महिला RAS ने वकीलों-दलाल को साथ बताया तो हटाया:ऑफिस के बाहर लिखा- नगर निगम कार्यालय में बहुत से अपराधी, दलाल और वकील घूमते

राजस्थान में जहां कुछ नेता आईएएस-आरएएस अफसरों की शिकायतें कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ सरकार अफसरों पर एक्शन भी ले रही है। ताजा मामला महिला आरएएस अफसर कनक जैन से जुड़ा है। कनक जैन नगर निगम जयपुर के सिविल लाइंस जोन में उप-आयुक्त पद पर कार्यरत थीं। जिन्हें बुधवार को निलंबित कर दिया गया है। कार्मिक विभाग द्वारा बुधवार को जारी आदेशों में कहा गया है कि आरएएस जैन के विरुद्ध विभागीय जांच चल रही है, जिसके चलते निलंबित किया गया है।

इधर भास्कर ने जब इस मामले की पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। असल में जैन ने हाल ही अपने कार्यालय में 4 नवंबर को एक विवादित नोटिस चस्पा कर दिया था। इस नोटिस में लिखा था कि नगर निगम कार्यालय में बहुत से अपराधी, दलाल और वकील घूमते रहते हैं, जो यहां आने वाले लोगों को स्वयं को नगर निगम का कर्मचारी बताकर उनका काम करने का झांसा देते हैं।

जैन के इस नोटिस के बाद वकील समुदाय में भारी रोष व्याप्त हो गया कि एक नोबल प्रोफेशन को अपराधियों और दलालों के साथ शामिल करके नोटिस क्यों लगाया गया। चूंकि निगम कार्यालय से जुड़े बहुत से काम ऐसे हैं जहां वकीलों की भी आ‌वश्यकता होती है। आम लोग उन्हें साथ लेकर जाते हैं। ऐसे में आरएएस जैन का यह नोटिस किसी भी सूरत में उचित नहीं माना जा सकता था।

बार काउंसिल और वकील समुदाय ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, महापौर आदि तक पहुंचाई और अंतत: बुधवार शाम को उन्हें निलंबित करने की कार्रवाई हुई।

आरएएस जैन के खिलाफ एसीबी ने मांगी थी जांच के लिए मंजूरी

इससे पहले एक रोचक वाकया यह भी है कि आरएएस जैन के खिलाफ एक कब्रिस्तान 10 करोड़ रुपए की जमीन का पट्‌टा 501 रुपए मात्र में देने की तैयारी में शामिल होने की शिकायत एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) को मिली थी। शिकायत की जांच करने पर एसीबी को जैन की भूमिका संदिग्ध नजर आई। जिसके बाद एसीबी ने जैन की भूमिका की जांच करने के लिए स्वायत्त शासन विभाग से मंजूरी भी मांगी थी। यह मंजूरी 7 सितंबर को मांगी गई थी। इस पूरे प्रकरण की शिकायत भी मुख्यमंत्री गहलोत व जयपुर हेरिटेज निगम की महापौर मुनेश गुर्जर तक को भी की गई थी।

वकीलों का जिक्र अपराधियों के साथ करना खराब मानसिकता है

राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव गिरिराज प्रसाद शर्मा ने भास्कर को बताया कि वकालत एक ऐसा पेशा है, जिसके तहत वकील लोग पीड़ितों को न्याय दिलाते हैं। उनका जिक्र दलालों और अपराधियों के साथ करना अफसरों की खराब मानसिकता को दर्शाता है। हमने मुख्यमंत्री तक आरएएस जैन की इस प्रकरण में शिकायत की, जिसका परिणाम अब आया है।

बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बी. माथुर ने भास्कर को बताया कि वकील समुदाय ने अपने मान-सम्मान की लड़ाई लड़ी। यह नोटिस वकीलों की अवमानना था। एक निंदनीय कृत्य था, जो आगे कभी नहीं होना चाहिए। जब कोई आम आदमी या सरकारी अफसर किसी मामले में फंसते हैं, तो उनकी मदद कोई ना कोई वकील साथ ही करते हैं। फिर वकीलों के विषय में ऐसी सोच रखना तो बहुत गलत है।