मुख्यमंत्री के हत्यारे हवारा की पेशी:चंडीगढ़ कोर्ट में 18 साल पुराने केस में सुनवाई; 2004 में जेल ब्रेक की थी

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और बब्बर खालसा इंटरनेशनल(BKI) आतंकी संगठन से जुड़े जगतार सिंह हवारा की आज 18 साल पुराने आपराधिक केस में चंडीगढ़ जिला अदालत में पेशी है। हवारा को सुरक्षा कारणों से वीडियो-कॉन्फ्रेसिंग के जरिए पेश किया जा सकता है।

सेक्टर 17 थाने में उसके खिलाफ वर्ष 2005 में IPC की धारा 121, 121ए, 122, 153, 120बी और आर्म्स एक्ट की धारा 25, 54 और 59 के तहत केस दर्ज हुआ था। अभी तक मामले में हवारा के खिलाफ आरोप तय नहीं हो सके हैं।

हवारा इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। एडिशनल सेशंस जज की कोर्ट में आरोप तय को लेकर बहस होनी है। इससे पहले हवारा के प्रोडक्शन वारंट भी जारी किए जा चुके हैं। हवारा को रिहा करने की मांग चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर बीते 7 जनवरी से चल रही है।

चंडीगढ़ शिफ्ट करने का विरोध हो चुका
पिछले वर्ष केस की सुनवाई पर कोर्ट ने जेल अथॉरिटी को कहा था कि यदि हवारा के खिलाफ दिल्ली की अदालतों में कोई अन्य केस लंबित नहीं है तो उसे चंडीगढ़ (बुड़ैल जेल) शिफ्ट किया जाए। इससे चंडीगढ़ में उसके खिलाफ लंबित केसों की सुचारु रूप से सुनवाई हो सकेगी। हालांकि एंटी टेररिस्ट फ्रंट ऑफ इंडिया के वीरेश शांडिल्य ने पंजाब की मौजूदा स्थिति को आधार बनाते हुए हवारा को चंडीगढ़ शिफ्ट किए जाने को खतरा बताया था। बता दें कि हवारा को बेअंत सिंह हत्याकांड में आजीवन जेल की सजा दी गई थी।

मोहाली में भी आरोप तय की कार्रवाई लंबित
इसी तरह के एक मामले में मोहाली कोर्ट में भी हवारा के खिलाफ अभी तक आरोप तय नहीं हुए हैं। उस केस में हवारा ने आरोप मुक्त को लेकर अर्जी दायर की थी जिस पर सुनवाई चल रही है। संबंधित केस हवारा समेत परविंदर सिंह, स्वर्ण सिंह, गुरदीप सिंह और परमजीत सिंह के खिलाफ दर्ज किया गया था। 15 जून, 2005 को खरड़ थाने में दर्ज केस के मुताबिक आरोपियों की गिरफ्तारी से हथियार और RDX बरामद हुए थे। इनमें 8.350 किलो RDX, 1.9 किलो पेंट येलो और AK-47 के जिंदा कारतूस बरामद किए थे।

जेल में सुरंग बना फरार हुआ था
जनवरी, 2004 में हवारा अपने साथियों जगतार सिंह तारा, परमजीत सिंह भ्यौरा और एक हत्या मामले में दोषी दोषी देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल में 104 फीट गहरी सुरंग बना फरार हो गया था। देवी सिंह को छोड़ तीनों को पकड़ लिया गया था।

सेक्रेट्रिएट में उड़ाया था मुख्यमंत्री को
हवारा समेत अन्य आतंकियों ने 31 अगस्त, 1995 को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की पंजाब सिविल सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग के बाहर ह्यूमन बम दिलावर सिंह के जरिए हत्या की थी। धमाके में कई और लोग मारे गए थे जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल थे।