यूरोपीय देश सर्बिया के म्लाडेनोवैक शहर में गुरुवार देर रात एक कार सवार हमलावर ने सड़क पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इस दौरान 8 लोगों की मौत हो गई। 13 लोग घायल हुए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा- हमलावर की उम्र 21 साल है। हमें जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक, वो एक कार में सवार था। उसके पास ऑटोमेटिक गन थी। फायरिंग करने के बाद हमलावर फरार हो गया। उसकी तलाश जारी है।
ये पिछले 2 दिनों में होने वाली दूसरी घटना है। इसके पहले 3 मई को राजधानी बेलग्रेड के एक स्कूल में एक स्टूडेंट ने फायरिंग कर दी थी। इससे एक ही क्लास के 9 स्टूडेंट्स की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि कुछ गंभीर रूप से घायल हो गए थे। फायरिंग 14 साल के लड़के ने की थी। वो 7वीं क्लास में का छात्र है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
- पुलिस ने कहा था- आरोपी इसी स्कूल की सातवीं कक्षा का छात्र है। फायरिंग के बाद उसने मौके से भागने की कोशिश की। बाद में उसे स्कूल के बाहर से गिरफ्तार कर लिया गया।
- गिरफ्तारी के लिए पुलिस और स्कूल के सिक्योरिटी स्टाफ ने काफी मशक्कत की। एक पुलिस अफसर ने कहा- मैंने देखा कि एक सिक्योरिटी गार्ड टेबल के नीचे छिपा था। उसे भी गोली लगी थी। दो लड़कियां क्लास रूम के बाहर घायल मिलीं।
- स्कूल मैनेजमेंट ने कहा- हम नहीं जानते कि घटना किस वजह से हुई। आरोपी का स्कूल में ट्रैक रिकॉर्ड बहुत अच्छा है। वो कुछ दिन पहले ही इस स्कूल में आया था। उसने इस घटना को अंजाम क्यों दिया, इसकी जांच की जा रही है।
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमले में छात्रों के साथ कुछ टीचर्स भी घायल हुए थे। उन्होंने भागने की कोशिश जरूर की, लेकिन नाकाम रहे। एक सिक्योरिटी गार्ड भी मारा गया था।
- एक स्टूडेंट के पिता ने कहा था- मैं खुशकिस्मत हूं कि मेरी बेटी इस हमले में बच गई। वो फायरिंग के वक्त क्लास में ही मौजूद थी। उसने मुझे बताया कि जैसे ही आरोपी स्टूडेंट ने सबसे पहले टीचर पर फायरिंग की तो वो वहां से भागने में कामयाब हो गई। उसने बाद में खिड़की से हत्याकांड देखा।
- सर्बिया में इस तरह की घटनाएं नहीं होतीं। इसलिए यहां के लोग बेहद परेशान हैं। देश में बंदूक रखने की इजाजत भी नहीं है। माना जा रहा है कि आरोपी ने कहीं से यह गन हासिल की। 1990 के बाद कुछ लोगों के पास गन के प्राइवेट लाइसेंस हैं।
- 2013 में यहां एक फायरिंग की घटना हुई थी। तब 14 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि ये दो गुटों की दुश्मनी का मामला था। इससे पहले 2007 में भी ऐसी ही घटना में 7 लोग मारे गए थे।
- आपसी दुश्मनी के चलते ही 2015 में 5 लोगों की मौत हुई थी। हालांकि कोई भी आरोपी नाबालिग नहीं था।