‘आदिपुरुष’ से हताश हुए विंदू दारा सिंह:बोले- ये फिल्म भी नकली है और इसका कलेक्शन भी, कृति सेनन को छोड़कर कोई नहीं जंचा

प्रभास और ओम राउत की फिल्म ‘आदिपुरुष’ रिलीज के बाद से ही निशाने पर है। अब तक कई कलाकारों ने फिल्म की कहानी और इसके किरदारों के चित्रण पर खासी नाराजगी जाहिर की है। रामानंद सागर की ‘रामायण’ में हनुमान के किरदार को यादगार बनाने वाले दारा सिंह के बेटे विंदू दारा सिंह भी फिल्म से बड़े हताश हैं।

अब तक उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं कहा ताकि फिल्म के कलेक्शन पर असर न पड़े। हालांकि, अब उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दैनिक भास्कर के साथ शेयर की है।

एंटरटेन भी नहीं कर पाती फिल्म
फिल्म पर बात करते हुए विंदू ने कहा, ‘पता नहीं इन्होंने क्या सोचकर यह फिल्म बनाई है? बहुत ही वाहियात है। समझ ही नहीं आ रहा कि मेकर्स ने क्या दिखाने और सिखाने की कोशिश की है? यह फिल्म तो एंटरटेन भी नहीं कर पाती।’

दोस्तों की फिल्म है इसलिए चुप था
विंदू से जब पूछा गया कि अब तक उन्होंने इस पर कोई रिएक्शन क्यों नहीं दिया था तो उन्होंने कहा, ‘चूंकि, इससे जुड़े लोग मेरे दोस्त हैं इसलिए कुछ बोलने का दिल भी नहीं करता पर पूरी इन्होंने जो दुनिया बनाई वो पूरी तरह बनावटी लगी है।

हमने अब तक कुछ बोला नहीं क्योंकि हम चाहते हैं कि यह फिल्म चलें। मगर यह चलने वाली फिल्म है ही नहीं। ये फिल्म भी नकली है और इसका कलेक्शन भी नकली है।’

फिल्म के कुछ सीन्स पर विंदू का रिक्शन

  • मेकर्स ने इसमें कुछ अलग ही टाइप के क्रीचर्स दिखाए हैं। इसे देखकर लगा कि मेकर्स हमारे टीचर बनने की कोशिश कर रहे हैं।
  • पूरी दुनिया को पता है कि रामायण में क्या हुआ थ। बच्चों तक को पता है कि लंका सोने की थी तो फिल्म में आपको काली लंका दिखाने की क्या जरूरत थी? आपने गंदी सी काली सी लंका दिखाई है। अमिताभ बच्चन की ‘काला पत्थर’ है क्या?
  • जब फिल्म में दिखाया कि रावण अपने ड्रैगन पर सीता को लेकर जा रहा है तो लगा जैसे ‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ चल रही है।
  • इसी सीन में जब रावण, सीता का हरण करके ले जा रहा है तब राम और लक्ष्मण उसे पीछे भागते-भागते पानी तक चले गए। वहां से पानी के उस पार काली लंका भी दिख रही है। तो जब लंका दिख ही रही है तो फिर राम और लक्ष्मण को सीता की तलाश करते हुए क्यों दिखाया है। ऐसा लगता है कि मेकर्स ने चरस फूंक कर फिल्म बनाई है।

कृति को छोड़कर कोई रियल नहीं लगा
फिल्म की कास्टिंग पर कमेंट करते हुए विंदू ने कहा कि पूरी फिल्म में सिर्फ कृति सेनन की कास्टिंग सही हुई है। वो पूरी तरह सीता लगती हैं। बाकी तो कोई किरदार ऐसा नहीं लगता जिसने अच्छा काम किया हो।

मैं कभी नहीं करता इस फिल्म में काम
अंत में विंदू बोले, ‘हमारा प्ले जय श्री राम, इस फिल्म से लाख गुना बेहतर है। ये फिल्म अगर मुझे ऑफर होती तो मैं कभी इसमें काम नहीं करता। साफ कहता कि भाई मुझे जनता के जूते नहीं खाने। मैं मेकर्स से रिक्वेस्ट करता हूं कि प्लीज लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ मत करिए।’