हरियाणा के करनाल में CIA-1 वन ने भले ही हरिसिंहपुरा गांव में महिला के मौत की गुत्थी को सुलझाते हुए दावा किया कि लड़की ने प्रेमी के साथ रहने के लिए उसकी हत्या की हो, लेकिन पीड़ित परिवार ने पुलिस की इस थ्योरी को सिरे से नकार दिया है। उनके पास ऐसे कई तर्क हैं जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
उनका यह भी कहना है कि लड़की को हत्या का आरोपी ठहरा कर पुलिस कई अन्य आरोपियों को बचाने की पटकथा लिख रही है। इस वजह से पुलिस ने हत्याकांड के आरोपी परिवार की लड़की के साथ प्रेम प्रसंग जोड़ दिया। जिससे मामला इस तरह से सनसनीखेज बन जाए कि असली आरोपी को साफ बचाया जा सके।
पीड़ित परिवार एक नहीं कई तर्क दे रहा है
मृतक महिला राजवंती के बेटे राकेश व पति सतबीर ने बताया कि जिस लड़की को हत्या का आरोपी करार दिया गया, उसकी उम्र महज 22 साल है। आखिर इतनी कम उम्र की लड़की कैसे अकेले अपने दम पर इस खौफनाक वारदात को अंजाम दे सकती है। वह हत्या भी करती है, शव को करंट लगाती है। इसके बाद जला भी देती है। सतबीर ने बताया कि लड़की के साथ उसके परिवार वाले भी हत्याकांड में शामिल हैं। पीड़ित ने बताया कि मामले में झोला छाप डॉक्टर सुशील, उसकी पत्नी और छोटी बेटी भी शामिल है।
नहीं करवाया था पोस्टमार्टम
राकेश ने बताया कि सुशील और उसके परिवार ने जब अंतिम संस्कार किया तो क्या उन्हें पता नहीं चला कि यह उनकी बेटी का शव है या किसी अन्य का। दिखावे के लिए लड़की के परिजन शव को घरौंडा के सरकारी अस्पताल में लेकर भी पहुंचे थे, लेकिन कोई पुलिस कार्रवाई नहीं करवाई। न तो कोई पोस्टमार्टम हुआ और न ही कोई डीएनए जांच।
सूरज निकलने से पहले ही अंतिम संस्कार
25 नवंबर की सुबह डॉक्टर व उसके परिवार ने सूरज निकलने से पहले ही गांव के श्मशानघाट में राजवंती का अंतिम संस्कार कर दिया था। अंतिम संस्कार के बाद श्मशानघाट से अस्थियों के साथ-साथ राख तक को भी साफ कर दिया गया था। राकेश व सतबीर का दावा है कि डॉक्टर ने अपनी बेटी की मौत का डेथ सर्टिफिकेट तक बनवा लिया था।
सरपंची के इलेक्शन के दौरान रंजिश के भी लगाए आरोप
मृतक महिला के बेटे व उसके पति के ने आरोप लगाते हुए बताया कि 11 नंबर को सरपंच का इलेक्शन था। इस दौरान वह व डॉक्टर का परिवार अलग अलग थे। वह अपनी बिरादरी वाले सरपंच को सपोर्ट कर थे। जबकि डॉक्टर व उसका परिवार दूसरे सरपंच उम्मीदवार को सपोर्ट कर रहा था। इस दौरान उनकी कहासुनी भी हुई थी। इसी कारण डॉक्टर के परिवार ने उसकी पत्नी की हत्या की है।
काश पहले पुलिस सुन लेती तो सुलझ सकती थी हत्याकांड की गुत्थी
पीड़ित परिवार का कहना है कि उनको इस बात का एहसास हो चुका था कि सुशील ने बहुत ही साजिशन तरीके से राजवंती को मौत के घाट उतारा है। राजवंती 24 नवंबर को डॉक्टर सुशील के पास ही दवाई लेने के लिए गई थी। वहीं से गायब हुई थी। वह बार-बार सुशील पर आरोप लगाते रहे, लेकिन स्थानीय पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी। जब पुलिस ने उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया तो वह होम मिनिस्टर अनिल विज के दरबार में पहुंचे। इसके बाद IG ने SP को पूरे मामले पर संज्ञान लेने के निर्देश दिए थे। एसपी के निर्देश पर CIA-1 की टीम जांच में जुट गई थी।
पकड़े तो लकड़ी के माता पिता, फिर लड़की की भूमिका कैसे?
उन्होंने बताया कि पुलिस ने एक मार्च को सुशील को भी पूछताछ के लिए उठाया था और दो मार्च को सुशील की पत्नी को। तीन मार्च को पुलिस ने रसूलपुर गुजरान (यूपी) के पास से उनकी लड़की को गिरफ्तार कर लिया। अब दावा किया कि हत्याकांड को लड़की ने अंजाम दिया है। उन्होंने कहा कि हमें पुलिस के इस दावे पर कतई यकीन नहीं है। मामले में पहले ही पुलिस सवालों के घेरे में हैं। अब जिस तरह से पुलिस एक लड़की को हत्यारोपी करार देकर वाहवाही लूटने की कोशिश कर रही है, इससे तो लग रहा है कि किसी को बचाया जा रहा है। जिससे सही आरोपी की पहचान ही न हो सके।
होनी चाहिए निष्पक्ष जांच
उन्होंने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। क्योंकि जब तक जांच नहीं होगी, असली आरोपी सामने नहीं आएगा। हो सकता है, लकड़ी हत्या में शामिल हो, लेकिन उसके साथ दूसरे भी शामिल है। वह कौन है? उनकी पहचान होनी चाहिए। उनकी यह भी मांग है कि इस मामले की जांच अधिकारी अपनी देखरेख में कराए।
रिमांड के दौरान गहनता से की जा रही पूछताछ
CIA-1 के इंचार्ज गुरविन्द्र सिंह ने बताया की आरोपी लड़की को पूछताछ के लिए 6 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस हर मामले में गहनता से जांच कर रही है। आरोपी लड़की से मृतक महिला के कपड़े व जेवरात भी बरामद किए जाएंगे। पूछताछ में जो भी सामने आएगा, उस आधार पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।