उत्तराखंड के औली में चीन बॉर्डर के पास भारत और अमेरिका की मिलिट्री एक्सरसाइज हो रही है। इस पर चीन ने आपत्ति जताई है। चीन का कहना है कि इससे भारत-चीन के बीच भरोसा और रिश्ते मजबूत नहीं होंगे।
चीनी विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन झाओ लिजियान ने कहा- अमेरिका और भारत के बीच हो रहा युद्धाभ्यास चीन और भारत के बीच आपसी विश्वास को पूरा नहीं करता है। चीन बॉर्डर के पास दोनों देशों की ये मिलिट्री ड्रिल भारत-चीन के बीच 1993 और 1996 में हुए एग्रीमेंट के खिलाफ है। इससे भारत और हमारे रिलेशन मजबूत नहीं होंगे।
LAC से महज 100 किलोमीटर दूर हो रही मिलिट्री ड्रिल
भारत और अमेरिका के बीच यह मिलिट्री एक्सरसाइज 15 नवंबर से शुरू हुई, जो 2 दिसंबर तक चलेगी। ये औली में हो रही है, जो LAC से महज 100 किलोमीटर दूर है। इस एक्सरसाइज में पहाड़ों और बेहद ठंडे इलाकों में इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स को परखा जाएगा। ये एक्सरसाइज एक साल भारत में होती है और एक साल अमेरिका में। पिछले साल ये अमेरिका के अलास्का में हुई थी।
भारत-अमेरिका की मिलिट्री एक्सरसाइज अहम
उत्तरांखड से सटा चीन बॉर्डर भारतीय सेना के सेंट्रल सेक्टर का हिस्सा है। ये इलाका भारत और चीन के बीच लंबे समय से विवादित रहा है। दो साल पहले ग्लवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से इस इलाके में चीन की सैन्य गतिविधियां बढ़ीं हैं। इसी वजह है कि भारत और अमेरिका के बीच होने वाली मिलिट्री एक्सरसाइज बेहद अहम है।
LAC पर रूसी हेलिकॉप्टर से पहुंचे दोनों देशों के सैनिक
इस मिलिट्री एक्सरसाइज में रूसी हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया। दोनों देशों के सैनिक रूस के Mi-17V-5 हेलिकॉप्टर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पहुंचे।
Mi-17V-5 दुनिया का सबसे एडवांस ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर है। इसे सेना और हथियारों के ट्रांसपोर्ट, फायर सपोर्ट, रक्षक दल की गश्ती और सर्च-एंड-रेस्क्यू (SAR) मिशन में भी तैनात किया जा सकता है। साथ ही Mi-17V-5 को कार्गो ट्रांसपोर्ट के लिए डिजाइन किया गया है।