टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीत ली है। अब भारत को 27 जुलाई से वनडे सीरीज खेलनी है। सीरीज वनडे वर्ल्ड कप की तैयारियों के लिहाज से अहम है। 3 मैचों की इस सीरीज में कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ को वर्ल्ड कप टीम से जुड़े कई सवालों के जवाब तलाशने होंगे।
जैसे फिट होने की स्थिति में टीम का दूसरा विकेटकीपर कौन होगा, बुमराह के साथ पेस अटैक की जिम्मेदारी कौन संभालेगा और अय्यर फिट नहीं हुए तो नंबर-4 पर बैटिंग कौन करेगा।
सैमसन के पास अनुभव ज्यादा, लेकिन प्रदर्शन में निरंतरता नहीं है
केरल से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले विकेटकीपर बैटर संजू सैमसन को विंडीज दौरे के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है। बीच-बीच में संजू सैमसन टीम से बाहर होते रहे हैं। कभी फॉर्म के कारण, तो कभी चोट के कारण।
संजू तकनीकी रूप से मजबूत बल्लेबाज हैं। खराब और अच्छी दोनों तरह की गेंदों पर शॉट्स खेलना जानते हैं और प्रेशर भी हैंडल कर लेते हैं। वे केएल राहुल की जगह 5वें नंबर पर फिट भी बैठते हैं, इसलिए टीम मैनेजमेंट इन पर विचार कर रही है। अब तक खेले 11 वनडे में सैमसन ने 330 रन बनाए हैं। उनके नाम 7 कैच और 2 स्टंपिंग हैं।
इन सारी खूबियों के बावजूद संजू के प्रदर्शन में निरंतरता नजर नहीं आती, हालांकि इसके पीछे का एक कारण संजू को लगातार मौके न मिलना भी है।
स्ट्रेंथ – वनडे फॉर्मेट के अनुरूप स्ट्राइक रेट मैंटेन करते हैं। धैर्य के साथ बैटिंग करते हैं, आसानी से विकेट नहीं गंवाते और फुल टाइम विकेटकीपर हैं।
वीकनेस – बड़े टूर्नामेंट का अनुभव नहीं है। फिटनेस उतनी अच्छी नहीं है, इसलिए इंजरी होने का चांस रहता है। संजू की बैटिंग में निरंतरता नहीं है। पिछली 10 पारियों में वे दो फिफ्टी ही जमा सके हैं।
ईशान किशन के नाम दोहरा शतक, लेकिन स्पिनर्स के सामने जूझते हैं
वनडे क्रिकेट में बांग्लादेश के खिलाफ ईशान किशन दोहरा शतक लगा चुके हैं। पिछले कुछ समय से उन्हें भारतीय टीम में लगातार मौके मिल रहे हैं। इसके बावजूद किशन के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी दिखती है। पिछली 10 पारियां देखें तो उनके बल्ले से एक दोहरा शतक और 3 अर्धशतक निकले हैं, लेकिन किशन 5 दफा 20 या फिर इससे कम के स्कोर पर आउट हुए हैं।
अब तक खेले 14 मैच में किशन ने 510 रन बनाए हैं। इसमें 1 दोहरा शतक और 3 अर्धशतक शामिल हैं। विकेट के पीछे प्रदर्शन की बात करें तो ईशान किशन ने 5 कैच पकड़े हैं और दो स्टंपिंग की हैं।
स्ट्रेंथ – बड़े शॉट खेलने में माहिर हैं। विकेटकीपिंग कर लेते हैं। भारत की ओर से टी-20 वर्ल्ड कप के रूप में ICC टूर्नामेंट खेलने का अनुभव।
वीकनेस – स्पिनर्स को खेलने में दिक्कत। किशन के पास ऑफसाइड पर ज्यादा शॉट नहीं हैं। स्ट्राइक रोटेट नहीं करते।
किसे खिलाने से टीम को क्या फायदा?
- संजू सैमसन : अगर सैमसन को मौका मिलता है तो उन्हें नंबर-5 का स्थान देना होगा। संजू अनुभवी हैं, ऐसे में विकेटकीपिंग में फायदा होगा और बैटिंग में भी गहराई बढ़ेगी, लेकिन भारतीय बैटिंग ऑर्डर में सभी राइट हैंड बैटर्स होंगे, जबकि वर्ल्ड कप के लिए टीम को टॉप-मिडिल ऑर्डर में एक लेफ्ट हैंड बैटर की जरूरत है। सैमसन के प्रदर्शन में निरंतरता भी नहीं है। वे पिछली 5 पारियों में एक फिफ्टी ही जमा सके हैं।
- ईशान किशन : ईशान को मौका मिलता है तो टीम के टॉप-मिडिल ऑर्डर में वैरायटी आएगी, क्योंकि ईशान लेफ्टी बैटर हैं। इतना ही नहीं, वे टॉप ऑर्डर के बिखरने पर पारी संभालने की क्षमता रखते हैं। साल की शुरुआत ने ईशान ने बांग्लादेश के खिलाफ दोहरा शतक जमाया था। ऐसे में रोहित उन पर भरोसा कर सकते हैं।
पंत-राहुल चोटिल, जल्दी रिकवर करने की उम्मीद
टीम के रेग्युलर विकेटकीपर ऋषभ पंत इस समय चोटिल हैं। नंबर-5 पर खेलने वाले केएल राहुल भी IPL के दौरान चोटिल हो गए थे। ये दोनों सितारे इन दिनों बेंगलुरु स्थित नेशनल क्रिकेट अकादमी में रिहैब प्रोसेस से गुजर रहे हैं। BCCI की मेडिकल अपडेट के अनुसार, राहुल के वर्ल्ड कप से पहले फिट होने की उम्मीद है, लेकिन पंत की फिटनेस पर कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी।