्रगति की नियमित रूप से समीक्षा करते हुए जरूरी मार्गदर्शन देना।

STC का टारगेट- UP की अर्थव्यवस्था को 2027 तक 01 ट्रिलियन डॉलर पहुंचाना

नीति आयोग के तर्ज पर उत्तर प्रदेश में राज्य योजना आयोग का पुनर्गठन करते हुए एक नई संस्था बनाई गई है। इसका उद्देश्य यूपी की अर्थव्यवस्था को साल 2027 तक 01 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंचाना है। इसे जमीन पर उतारने के लिए विभागों को लगातार मार्गदर्शन, रणनीति और सुझाव दिया जाना जरूरी है। ‘स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन’ को थिंक टैंक के रूप में समावेशी विकास के लिए काम करना है। ताकि यूपी इस टारगेट को हासिल कर सके।

UP में 1972 को राज्य योजना आयोग का गठन हुआ था

उत्तर प्रदेश में नियोजन प्रक्रिया को व्यापक एवं नियोजन मशीनरी के सुदृढ़ीकरण तथा पॉलिसी मैनेजमेंट के लिए 24 अगस्त, 1972 को राज्य योजना आयोग का गठन हुआ था। केन्द्रीय योजना आयोग, भारत सरकार का गठन साल1950 में हुआ था। इसके बाद 01 जनवरी, 2015 को योजना आयोग, भारत सरकार को समाप्त करते हुए नीति आयोग, भारत सरकार का गठन हुआ है।

नीति आयोग की तरह काम करेगा STC

जैसे नीति आयोग की परिकल्पना में राष्ट्रीय उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए राज्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं, क्षेत्रों और रणनीतियों का एक साझा दृष्टिकोण विकसित करना है। ठीक उसी तरह STC भी प्रदेश में काम करेगा। नीति आयोग राज्यों के साथ संरचनात्मक सहयोग की पहल और मौजूदा तंत्रों के माध्यम से सहयोगपूर्ण संवाद को बढ़ाना है। साथ ही आर्थिक रणनीति और नीति में राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को भी सम्मिलित करना है।

लंबे समय के लिए नीति कार्यक्रम का ढांचा तैयार करने, पहल करने और उसकी प्रगति और क्षमता को मॉनिटर करना भी इसका काम होगा। । नीति आयोग एक थिंक टैंक के रूप में विभिन्न संस्थाओं के बीच परामर्श और भागीदारी को प्रोत्साहन देता है। ऐसे ही STC भी थिंक टैंक के रूप में काम करेगा।