ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन:यूनिवर्सिटीज-स्कूलों पर पुलिस की रेड, नाबालिग लड़कियां तक गिरफ्तार; 9 विदेशी भी अरेस्ट

ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन जारी हैं। पुलिस और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) का दमन भी उतनी ही तेजी से हो रहा है। रविवार को पुलिस ने तेहरान की शरीफ यूनिवर्सिटी पर छापा मारा। सैकड़ों स्टूडेंट्स को गिरफ्तार कर लिया गया। इतना ही नहीं देश के कई स्कूलों पर भी रेड की गई। नाबालिग छात्राओं को भी गिरफ्तार कर लिया गया। इटली की एक ट्रैवल ब्लॉगर समेत कुल 9 विदेशी नागरिकों को भी अरेस्ट किया गया है।

इस बीच, 16 सितंबर से जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच पहली बार सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामनेई का बयान सामने आया। रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की एक परेड के बाद उन्होंने विवाद का सारा ठीकरा अमेरिका और इजराइल के सिर पर फोड़ दिया। विरोध प्रदर्शनों में कुल 96 लोगों की मौत हो चुकी है।

ईरान में 16 सितंबर को महसा अमीनी की मॉरल पुलिस की कस्टडी में मौत हो गई थी। उन्हें 13 सितंबर को हिजाब न पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद देश में हिजाब और सख्त पाबंदियों के खिलाफ विरोध प्रर्दशन शुरू हुए।

यूनिवर्सिटी और स्कूलों पर रेड क्यों

  • रविवार को राजधानी तेहरान की शरीफ यूनिवर्सिटी पर पुलिस और IRGC ने रेड की। ‘अलजजीरा’ टीवी चैनल के मुताबिक- जिस वक्त रेड की गई, उस वक्त यूनिवर्सिटी में हिजाब विरोधी प्रदर्शन चल रहे थे। सुरक्षा बलों का कहना है कि शरीफ यूनिवर्सिटी में ही विरोध और हिंसा की रणनीति तैयार की जा रही है। यहां पुलिस ने छापा मारा और सैकड़ों स्टूडेंट्स को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान हिंसा हुई और कई छात्र जख्मी हो गए।
  • ईरान की न्यूज एजेंसी IRNA के मुताबिक- यूनिवर्सिटी को तो खाली करा लिया गया, लेकिन स्टूडेंट्स राजधानी की गलियों में फैल गए और देर रात तक प्रदर्शन करते रहे। यूनिवर्सिटी ने अगले आदेश तक सभी क्लासेज ऑनलाइन ऑपरेट करने का आदेश जारी कर दिया है।
  • मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने छोटे शहरों के कुछ गर्ल्स स्कूलों पर भी छापा मारा और नाबालिग लड़कियों तक को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कहा कि जांच के बाद ही इनको रिहा किया जाएगा।
  • विरोध प्रदर्शन इतनी तेजी से फैल रहे हैं कि तेहरान के अलावा शिराज, मशहाद और सानादाज शहरों में भी हालात बेहद खराब हो गए हैं। पुलिस की मुश्किल यह है कि प्रदर्शनकारी अब गलियों तक फैल गए हैं।
  • दूसरे देशों में रहने वाले ईरानी नागरिकों ने टोरंटो और कैलिफोर्निया समेत कुल 150 शहरों में प्रदर्शन का ऐलान किया है। ये लोग इसके सोशल मीडिया पर पोस्ट भी शेयर कर रहे हैं।
  • खामनेई बोले- अमेरिका और इजराइल की चाल
    ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामनेई 16 सितंबर को प्रदर्शन शुरू होने के बाद पहली बार बोले। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, 83 साल के खामनेई ने कहा- यह विरोध प्रदर्शन नहीं, दंगे हैं। इसके पीछे साफ तौर पर अमेरिका और यहूदी यानी इजराइल का हाथ है। उनके एजेंट्स हिंसा करा रहे हैं। इन क्रिमिनल्स और चोरों का विरोध करें।

    खामनेई ने आगे कहा- युवा लड़की (माहसा अमिनी) की मौत का हमें भी दुख है। लेकिन, क्या बिना सबूत और बिना जांच के आप हिंसा करेंगे? पवित्र ग्रंथ जलाएंगे। मस्जिदों और कारों में आग लगाएंगे। हिजाब पहनने वाली महिलाओं के हिजाब उतारेंगे।

  • ​​​​​9 विदेशी गिरफ्तार
    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद अब तक 9 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड्स और पौलेंड के नागरिक शामिल हैं।
    इटली की रहने वाली ट्रेवल ब्लॉगर एलीसिया पिपर्नों को तेहरान में थीं। उनके पेरेंट्स ने कहा- पिछले हफ्ते बुधवार को हमने बेटी से बात की थी। उस दिन एलीसिया का बर्थडे था। रविवार को हमारे पास उसका फोन आया। उसने कहा कि वो तेहरान की जेल में है।

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिजाब विरोधी प्रदर्शन 164 शहरों तक पहुंच चुके हैं। इनका असर 31 राज्यों में देखा जा रहा है। माहसा की मौत के बाद अब तक 96 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार की मुश्किल यह है कि वो जितना विरोध दबाने की कोशिश कर रही है, ये उतना ही तेजी से फैल रहा है।