गुजरात में भाजपा ऐतिहासिक जीत दर्ज करती दिखाई दे रही है। काउंटिंग के रुझानों के मुताबिक भाजपा 182 में से 156 सीटों पर आगे है और एक पर वह जीत चुकी है। अगर ये रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं, तो भाजपा 1985 में कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड तोड़ देगी।
गुजरात में 1985 के विधानसभा चुनाव में माधव सिंह सोलंकी की अगुआई में कांग्रेस ने 149 सीटें जीती थीं। भाजपा 150 का आंकड़ा पार करने पर अपनी जीत का नया बेंचमार्क तो बनाएगी ही, साथ ही साथ कांग्रेस की जीत का रिकॉर्ड भी तोड़ देगी।
भाजपा 150 के पार, कांग्रेस 20 के अंदर सिमटी
गुजरात में कुल 182 सीटों के रुझानों में भाजपा एकतरफा बढ़त लेकर 157 सीटों पर आगे है। कांग्रेस 14 और आम आदमी पार्टी 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। इधर, निर्दलीय और अन्य कैंडिडेट्स के खाते में 5 सीटें जाती दिखाई दे रही हैं। गुजरात में आज सुबह 8 बजे से पहले आधे घंटे में पोस्टल बैलेट्स की गिनती के बाद EVM से काउंटिंग शुरू हुई थी।
बड़ी सीटों में जामनगर से भाजपा की रीवाबा, अहमदाबाद से CM भूपेंद्र पटेल, वीरमगाम से भाजपा के हार्दिक पटेल आगे चल रहे हैं। भाजपा की लीड को देखते हुए पार्टी समर्थकों ने जश्न शुरू कर दिया है। AAP के CM कैंडिडेट इशुदान गढ़वी भी लीड बनाए हुए हैं।
अपडेट्स…
- राजकोट जिले के धोराजी में भाजपा के डॉ. महेंद्र पाडलिया जीते।
- रूझानों पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा- मॉडल ऑफ गुजरात को लोगों ने स्वीकार किया है और इस मॉडल को देश में भी अब लोग स्वीकार कर रहे हैं। यह एक रिकॉर्ड इतिहास में से एक है, मैं इसके लिए जनता को धन्यवाद करता हूं।
- भावनगर (पश्चिम) से बीजेपी के शिक्षामंत्री जीतू वाघाणी 2000 वोटों से आगे चल रहे हैं। पहले राउंड में वे कांग्रेस कैंडिडेट से पिछड़ गए थे।
- वीरमगाम में हार्दिक पटेल ने AAP के अमर सिंह ठाकोर पर बढ़त बना ली है। पहले राउंड में वे पीछे चल रहे थे। इससे पहले उन्होंने दावा किया था कि भाजपा 135 से 145 सीटे जीतेगी।
- मोरबी में भाजपा के कांतिलाल अमृतिया आगे चल रहे हैं। वे ब्रिज हादसे के समय लोगों को बचाने के लिए मच्छू नदी में कूदे थे। जिले की तीनों सीटों मोरबी, टंकारा और वांकानेर पर भाजपा आगे है।
- खंभालिया सीट पर AAP के CM कैंडिडेट इशुदान गढ़वी ने बढ़त बना ली है। यहां भाजपा दूसरे स्थान पर पहुंच गई है।
- सूरत के कतारगाम से AAP के गोपाल इटालिया आगे चल रहे हैं। वहां भाजपा-कांग्रेस और AAP के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।
- मजुरा से गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संधवी आगे हैं। यहां फिलहाल दूसरे नंबर पर कांग्रेस कैंडिडेट है।
- कुतियाणा में लेडी डॉन संतोकबेन जडेजा के बेटे कांधल जडेजा आगे चल रहे हैं। वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
गुजरात की 8 हॉट सीट, इनमें मोदी-शाह और रीवाबा की सीटें
1. जामनगर नॉर्थ से भाजपा की रीवाबा आगे: यहां क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रीवाबा भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। कांग्रेस से दिग्गज नेता बिपेंद्र सिंह जडेजा और AAP के कर्सन करमोर चुनाव लड़ रहे हैं। खास बात यह है कि रीवाबा की ननद नयनाबा उनके खिलाफ प्रचार कर रही थीं। वे जामनगर जिला कांग्रेस की महामंत्री हैं। रीवाबा के ससुर अनिरुद्ध जडेजा भी कांग्रेस कैंडिडेट के समर्थन में ही प्रचार कर रहे थे।
2. मणिनगर (अहमदाबाद): राजकोट-पश्चिम से नरेंद्र मोदी ने 2002 में अपना पहला चुनाव लड़ा था। इसके बाद 2007 और 2012 के चुनाव उन्होंने अहमदाबाद की मणिनगर की सीट से जीते। इस सीट पर पिछले 8 चुनाव से भाजपा का कब्जा है। पार्टी ने यहां से अमूल भट्ट को टिकट दिया है। AAP ने विपुलभाई पटेल और कांग्रेस ने सीएम राजपूत को मैदान में उतारा है।
3. नारणपुरा (अहमदाबाद): अहमदाबाद की नारणपुरा विधानसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद 2012 में अस्तित्व में आई। पहली बार यहां से अमित शाह ने बड़ी जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2017 में बीजेपी के कौशिकभाई पटेल ने यह सीट जीती। इस बार भाजपा ने जितेंद्र भाई पटेल को उतारा है। कांग्रेस से सोनल पटेल और AAP से पंकज पटेल मैदान में हैं।
4. घाटलोडिया (अहमदाबाद) से CM भूपेंद्र पटेल आगे: गुजरात को दो मुख्यमंत्री (भूपेंद्र पटेल और आनंदीबेन पटेल) देने वाली घाटलोदिया सीट से इस बार राज्य के CM भूपेंद्र पटेल मैदान में हैं। पाटीदार वोटर्स के असर वाली इस सीट पर कांग्रेस ने राज्यसभा सांसद अमी बेन याग्निक को टिकट दिया है। AAP से विजय पटेल चुनाव लड़ रहे हैं।
5. वीरमगाम (अहमदाबाद) से हार्दिक पटेल आगे: कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हार्दिक पटेल वीरमगाम सीट से कैंडिडेट हैं। पिछले दो टर्म से इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। 2002 और 2007 में यह सीट जीतने वाली कांग्रेस ने पुराने दिग्गज लाखाभाई भारवाड़ को टिकट दिया है। AAP ने अमर सिंह ठाकोर को चुनाव में उतारा है।
6. मोरबी: कांति अमृतिया साल भाजपा के टिकट पर मोरबी से पांच बार जीत चुके हैं। 2017 में उन्हें कांग्रेस के बृजेश मेरजा ने हराया था। चुनाव के बाद मेरजा विधायकी छोड़कर भाजपा में आ गए थे। इस वजह से 2018 में उपचुनाव हुए। इसमें मेरजा ही जीते।
अब भाजपा ने उनका टिकट काटकर एक बार फिर अमृतिया को मैदान में उतारा है। मोरबी पुल हादसे के वक्त वे लोगों की जान बचाने के लिए मच्छू नदी में कूदे थे। कांग्रेस ने जयंति पटेल और AAP ने पंकज रणसरिया को टिकट दिया है।
7. खंभालिया (द्वारका):खंभालिया सीट इसलिए खास है, क्योंकि यहां AAP के CM कैंडिडेट ईशुदान गढ़वी चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने मुलुभाई हरदासभाई बेरा और कांग्रेस ने सिटिंग MLA विक्रम माडम को टिकट दिया है। उन्होंने 2017 में भाजपा कैंडिडेट को 11 हजार 46 वोटों से हराया था।
इस सीट पर रोचक बात यह है कि ओवैसी की AIMIM ने भी यहां अपना कैंडिडेट उतारा है। ओवैसी की नजर मछुआरों की मुस्लिम आबादी पर है।
8. बायड (अरावली): यहां से पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के बेटे महेंद्र वाघेला मैदान में हैं। महेंद्र सिंह ने 2012 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था। उन्होंने 2017 का चुनाव नहीं लड़ा था और भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, तीन महीने बाद ही वे कांग्रेस में लौट आए थे। यहां भाजपा ने भीखीबेन परमार और AAP ने चुनीभाई पटेल को टिकट दिया है।
इनके अलावा AAP के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया की सीट कतारगाम (सूरत) और कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी वडगाम (बनासकांठा) के चुनाव नतीजों पर भी लोगों की नजर रहेगी। वहीं, सूरत की वराछा से पाटीदार आंदोलन के नेता अल्पेश कथीरिया और वडोदरा की वाघोडिया सीट से भाजपा के बागी मधु श्रीवास्तव के नाम भी चर्चा में हैं।
पोल में भाजपा की जीत
गुजरात में सेकेंड फेज की वोटिंग के बाद भास्कर के गुजराती ऐप ‘दिव्य भास्कर’ ने एग्जिट पोल किया था। इस पोल में भास्कर के 100 पत्रकारों के अलावा तहसील और जिलों के पांच-पांच पत्रकारों-विशेषज्ञों-राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने 182 सीटों पर हार-जीत को लेकर बात की। दिव्य भास्कर के इस पोल के मुताबिक भाजपा कांग्रेस से करीब दोगुनी सीटें जीतती नजर आ रही है।
पोल ऑफ पोल्स में सातवीं बार भाजपा सरकार
देश की पांच बड़ी एजेंसियों ने भी गुजरात में 5 दिसंबर को सेकेंड फेज के चुनाव के बाद एग्जिट पोल किए थे। इन सभी में 27 साल से सत्ता पर काबिज भाजपा रिकॉर्ड 7वीं बार भी सरकार बनाती दिख रही है। नीचे दिए ग्राफिक में आप पांचों पोल्स का महापोल देख सकते हैं…
62 साल के गुजरात में 35 साल कांग्रेस राज
गुजरात में अब तक बनी सरकारों की बात करें, तो 1960 में राज्य बनने के बाद से 1975 तक यहां कांग्रेस की सरकार रही। 1975 में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनी, लेकिन अगले ही चुनाव यानी 1980 में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी कर ली।
पिछले 27 साल से भाजपा सत्ता पर काबिज
गुजरात में 1975 के 15 साल बाद यानी 1990 में एक बार फिर गैर कांग्रेसी सरकार बनी, लेकिन रियल टर्निंग पॉइंट आया 1995 में… जब भाजपा ने पहली बार अपनी दम पर सरकार बनाई। तब केशुभाई पटेल राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। 2001 में भाजपा ने पटेल को हटाकर नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया।
इसके बाद 2002, 2007 और 2012 में नरेंद्र मोदी की अगुआई में भाजपा ने विधानसभा चुनाव जीते। हालांकि, राज्य में पिछला यानी 2017 का चुनाव भी भाजपा ने मोदी के चेहरे पर ही लड़ा था, लेकिन सरकार बचने के बावजूद उसकी सीटें घट गई थीं।
दक्षिण गुजरात में सबसे ज्यादा 70% वोटिंग
गुजरात को सियासी जानकार चार हिस्सों में बांटकर देखते हैं। ये हैं मध्य, उत्तर, दक्षिण और सौराष्ट्र-कच्छ। इन सभी रीजन में सबसे ज्यादा वोटिंग दक्षिण गुजरात में हुई। यहां वोटिंग का आंकड़ा 70.38% रहा। गुजरात के इन चारों रीजन में वोटर्स की संख्या, महिला-पुरुष मतदाताओं के आंकड़े और वोटिंग परसेंट नीचे दिए ग्राफिक में देख सकते हैं…