हिमाचल में भाजपा-कांग्रेस में कांटे का मुकाबला:भाजपा 30 और कांग्रेस 35 सीटों पर आगे, CM जयराम ठाकुर को बड़ी लीड

हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों पर काउंटिंग जारी है। रुझानों में कांग्रेस और भाजपा में कांटे की टक्कर है। भाजपा 30 सीटों पर आगे चल रही है तो कांग्रेस को 35 सीटों पर बढ़त मिली है। वहीं, निर्दलीय और अन्य उम्मीदवार 3 सीटों पर आगे चल रहे हैं। AAP अभी खाता नहीं खोल पाई है। प्रदेश में 37 साल पुरानी परंपरा कायम रहेगी या नया इतिहास बनेगा, ये आज दोपहर तक साफ हो जाएगा। हिमाचल में 12 नवंबर को वोटिंग हुई थी।

अपडेट्स….

  • शिमला ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व CM दिवंगत वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह कुल 7233 मतों से आगे चल रहे हैं।
  • CM जयराम ठाकुर अपने निर्वाचन क्षेत्र सेराज में कुल 14,921 मतों से आगे चल रहे हैं।
  • निर्दलीय उम्मीदवार केएल ठाकुर, नालागढ़ और और हितेश्वर सिंह बंजार विधानसभा क्षेत्रों से आगे चल रहे हैं।
  • भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा के गृह जिले की चार में से 2 सीटों पर BJP और दो सीटों पर कांग्रेस आगे है।
  • हिमाचल में 9.25 बजे तक वोट शेयर: कांग्रेस-44.7% वोट, BJP-40.8% और अन्य -12.1%।
  • शुरुआती रुझान में भाजपा को बहुमत मिलने के बाद हिमाचल BJP अध्यक्ष सुरेश कश्यप प्रदेश पार्टी कार्यालय पहुंच गए हैं

शुरुआती रुझान के बाद कांग्रेस के टेंट सूने
पोलिंग के बाद कांग्रेस ने EVM में गड़बड़ी की आशंका जताते हुई कई जगह स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर टेंट लगाए थे। स्ट्रॉन्ग रूम से EVM काउंटिंग सेंटरों पर ले जाए जाने के बाद कांग्रेस के यह तंबू खाली हो गए। बिलासपुर जिले की घुमारवीं सीट की EVM घुमारवीं कॉलेज में रखी गई थी। गुरुवार सुबह यह टेंट खाली नजर आया।

चुनाव को लेकर नेताओं के बयान…

  • हिमाचल में नतीजों से पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा वीरभद्र सिंह ने सीएम पद का दावा किया। उन्होंने कहा- राज्य के लोग चाहते हैं कि वीरभद्र परिवार का कोई व्यक्ति राज्य के विकास की विरासत को आगे बढ़ाए।

11 में से 7 मंत्री कांटे के मुकाबले में फंसे
हिमाचल प्रदेश में हर बार 45 से 75% मंत्रियों के चुनाव हारने का भी ट्रेंड रहा है। इस बार भी जयराम ठाकुर के 11 में से 7 मंत्री कांटे के मुकाबले में फंसे हैं। दो मंत्रियों की तो सीट भी बदली गई। इनमें शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को शिमला शहरी सीट की जगह कसुम्पटी से और वनमंत्री राकेश पठानिया को कांगड़ा जिले की नूरपुर सीट की जगह फतेहपुर से उतारा गया।

पिछले 4 चुनाव में करीब आधे मंत्री हारे

पिछले चार चुनाव का रिकॉर्ड देखें तो हर बार करीब आधे या उससे ज्यादा मंत्री चुनाव हार गए हैं। 2017 के चुनाव में कांग्रेस के CM वीरभद्र सिंह कैबिनेट के 11 में से 5 मंत्री चुनाव हार गए। 2012 में BJP सरकार में CM प्रेम कुमार धूमल के 10 में से 4 मंत्री चुनाव हार गए। 2007 में वीरभद्र सिंह ने एक साल पहले विधानसभा चुनाव कराए लेकिन उनकी कैबिनेट के 10 में से 6 मंत्री अपनी सीट हार गए। इसी तरह 2003 में BJP के CM प्रेम कुमार धूमल की कैबिनेट के 11 में से 6 मंत्री जीत नहीं सके।

2017 में भाजपा के CM फेस धूमल अपने ही चेले से हारे

2017 के चुनाव में BJP ने 68 में से 44 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया, लेकिन उसके मुख्यमंत्री फेस प्रेम कुमार धूमल खुद हार गए। हमीरपुर जिले की सुजानपुर सीट पर धूमल को उन्हीं के ‘हनुमान’ कहे जाने वाले राजेंद्र सिंह राणा ने 1 हजार 919 वोट से हराया। चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस जॉइन करने वाले राणा का वह पहला विधानसभा चुनाव था। धूमल तब अपनी परंपरागत हमीरपुर सीट छोड़कर सुजानपुर से चुनाव लड़ने उतरे थे। 1984 के बाद धूमल की किसी चुनाव में यह पहली हार थी। धूमल केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के पिता हैं।