हनीट्रैप में फंसकर वित्त मंत्रालय के आउटसोर्सिंग कर्मचारी नवीन पाल ने G-20 के 61 पेज के सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स पाकिस्तान भेजे थे। अंजलि नाम की लड़की ने उससे कंटेंट राइटर बनकर दोस्ती की थी। फिर फोटो भेजकर जाल में फंसाया। इसके बाद आर्टिकल लिखने के बहाने सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स मंगवा लिए थे। पुलिस और इंटेलिजेंस ब्यूरो की जांच में इस बात पुष्टि हुई है।
जांच में यह भी सामने आया है कि जिस वॉट्सऐप नंबर पर वह चैट कर रहा था। वह नंबर वेस्ट यूपी का है। बरेली की महिला के नाम पर ये सिम खरीदा गया था। मगर, ऑपरेट कराची से हो रहा था। सुरक्षा और जांच एजेंसियां अब इस पड़ताल में जुटी हैं कि कराची में बैठी वो ‘अंजली’ आखिर कौन है? शक है कि वो ISI जुड़ी है।
फोटो भेजकर अंजलि ने फंसाया था
DCP ने बताया, “नवीन के पास से आईफोन बरामद हुआ है। इसमें अंजलि का नंबर ‘अंजलि कलकत्ता’ के नाम से फीड है। अंजली ने पहले सोशल मीडिया पर नवीन से दोस्ती की। फिर अंजली ने उसे अपनी कुछ फोटोज भेजी। धीरे-धीरे दोनों ने वॉट्सऐप नंबर एक-दूसरे से शेयर किए। वीडियो कॉल पर भी बातचीत शुरू हो गई।
जब नवीन ‘हनीट्रैप’ में पूरी तरह फंस गया, तो लड़की ने अपनी मंशा जाहिर कर दी। अंजलि ने उसे बताया था कि वह कंटेंट राइटिंग का काम करती है। G-20 पर आर्टिकल लिखने के बहाने से नवीन को बहला-फुसलाकर उससे सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स मंगवा लिए। नवीन के आईफोन से करीब 61 पेज डॉक्यूमेंट्स पाकिस्तान में भेजे गए हैं।
काम के बदले नवीन को मिले थे 85 हजार
DCP ने बताया, “नवीन को काम के बदले 85 हजार रुपए मिले थे। इसकी पुष्टि नवीन के बैंक अकाउंट से भी हुई है। नवीन के खाते में पैसे अलवर (राजस्थान) के बैंक खाते से भेजे जा रहे थे। बैंक को लेटर लिखकर नवीन के खाते में पैसा भेजने वाले खाते की पूरी डिटेल्स मांगी गई है। नवीन के मोबाइल के फोटो बैकअप सेक्शन में वित्त मंत्रालय और G-20 से संबंधित डॉक्यूमेंट्स मिले हैं। इन सभी डॉक्यूमेंट्स पर ‘सीक्रेट’ लिखा था। मंगलवार को पुलिस ने FIR नवीन को विदेश मंत्रालय का कर्मचारी बताया था।