राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सर संघचालक मोहन भागवत पूर्वांचल से देश-दुनिया में करोड़ों लोगों तक अपना संदेश देंगे। सांस्कृतिक राजधानी काशी से धार्मिक एकजुटता का शंखनाद करेंगे। संघ प्रमुख पूर्वांचल के काशी यानी वाराणसी, मिर्जापुर और गाजीपुर में पांच दिन रहेंगे। उन मठ-आश्रम और मंदिरों में प्रवास करेंगे, जिनके अनुयायी और शाखाएं अमेरिका-नेपाल तक फैले हैं।
काशी के मठ और मंदिर देश के 20 से अधिक राज्यों में आश्रम और मंदिरों का संचालन करते हैं। लाखों ही नहीं सबको मिलाकर करोड़ों अनुयायियों तक संघ प्रमुख के पहुंचने का प्लान है। मोहन भागवत के इस प्लान का आज काशी से आगाज हो गया।
वाराणसी, मिर्जापुर और गाजीपुर के आश्रम जाएंगे मोहन भागवत
संघ प्रमुख के पूर्वांचल के इस प्रवास में 2024 की झलक भी दिखेगी तो काशी के रास्ते अयोध्या, मथुरा समेत कई मुद्दों पर सक्रियता का संदेश भी देंगे। वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर में प्रवास के दौरान संतों से मोहन भागवत आशीर्वाद लेंगे। मोहन भागवत वाराणसी में काशी विश्वनाथ और टेंपल एक्सपो, गाजीपुर का सिद्धपीठ हथियाराम मठ, मिर्जापुर के सक्तेशगढ़ स्थित स्वामी अड़गड़ानंद आश्रम, मिर्जापुर के देवरहा हंस बाबा आश्रम जाएंगे।
बड़े वोट बैंक को साधने में जुटा संघ
संघ प्रमुख मोहन भागवत 18 जुलाई को वाराणसी पहुंचे। 19 जुलाई गाजीपुर के हथियाराम मठ जाएंगे। 20 जुलाई को मिर्जापुर के सक्तेशगढ़ आश्रम पहुंचेंगे। 21 जुलाई को मिर्जापुर के विन्ध्याचल में देवहारा हंस बाबा आश्रम जाएंगे। 22 जुलाई को वाराणसी में टेंपल एक्सपो का शुभारंभ करेंगे। इसके बाद 22 को ही पूर्वांचल प्रवास से लौट जाएंगे।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि 18 से 22 जुलाई के बीच इस प्रवास से संघ के विस्तार, लोकसभा के चुनावी होमवर्क, सक्रियता और बड़े भागीदारों को संजोने का काम मोहन भागवत करेंगे। मिशन 2024 में सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी दल गठबंधन के साथ तैयारियों में जुटे हैं। वहीं एक बड़े वोट बैंक को संघ भी साधने में जुट गया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से पूरे यूपी, मध्यप्रदेश, बिहार और बंगाल तक को साधेंगे।