दिल्ली में भ्रष्टाचार के मामले में रविवार को गिरफ्तार हुए अरविंद केजरीवाल के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने पद छोड़ दिया है। सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के कुछ देर बाद ही उनका इस्तीफा आ गया। तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली सरकार के एक और मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी सिसोदिया के साथ इस्तीफा दिया। चर्चाएं हैं कि शिक्षा मंत्रालय राजकुमार आनंद और वित्त मंत्रालय कैलाश गहलोत को दिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नाम अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा कि मैं और मेरा ईश्वर जानता है कि मैं बेगुनाह हूं। ये आरोप और कुछ नहीं बल्कि कायर और कमजोर लोगों की साजिश है जो अरविंद केजरीवाल की सच्चाई की राजनीति से डरे हुए हैं।
अरविंद केजरीवाल के नाम इस्तीफे में मनीष सिसोदिया ने क्या लिखा, यहां पढ़ें…
‘ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि 8 साल ईमानदारी और सच्चाई से काम करने के बावजूद मुझ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं। मैं और मेरा ईश्वर जानता है कि मैं बेगुनाह हूं। ये आरोप और कुछ नहीं बल्कि कायर और कमजोर लोगों की साजिश है जो अरविंद केजरीवाल की सच्चाई की राजनीति से डरे हुए हैं। इन लोगों का टारगेट मैं नहीं, आप हैं। क्योंकि आज न सिर्फ दिल्ली, बल्कि देशभर के लोग आपको ऐसे नेता के रूप में देख रहे हैं जिसके पास देश के लिए विजन है और जो लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने की क्षमता रखता है। आज आर्थिक संकट, गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसी परेशानियों से जूझ रहे देश के करोड़ों लोगों की आंखों में अरविंद केजरीवाल उम्मीद का दूसरा नाम बन गए हैं।‘
ED का दावा- 4000 फर्जी ईमेल के आधार पर ड्राफ्ट हुई थी नई एक्साइज पॉलिसी
वहीं, शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नया दावा किया है। CBI से इतर इस मामले की जांच कर रही ED का आरोप है कि आप सरकार ने शराब पॉलिसी पर लोगों की राय मांगी थी, लेकिन लोगों की राय, आपत्तियों और परेशानियों को सरकार ने नीति में शामिल नहीं किया। बल्कि शराब कंपनियों ने PR कंपनियों से 4000 फर्जी ईमेल करवाए। इन्हीं को आधार बनाकर नई पॉलिसी ड्राफ्ट की गई।
1. सिसोदिया ने दानिक्स अधिकारी को स्पेशल तरीके से पॉलिसी बनाने को कहा: ED के मुताबिक, दानिक्स (दिल्ली और अंडमान निकोबार द्वीप समूह सिविल सर्विस) अधिकारी सी. अरविंद ने जांच एजेंसी को बताया था कि सिसोदिया ने उन्हें ‘स्पेशल तरीके’ से उत्पाद शुल्क नीति का कॉन्ट्रैक्ट तैयार करने को कहा था।
2. बिना आधिकारिक चर्चा के प्रॉफिट मार्जिन 12% तय किया गया: अचानक मार्च 2021 में सी. अरविंद ने मनीष सिसोदिया को केजरीवाल के घर बुलाया। वहां सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे। यहां पर मनीष ने सी. अरविंद को एक डॉक्यूमेंट दिया, जिसमें होलसेल मार्जिन लिखा था। बिना किसी आधिकारिक बैठक के शराब नीति में होलसेल प्रॉफिट 12% तय कर दिया गया। सी. अरविंद को इस डॉक्यूमेंट के आधार पर ही पॉलिसी तैयार करने को कहा गया।
3. ISWAI ने PR कंपनियों को हायर करके फर्जीवाड़ा किया: ED का दावा है कि एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट नई नीति के पक्ष में नहीं थी, इसलिए इंटनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन असोसिएशन ऑफ इंडिया (ISWAI) ने कई PR एजेंसियों को हायर किया और उनसे 4000 मेल भिजवाए।
4. दो कंपनियों ने 3000 नए ईमेल आईडी बनाए और 1000 यहां-वहां से जुटाए: दो पीआर एजेंसियों ने 3000 नई ईमेल आईडी बनाईं और 1000 ईमेल आईडी कई सोर्स से जुटाईं। इसके बाद इन ईमेल आईडी से दिल्ली सरकार को 4000 मेल भेजे गए। चार्जशीट के मुताबिक, ISWAI के बिनॉय बाबू इस साजिश का हिस्सा थे।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका, कहा- पहले हाईकोर्ट जाइए
शराब नीति केस में CBI रिमांड पर चल रहे दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली। न्यूज एजेंसी के मुताबिक CJI की बेंच ने उन्हें सीधे सुप्रीम कोर्ट आने पर फटकार लगाई और कहा कि आप हाईकोर्ट जाइए, सीधे हमारे यहां आने का क्या मतलब है। हम एक गलत परंपरा को बढ़ावा नहीं दे सकते।
सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मंगलवार सुबह फौरन सुनवाई के लिए याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। शाम 4 बजे CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने मामले की सुनवाई की।
बेंच ने कहा- सिर्फ इसलिए कि मामला दिल्ली का है, हम इसमें दखल नहीं दे सकते। आपको हाईकोर्ट जाना चाहिए। आपके पास और भी कई कानूनी विकल्प हैं। सीधे सुप्रीम कोर्ट से जमानत क्यों मांग रहे हैं? यह ठीक परंपरा नहीं है। हम याचिका खारिज कर रहे हैं।
सिंघवी की दलील और कोर्ट की तल्खी
सिसोदिया के वकील अभिषेक सिंघवी ने विनोद दुआ केस का हवाला देते हुए सुबह कोर्ट से अर्जेंट हियरिंग की मांग की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने जून 2021 में पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ कोरोना महामारी से निपटने के केंद्र की आलोचना पर देशद्रोह का मामला रद्द कर दिया था। दुआ सीधे सुप्रीम कोर्ट आए थे।
मंगलवार शाम, जब सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई शुरू की तो कहा- विनोद दुआ केस का उनके मामले से कोई संबंध नहीं है। पत्रकार का मामला भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में था, जबकि सिसोदिया का मामला कथित भ्रष्टाचार का है।
सिंघवी ने कहा- सिसोदिया की गिरफ्तारी गलत है, क्योंकि उनका नाम CBI चार्जशीट में नहीं था। CBI का यह बहाना है कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इस पर CJI चंद्रचूड़ ने कहा- हाईकोर्ट जाइए। हमारे दरवाजे खुले हैं, लेकिन हम इस स्तर पर इसे सुनने के लिए तैयार नहीं हैं।
जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने कहा, यह एक बहुत गलत मिसाल होगी। आप ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं कर सकते क्योंकि आप दिल्ली में हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजे इस्तीफे में मनीष सिसोदिया ने लिखा- शिक्षा मंत्री के तौर पर मिली जिम्मेदारी शायद मेरे पिछले जनमों का कुछ पुण्य रहा होगा, जिनके फलस्वरूप मुझे इस जन्म में मां सरस्वती की सेवा का ऐसा महान अवसर मिला।