चीन में सरकारी सख्ती के बावजूद उग्र प्रदर्शन:ग्वांगझू में पुलिस पर कांच की बोतलें फेंकी, जिनपिंग विरोधी नारे लगाए

चीन में पुलिस की सख्ती के बावजूद जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। ग्वांगझू शहर से एक वीडियो सामने आया है जिसमें प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प देखी जा सकती है। ग्वांगझू शहर में लोग पुलिस पर कांच की बोतलें फेंकते नजर आए। साथ ही लोगों ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ नारेबाजी भी की।

पुलिस प्रोटेस्ट को दबाने के लिए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ रही है। लोगों को जबरदस्ती गिरफ्तार किया जा रहा है। दरअसल, लोग कोरोना पाबंदियों के नाम पर सरकारी सख्ती से नाराज हैं। चीन के शिंजियांग में 25 नवंबर को बिल्डिंग में आग से 10 लोगों की मौत के बाद लोगों का गुस्सा भड़क उठा था। आरोप है कि लॉकडाउन की वजह से समय पर रेस्क्यू टीम नहीं पहुंच सकी थी।

लोग पथराव कर रहे, पुलिस खुद को बचा रही
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को विलियम यांग नाम के पत्रकार ने शेयर किया है। इसमें देखा जा सकता है कि प्रदर्शन रुकने की बजाय उग्र हो रहे हैं। लोग पुलिस पर पथराव भी कर रहे हैं। इसमें सफेद PPE किट पहनी पुलिस खुद को बचाती हुई नजर आ रही है।
लोगों को हथकड़ियां पहनाकर अरेस्ट किया जा रहा
रॉयटर्स के मुताबिक, एक अन्य वीडियो में पुलिस कुछ लोगों को ले जाती हुई दिख रही है। इन लोगों के हाथ में हथकड़ियां लगी हुई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस अपनी गाड़ियों में जबरदस्ती डाल कर ले जा रही है।

लोगों को घरों में कैद किया, फोन की तलाशी ली जा रही
सरकार इतनी सख्त हो गई है कि प्रदर्शनकारियों को घर से बाहर तक नहीं निकलने दे रही है। कई शहरों में भारी पुलिस बल मौजूद है जिसके चलते लोग इकट्ठा नहीं हो पा रहे हैं। पुलिस तुरंत भीड़ को खदेड़ रही है। कई रिपोर्ट्स के मुताबिक लोगों से सवाल किए जा रहे हैं और उनके फोन की तलाशी ली जा रही है।

1. पहले वो वजह, जिससे लोगों का गुस्सा भड़का
चीन में 10 महीनों से जीरो कोविड पॉलिसी लागू है। कई तरह की पाबंदियां हैं, लेकिन गुस्सा तब भड़क गया, जब चीन के शिंजियांग में 25 नवंबर को एक बिल्डिंग की 15वीं मंजिल में आग लगी गई। इस हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई। लॉकडाउन की वजह से राहत समय पर नहीं पहुंच सकी। लोगों ने आरोप लगाया कि अफसरों ने लापरवाही की। इसके बाद बीजिंग में लोग सड़कों पर उतर आए और प्रदर्शन शुरू हो गए।

2. नए लचीले नियम नहीं मान रहे अफसर
नए नियमों में लोगों को प्रतिबंधों से ढील दी गई है और इसे अर्थव्यवस्था को कम नुकसान पहुंचाने वाला बनाया गया है, लेकिन कोविड केस बढ़ने के कारण स्थानीय अधिकारी सख्त नियमों को छोड़ने को तैयार नहीं हैं। नियमों में छूट की बजाय अधिकारी पूर्व की तरह जीरो कोविड नीति की ओर ही लौट रहे हैं।

3. जिनपिंग गद्दी छोड़ो के नारे लगा रहे
लोग जिनपिंग गद्दी छोड़ो, कम्‍युनिस्‍ट पार्टी गद्दी छोड़ो, शिनजियांग को अनलॉक करो, चीन को अनलॉक करो, पीसीआर टेस्‍ट नहीं चाहिए, प्रेस की आजादी चाहिए जैसे नारे लगा रहे हैं। हमें डिक्टेटरशिप की बजाय डेमोक्रेसी चाहिए। लोग सड़कों पर बैनर लेकर खड़े हैं। बैनर पर लिखा है- नीड ह्यूमन राइट, नीड फ्रीडम।

4. लोग ब्लैंक व्हाइट पेपर दिखा रहे
प्रदर्शनकारी असंतोष जताते हुए खाली सफेद कागज (ब्लैंक व्हाइट पेपर) लेकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं। बीजिंग में भी स्टूडेंट्स ब्लैंक व्हाइट पेपर लेकर साइलेंट प्रोटेस्ट करते दिखे। ये एक तरह से सेंसरशिप या गिरफ्तारी से बचने के तौर पर किया जाने वाला विरोध है।

विरोध पर चीनी मीडिया ने चुप्पी साधी
चीनी मीडिया इस विरोध प्रदर्शन को लेकर चुप है। वहां विरोध से जुड़ी कोई खबरें नहीं दिखाई जा रही हैं। हालांकि, चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में एक आर्टिकल पब्लिश हुआ है, जिसमें ये कहा गया है कि वेस्टर्न मीडिया जीरो कोविड पॉलिसी से जुड़े इस मामले को हवा दे रहा है। फुदान यूनिवर्सिटी के एक अधिकारी के हवाले से इसमें लिखा गया है- आपसी मतभेद के चलते वेस्टर्न कंट्रीज चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की निंदा कर रही हैं।