RBI ने शुक्रवार को कहा है कि देश का बैंकिंग सिस्टम मजबूत और स्थिर है। RBI ने कहा कि वह लगातार बैंकिंग सिस्टम की निगरानी कर रहा है। RBI ने कहा कि उसके पास बड़े कर्जों से संबंधित सूचनाओं का केंद्रीय संग्रह (CRILC) डेटाबेस प्रणाली है, जहां बैंक अपने 5 करोड़ और इससे अधिक के कर्ज की जानकारी देते हैं। इस जानकारी का इस्तेमाल निगरानी के लिए किया जाता है। हालांकि, RBI ने अपने बयान में अडाणी ग्रुप का नाम नहीं लिया।
बैंकों और बीमाकर्ताओं का जोखिम सीमा से बाहर नहीं
इससे पहले शुक्रवार को ही नेटवर्क18 को दिए इंटरव्यू में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहा कि बैंकों और बीमाकर्ताओं का जोखिम “तय लिमिट” के अंदर था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि LIC और SBI दोनों ने ही अडाणी ग्रुप के लिए कुछ स्पेशल व किसी सीमा से बाहर नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि LIC और SBI ने अडाणी के लिए अपने जोखिम पर विस्तृत बयान जारी किया है। LIC और SBI ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनका जोखिम ‘तय सीमा के भीतर है’ और वे मुनाफे में ही हैं।
विपक्ष की मांग- JPC या सुप्रीम कोर्ट पैनल करे जांच
अडाणी ग्रुप में SBI और LIC का पैसा लगाने के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष इसकी जांच जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) या सुप्रीम कोर्ट के पैनल से कराने की मांग कर रहा है। इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश का शेयर मार्केट नियमों के मुताबिक चल रहा है। अडाणी के बिजनेस विवाद की वजह से निवेशकों का भरोसा डगमगाने की आशंका नहीं है।
विपक्ष का आरोप- लोगों की मेहनत का पैसा अडाणी को दिया गया
सरकारी बैंक SBI ने अडाणी ग्रुप को 21.38 हजार करोड़ रुपए का लोन दिया है। वहीं, फाइनेंस और इंश्योरेंस कंपनी LIC ने पिछले कुछ साल में अडाणी ग्रुप में 30,127 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट किया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले LIC का ग्रुप के शेयरों से प्रॉफिट 81,000 करोड़ रुपए था, जो 2 फरवरी को 43,000 करोड़ रुपए रह गया। विपक्षी नेताओं का कहना है कि शेयर बाजार का यह अमृतकाल का सबसे बड़ा महाघोटाला है।
ACE इक्विटी के पास अवेलेबल डेटा के मुताबिक, 31 दिसंबर 2022 तक LIC के पास अडाणी ग्रुप में करीब 1% ( 0.975%) हिस्सेदारी है। बीते 6 ट्रेडिंग सेशन में LIC का अडाणी ग्रुप में इन्वेस्टमेंट लगभग आधा रह गया है। विपक्ष का कहना है कि लोगों की मेहनत का पैसा बर्बाद हो रहा है। लोगों का विश्वास SBI और LIC से उठ जाएगा।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडाणी के शेयर्स में गिरावट
24 जनवरी की शाम को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर की कीमत 3400 रुपए के करीब थी। शुक्रवार को यह करीब एक हजार रुपए तक नीचे आ गया। फिर रिकवर होकर 1,531 रुपए पर बंद हुआ।
हिंडनबर्ग ने कहा- अडाणी ग्रुप की कंपनियों पर भारी कर्ज
हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अडाणी की कंपनियों का प्राइज अर्निंग रेश्यो दूसरी कंपनियों से काफी ज्यादा है। अडाणी ग्रुप ने शेयर मार्केट में हेराफेरी करके अपने शेयरों की कीमत बढ़वाई है। अडाणी ने मॉरीशस और दूसरे देश की कंपनियों में पैसे लगाए। उन कंपनियों ने बाद में अडाणी ग्रुप की कंपनी से शेयर खरीदे।
रिपोर्ट में कहा गया कि अडाणी ग्रुप पर 2.20 लाख करोड़ से ज्यादा का भारी कर्ज है। कंपनियों ने अपनी हैसियत से ज्यादा कर्ज ले रखा है। अडाणी ग्रुप की कई कंपनियों ने तो अपने शेयर तक गिरवी रखकर कर्ज लिए हैं। अडाणी ने बीते दिनों ACC और अंबुजा कंपनी खरीदने के लिए भी कर्ज लिया था। ऐसे में बैंकों के पास वसूलने के लिए अडाणी के शेयर के अलावा और कुछ भी नहीं है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद बीते 9 दिन की बड़ी बातें…
- 24 जनवरी: हिंडनबर्ग ने 106 पेज की रिपोर्ट जारी कर अडाणी ग्रुप पर शेयर बाजार में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे बड़े आरोप लगाए।
- 27 जनवरी: अडाणी एंटरप्राइजेज 20,000 करोड़ का FPO लाया। पहले दिन सिर्फ 1% सब्सक्रिप्शन मिला। इस ऑफर का प्राइस बैंड 3112 से 3276 रुपए प्रति शेयर रखा गया था।
- 29 जनवरी: अडाणी एंटरप्राइजेज का FPO फुल सब्सक्राइब हो गया। इसी दिन अडाणी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को गलत बताया। कहा- यह भारत पर साजिश के तहत हमला है। ग्रुप ने 413 पन्नों में इसका जवाब दिया।
- 1 फरवरी: अडाणी ग्रुप ने 20 हजार करोड़ रुपए के फुली सबस्क्राइब्ड FPO को रद्द कर इन्वेस्टर्स का पैसा लौटाने की बात कही।
- 2 फरवरी: गौतम अडाणी ने FPO रद्द करने के बाद एक वीडियो मैसेज दिया। इसमें उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए निवेशकों का हित सर्वोपरि है।’ इसी दिन संसद पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया RBI ने देश की सभी बैंकों से अडाणी ग्रुप को दिए कर्ज और निवेश का ब्योरा मांगा है। NSE ने अडाणी ग्रुप के तीन शेयरों को शॉर्ट टर्म के लिए एडिशनल सर्विलांस मेजर्स (ASM) लिस्ट में शामिल किया।
- 3 फरवरी: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर सरकार ने शुक्रवार को कहा कि बैंकों और बीमाकर्ताओं का जोखिम “अनुमत सीमा” के अंदर था।