तमिलनाडु में बुधवार को भाजपा के 13 पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और अपनी सहयोगी पार्टी AIADMK में शामिल हो गए। यह सभी नेता भाजपा IT विंग से जुड़े हुए हैं। वहीं IT विंग के डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट अनबरासन ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा देते हुए कहा था, ‘मैंने सालों तक भाजपा के लिए काम किया है। लोग जानते हैं कि मैंने कभी किसी पद की उम्मीद नहीं की। पिछले कुछ दिनों से पार्टी में कुछ भी ठीक नहीं है। असामान्य स्थिति को देखते हुए मैंने पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला किया है।’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाजपा कार्यकर्ताओं ने AIADMK प्रमुख पलानीस्वामी के खिलाफ विरोध किया और उन पर गठबंधन धर्म का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। वहीं AIADMK ने इन आरोपों से इनकार किया है।
निर्मल कुमार ने अन्नामलाई पर जासूसी करने का आरोप लगाया था
इसके पहले रविवार ही पांच भाजपा नेताओं ने इस्तीफा दिया था, जिनमें IT विंग के चीफ सीटीआर निर्मल कुमार भी शामिल थे। निर्मल ने अन्नामलाई पर DMK मंत्री के साथ गुप्त समझौता करने का आरोप लगाए थे। इसके कुछ समय बाद ही उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। फिर उन्होंने AIADMK चीफ पलानीस्वामी से मुलाकात की और पार्टी में शामिल हो गए।
सोशल मीडिया पर पोस्ट कर निर्मल ने पार्टी के राज्य नेतृत्व पर पार्टी कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज करने और अन्नामलाई पर कई लोगों के खिलाफ निगरानी करने का भी आरोप लगाया था।
हालांकि, गुरुवार को उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़ने पर कहा, ‘किसी ने मेरा शिकार नहीं किया है। यह मेरा निर्णय है। किसी पार्टी से जुड़ना अवैध शिकार नहीं है या यह खरीदारी करने की चीज नहीं है। यह एक भावना है।’
अन्नामलाई बोले-भाजपा नेता AIADMK में शामिल हुए, ये दुर्भाग्यपूर्ण
इस बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने कहा कि भाजपा के नेता AIADMK में शामिल हुए हैं, यह एक दुर्भाग्यपूर्ण बात है। यहां के द्रविड़ राजनेता जो सोचते हैं कि वे बड़ी पार्टियां चला रहे हैं, भाजपा को आसानी से शिकार बनाना चाहते हैं और अपनी पार्टी का विकास करना चाहते हैं। यह केवल इस बात को दिखाता है कि राज्य में भाजपा आगे बढ़ रही है।
अन्नामलाई के इस बयान पर AIADMK IT विंग के सचिव रामचंद्रन ने कहा कि एक बार भाजपा को NOTA से भी कम वोट मिले थे। 2021 के चुनाव में भाजपा के विधायक कैसे चुनाव जीते, इसका जवाब यह है कि AIADMK और भाजपा ने सहयोगी के रूप में चुनाव लड़ा। AIADMK वह संगठन है जिसने अकेले अपने दम पर चुनाव जीता था। AIADMK को विकसित करने के लिए यह कहना केवल एक मजाक है, उसे भाजपा के लोगों की जरूरत है।