झांसी के शोरूम में आग-महिला मैनेजर समेत 5 जिंदा जले:10 घंटे बाद आग पर काबू, 50 दमकल गाड़ी जुटी, सेना को बुलाना पड़ा

झांसी के सीपरी बाजार में सोमवार शाम 2 इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में लगी आग 10 घंटे बाद देर रात बुझा दी गई। इस अग्निकांड में यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी की असिस्टेंट मैनेजर रजनी राजपूत समेत 5 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई।

आग पर काबू पाने के बाद रात 2.30 बजे सर्च ऑपरेशन चलाया गया। हादसे में 7 लोगों को रेस्क्यू किया गया। उनको नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया है। आग इतनी भीषण थी कि शवों को पहचान पाना तक मुश्किल हो गया।

आग की लपटें और धुआं 10 किलोमीटर दूर तक दिखाई दिया। इस आग को बुझाने में UP और MP के अलग-अलग जिलों की दमकल की करीब 50 गाड़ियां लगीं। आग कंट्रोल नहीं हुई तो प्रशासन ने सेना को बुलाया। 3 शव बुरी तरह जल गए हैं। DM रविंद्र कुमार ने हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं।

सोमवार को बाजार बंद, लेकिन शोरूम और ऑफिस खुले थे
झांसी का सीपरी बाजार में सोमवार को बंद रहता है, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक शोरूम वीआर ट्रेडर्स और वैल्यू प्लस खुले हुए थे। वैल्यू प्लस की बिल्डिंग में दूसरी मंजिल पर यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी का ऑफिस भी खुला हुआ था। जब आग लगी उस वक्त दोनों बिल्डिंग में करीब 40 लोग काम कर रहे थे।

चश्मदीद ने कहा- बच्चे चिल्लाए तो पता चला

  • शोरूम के सामने रहने वाली पूजा शर्मा ने बताया, “शाम के 4:30 बजे थे। बच्चे चिल्लाए तो घर के बाहर निकली। देखा तो वीआर ट्रेडर्स में आग लगी थी। तब मैं लोगों के साथ दौड़कर पास में बने दमकल ऑफिस पहुंची और उनको सूचना दी। दमकल की गाड़ी जब तक आई तब तक बगल के वैल्यू प्लस शोरूम में भी आग लग चुकी थी। 15 मिनट में ही आग दोनों शोरूम में फैल चुकी थी। आग इतनी भीषण थी कि सड़क पार करीब 25 फीट दूर सामने वाली दुकानों के बिजली मीटर पिघल गए।”
  • वैल्यू प्लस शोरूम में काम करने वाले नीतेश बताते हैं, “शाम के करीब 4:30 बजे थे। सभी लोग काम कर रहे थे। एक कर्मचारी बाहर की तरफ पानी पीने आया तो उसे आग नजर आई। वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा। तब सभी बाहर की तरफ भागे। एक-एक करके सभी बाहर निकल आए। चूंकि इंश्योरेंस कंपनी का ऑफिस दूसरी मंजिल पर था, तो उनको नीचे आने में देरी हुई। अगर कर्मचारी पानी पीने नहीं आता तो आग की सूचना समय पर नहीं मिल पाती। थोड़ी भी देर होने पर कई लोग और जिंदा जल जाते।”

दमकल के पास नहीं थे उपकरण, जुगाड़ से तोड़ी गई दीवार

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आग लगने के बाद वीआर ट्रेडर्स के दो कर्मचारी पहली मंजिल पर पीछे की तरफ भागे। चूंकि, पीछे घर बने थे, तो वे बचाने के लिए रोशनदान से चिल्लाने लगे। उनमें से एक कर्मचारी ने फोन कर लोगों को बताया कि आग बहुत भीषण है। हम दोनों बाथरुम में नल चलाकर बैठे हुए हैं। करीब 15 मिनट बाद ही उनकी आवाज आनी बंद हो गई। शुरुआत में आई दमकल गाड़ियों के पास उपकरण नहीं थे। जुगाड़ से यानी लोहे के पाइप से ठोकर मारकर पीछे की दीवार को तोड़ा गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

लोगों ने कहा- दमकल कर्मियों के पास खराब गाड़ियां थीं
लोगों ने कहा कि दमकल कर्मियों के पास खराब गाड़ियां थीं। आग से निपटने के लिए कोई आधुनिक संसाधन नहीं थे। आग से लड़ने के लिए वह पुराने उपकरणों के सहारे पहुंचे थे। आग बुझाने में जिस वाहन को लाया गया था उसकी हालत भी खराब थी।

आग बुझाने में इस्तेमाल होने वाले प्रेशर पाइप से प्रेशर भी नहीं बन रहा था। इससे दूसरी और तीसरी मंजिल तक पानी नहीं जा पा रहा था और आग बुझ नहीं रही थी। तब सेना को कमान सौंपी गई। सेना की गाड़ियों ने आकर स्थिति को नियंत्रण में किया। इसके बाद झांसी के अलावा जालौन, ललितपुर, थर्मल पॉवर प्लांट, BHEL, मध्य प्रदेश के दतिया और निवाड़ी जिले की दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं।

देर रात फायर शूट और ऑक्सीजन लगाकर दमकल कर्मी अंदर दाखिल हुए। पानी डालकर आग पर काबू पाया। आग बुझाने में 50 से ज्यादा गाड़ियां लगी थीं।

इमारत में अंदर एवं बाहर जाने का सिर्फ एक रास्ता
वीआर ट्रेडर्स और वैल्यू प्लस इमारत में अंदर और बाहर जाने का सिर्फ एक ही रास्ता था। जबकि नियमों के मुताबिक, बहुमंजिला इमारतों में प्रवेश एवं निकास का रास्ता अलग-अलग होना चाहिए। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आग लगते ही सबसे पहले आग दरवाजे के आसपास ही भड़क उठी। इस वजह से अंदर के लोग वहीं फंस गए। वह बाहर नहीं निकल पा रहे थे। अंदर धुआं भरने पर कुछ लोग दूसरी मंजिल से नीचे कूद गए। अगर इन इमारतों में बाहर जाने का कोई इमरजेंसी रास्ता होता तब अंदर फंसे लोगों को आसानी से बाहर निकाला जा सकता था।

आसपास के 20 परिवारों को रैन बसेरा में शिफ्ट किया
भीषण आग को देखते हुए दोनों शोरूम के आस पड़ोस के 20 परिवारों को रैन बसेरा में शिफ्ट किया गया। वहां पर इनके रहने और खाने की व्यवस्था की गई। वहीं, पानी की जरूरत देखते हुए पूरी कॉलोनी में 10 घंटे तक लगातार पानी की सप्लाई रही।

परिजन नंगे पांव मौके पर पहुंचे

SSP राजेश एस. ने बताया कि हादसे में महिला मैनेजर समेत 5 की मौत हुई है। मृतकों की शिनाख्त रजनी (59) पत्नी एसके राजपूत, हृदेश तोमर (32) पुत्र प्रमोद सिंह, आमिर खान (38) पुत्र खान मोहम्मद, अनुज सविता (37) पुत्र जितेंद्र सेन, प्रकाश चंद्र (58) पुत्र दुलीचंद के तौर पर हुई है। झांसी मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में रातभर सभी शवों को पोस्टमॉर्टम किया गया।

DM रविंद्र कुमार ने बताया कि मजिस्ट्रेट जांच में आग लगने के कारणों से लेकर बुझाने के इंतजाम समेत सभी बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गई है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, व्यापारी नेता राजीव राय ने मृतकों को एक-एक लाख रुपए और घायलों को 10-10 हजार रुपए देने की घोषणा की है।

एक माह पहले इंश्योरेंस कंपनी का ऑफिस हुआ था चेंज
आग लगने की सूचना पर यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारी ग्वालियर से झांसी पहुंच गए। सीनियर डिवीजन मैनेजर संजीव अग्रवाल ने बताया,”एक माह पहले ही ऑफिस वैल्यू प्लस की बिल्डिंग में शिफ्ट हुआ था। असिस्टेंट मैनेजर की मौत की खबर दुखद है।”