न्यूरालिंक के ह्यूमन ट्रायल में हो सकती है देरी:पशु-कल्याण उल्लंघनों को लेकर जांच के दायरे में कंपनी, टेस्ट के लिए 1,500 जानवरों को मारा गया

एलन मस्क की मेडिकल डिवाइस कंपनी न्यूरालिंक पशु-कल्याण उल्लंघनों को लेकर अमेरिकी सरकार की जांच के दायरे में आ गई है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इसे लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की है। 20 से ज्यादा वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों ने रॉयटर्स को बताया है कि इसका पशु परीक्षण जल्दबाजी में किया जा रहा है, जिससे अनावश्यक पीड़ा और मौतें हो रही हैं।

बीते दिनों एलन मस्क ने अपने इस डिवाइस की प्रोगेस रिपोर्ट एक इवेंट में बताई थी। उन्होंने कहा था कि उनके ब्रेन चिप इंटरफेस स्टार्टअप का डेवलप वायरलेस डिवाइस 6 महीने में ह्यूमन ट्रायल के लिए तैयार हो जाएगा। इसके लिए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) को पेपर जमा कर दिए गए हैं। मस्क ने 6 साल पहले ब्रेन कंट्रोल इंटरफेसेस स्टार्टअप की स्थापना की थी।

1,500 से ज्यादा जानवरों को मारा गया
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2018 के बाद से प्रयोगों के कारण 280 से ज्यादा भेड़, सूअर और बंदरों सहित लगभग 1,500 जानवरों को मारा जा चुका है। रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि यह आंकड़ा एक मोटा अनुमान है क्योंकि कंपनी यह रिकॉर्ड नहीं रखती है कि कितने जानवरों पर टेस्ट किया गया और कितनों को मार दिया गया।

कर्मचारियों पर टेस्ट का दबाव
इसके अलावा, कर्मचारियों ने ये भी दावा किया कि मस्क उन पर पशु परीक्षण में तेजी लाने के लिए दबाव डाल रहे हैं। इस कारण कई प्रयोग असफल हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रयोग पूरा होने के बाद जानवरों को आम तौर पर मार दिया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे उन्हें रिसर्च पर्पज के लिए पोस्ट-मॉर्टम की जांच करने में मदद मिलती है।

पशु-कल्याण उल्लंघनों की बात सामने आने के बाद अब ह्यूमन ट्रायल में देरी हो सकती है।