Rakesh Tikait ने बताया- MSP का फॉर्मूला ‘3 क्विंटल गेहूं की कीमत हो 1 तोले सोने के बराबर’

पिछले 2 महीने से भी अधिक समय से तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्त राकेश टिकैत ने देशभर में अनाजों के न्यनतम समर्थन मूल्य (Minimum support price) लागू करने को लेकर नया फॉर्मूला बताया है। भाकियू के नेता राकेश टिकैत ने इस बाबत कहा है कि न्यनतम समर्थन मूल्य के लिए केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार उनके पिता स्वर्गीय महेंद्र टिकैत के फॉर्मूले को लागू करे। राकेश टिकैत ने जो फॉर्मूला बताया है उसके हिसाब से 3 क्विंटल गेहूं की कीमत 1 तोले सोने के बराबर होनी चाहिए। फिलहाल बाजार की बात करें तो  गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपए प्रति क्विंटल है वहीं 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत करीब 48 हजार रुपये है। यह बात उन्होंने एक न्यूज टेलीविजन चैनल पर एक प्रोग्राम के दौरान कही।

किसान नेता राकेश टिकैत के मुताबिक, 1967 में केंद्र सरकार ने गेहूं की एमएसपी 76 रुपए प्रति क्विंटल तय की थी, उस समय प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों का वेतनमान 70 रुपये महीना था। ऐसे में वह एक महीने के वेतनमान से 1 क्विंटल गेहूं नहीं खरीद सकते थे। 1 क्विंटल गेहूं की कीतम से ढाई हजार ईंट खरीद सकते थे। तब 30 रुपये की 1 हजार ईंट आती थीं।

राकेश टिकैत ने कहा हमको अब तीन क्विंटल गेहूं के बदले 1 तोला सोना दे दो। जितनी कीमत और चीजों की बढ़े उतनी ही गेहूं की भी बढ़नी चाहिए। ऐसे में इनके पिता महेंद्र सिंह टिकैत के फॉर्मूले के मुताबिक, 1 क्विंटल गेहूं की कीमत करीब 16 हजार रुपये होनी चाहिए। यह  एमएसपी से 8 गुना अधिक होगी। इस तरह से एक किलो गेहूं की कीमत करीब 160 रुपये होगी।

जरूरत पड़ी तो हरियाणा से आएंगे लोग: राकेश टिकैत

साहिबाबाद संवाददाता के अनुसार कृषि कानूनों के विरोध में यूपी गेट पर चल रहा धरना बृहस्पतिवार को भी जारी रहा। बारिश के कारण बृहस्पतिवार को प्रदर्शनकारियों की संख्या आम दिनों के मुकाबले कम रही। वहीं भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं धरने का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो धरने के समर्थन में हरियाणा से भी लोगों को बुलाया जाएगा। गाजीपुर बार्डर पर दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गए टायर किलर पर उन्होंने कहा कि हम खेतों में फसल बो रहे हैं और वो सड़कों पर कील बो रहे हैं।

समर्थन देने पहुंचे कई नेता

विदेशियों द्वारा प्रदर्शन के समर्थन में किए गए ट्वीट से टिकैत ने पल्ला झाड़ते हुए उन्होंने कहा कि वह किसी भी ऐसे विदेशी को नहीं पहचानते जिसने ट्वीट किया है। बृहस्पतिवार को यूपी गेट में दिल्ली की तरफ से पहुंचे विपक्षी दल जिसमें कनीमोझी, सुप्रिया सुले व हरसिमरत कौर शामिल थे। वहीं, राकेश टिकैत ने कहा कि इधर हम धरने पर बैठे हैं तो बैरिकेडिंग के पार उन्हें धरने पर बैठना चाहिए था। यदि वह समर्थन करने आए थे तो वापस क्यों चले गए। उन्होंने कहा कि हमारा धरना मांगे पूरी नहीं होने तक जारी रहेगा। जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते और एमएसपी की गारंटी सरकार नहीं देती तब तक वह सड़क नहीं छोड़ेंगे।