गंगा में डूबा मणिकर्णिका घाट का पहला रैंप:7 घाटों का संपर्क टूटा; बाबा विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार की सीढ़ियों पर पहुंचा पानी

वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर हर घंटे 2 मिली बढ़ रहा है। असर ये हुआ कि मणिकर्णिका घाट का एक रैंप पूरी तरह से गंगा में डूब गया है। साथ ही, उस रैंप पर बने कई शवदाह स्टैंड भी जलमग्न हो चुके हैं। शवदाह अब दूसरे और तीसरे रैंप पर हो रहे हैं। बाबा विश्वनाथ धाम और मणिकर्णिका घाट के बीच कनेक्शन भी टूटने के कगार पर है। ललिता घाट पर पानी आ चुका है।

मंदिर के बाहर बने पोल को पार करते हुए पानी गंगा द्वार की ओर बढ़ रहा है। एक रैंप पानी में समा चुका है। वाराणसी में अब तक कुल 7 घाटों का आपसी संपर्क टूट गया है। जिसमें शिवाला घाट, हनुमान घाट, तुलसी घाट, भदैनी घाट और निरंजनी घाट, त्रिपुरा भैरवी घाट और मीरघाट शामिल हैं।

कानपुर से छोड़ा पानी, वाराणसी पहुंचा
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, आज सुबह 6 बजे तक वाराणसी में गंगा का जलस्तर 62.88 मीटर आ गया है। पानी 2 मिलीमीटर प्रति घंटे की स्पीड से बढ़ रहा है। कानपुर बैराज से छोड़ा गया लगभग 3 लाख क्यूसेक पानी वाराणसी पहुंच रहा है। इसका असर अब देखने को मिल रहा है।
वाराणसी में गंगा का जलस्तर वार्निंग लेवल 70.262 मीटर से 7.38 मीटर दूर है। वहीं, डेंजर लेवल 71.262 से 8.38 मीटर की दूरी पर गंगा हैं। वाराणसी में 9 सितंबर, 1978 को गंगा का जलस्तर सबसे ज्यादा 73.901 तक पहुंच गया था। अभी वाराणसी में गंगा का जलस्तर इससे 11 मीटर कम है।

रत्नेश्वर महादेव के शिखर तक पहुंचा पानी
मणिकर्णिका घाट के पास स्थित 9 डिग्री झुके रत्नेश्वर महादेव के शिखर तक गंगा का पानी आ गया है। मंदिर का गर्भगृह और मंडप गंगा में जलमग्न हो गया है। शीतला मंदिर तक पानी पहुंच चुका है। गंगा के हर घाट संकरे होने लगे हैं। घाटों की चौड़ाई घटने से सैलानियों और पर्यटकों काफी चहलकदमी में काफी दिक्कतें आ रहीं हैं।
पंडा-पुरोहित हटने लगे पीछे
गंगा के बढ़ते जलस्तर को देख नाविक, टीका चंदन वाले, पंडा-पुरोहित, सन्यासी, अघोरी सभी अब अपना-अपना बोरिया-बिस्तर समेट रहे हैं। सभी सहम गए हैं। हर कोई अपनी चौकी और छतरी लेकर 4 कदम पीछे हटता चला जा रहा है। दरभंगा घाट, दशाश्वमेध घाट और पंचगंगा घाट की ओर पानी काफी तेजी से बढ़ रहा है। घाटों की 12 से ज्यादा सीढ़ियां डूब चुकीं हैं।

आज बदल सकता है गंगा आरती स्थल
डॉ. राजेंद्र प्रसाद, दशाश्वमेध मुंशी, अहिल्याबाई और दरभंगा घाट की सीढ़ियां डूब चुकी है। ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि आज शाम तक दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती का स्थान भी बदल सकता है। गंगा का पानी आरती स्थल तक पहुंच चुका है।

डीएम बोले- बाढ़ से महफूज रहे किनारों के लोग
वाराणसी के डीएम एस राजलिंगम ने बताया कि आपदा से निपटने की तैयारी पूरी है। गंगा जलस्तर की 24 घंटे मानीटरिंग चल रही है। बाढ़ के दौरान बनने वाले राहत शिविरों के जगह चिन्हित कर लिया गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों के घरों में राहत सामग्री का बंदोबस्त और स्वास्थ्य विभाग ने दवाईयों का पूरा इंतजाम करा लिया है।
कंट्रोल रूम एक्टिव है। बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों को महफूज जगह पर पहुंचा दिया जाएगा। वहां पर राहत चौपालें बनाई जा रहीं हैं। गोतोखारों और नाविकों की पूरी सूची हमारे पास है। NDRF की टीम गंगा में तैनात है। साथ ही SDRF और PAC को तैनात किया जाएगा।
गंगा बैराज से अब तक छोड़ा गया पानी