मानसून अपने साथ संक्रमणों की बौछार लेकर आता है और ऐसे में अगर सावधानी न बरती जाए, तो सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता है। इस मौसम में डाइजेशन से जुड़ी समस्या काफी बढ़ जाती है, इसलिए खानपान का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। हम जो खाते हैं, वह बारिश के मौसम में संक्रमण से बचाने में अहम भूमिका निभा सकता है। इसलिए आयुर्वेद के मुताबिक, इस मौसम में सेहतमंद बने रहने के लिए सावधानीपूर्वक डाइट प्लान बनाया जाना चाहिए।
जैसे कि खाना हल्का, ताजा, पचने में आसान और घर का बना हुआ होना चाहिए। वहीं, स्ट्रीट फूड्स को भी खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि पानी से संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहता है। इसके अलावा घर के खाने के साथ भी कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है, जैसे कि सब्जियां। इस आर्टिकल में हम आपको यही बताएंगे कि मॉनसून सीजन में कौन-सी सब्जियां खानी चाहिए और कौन सी नहीं।
मानसून के दौरान कौन सी सब्जियां नहीं खानी चाहिए?
1. शिमला मिर्च
इसका इस्तेमाल कुरकुरे स्टार्टर, नूडल्स से लेकर स्टर-फ्राई और करी तक कई तरह की डिशेज में किया जाता है। लेकिन इसे मॉनसून फ्रेंडली सब्जी नहीं माना जाता क्योंकि उनकी कच्ची और ठंडी प्रकृति डाइजेस्टिव फायर को परेशान कर सकती है, जिससे एसिडिटी हो सकती है और वात और पित्त दोष बढ़ सकता है। इसलिए, अगर आप मानसून में एसिडिटी और सूजन की समस्या का सामना नहीं करना चाहते हैं, तो इससे दूर रहें।
2. पालक
पालक पनीर, पालक का सूप या पालक की स्मूदी भले की पोषण से भरपूर हों, लेकिन बारिश के मौसम में इनसे दूर रहने में ही समझदारी है क्योंकि आयुर्वेद के मुताबिक आयरन से भरपूर यह सब्जी बरसात के मौसम में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण का खतरा कर सकता है।
3. फूलगोभी
जब बारिश का मौसम हो तो आलू गोभी, गोभी पराठे, गोभी पकोड़े खाने में काफी आकर्षक लगते हैं, लेकिन आयुर्वेद के मुताबिक, इस मौसम के दौरान फूलगोभी खाने की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि यह डाइजेस्टिव फायर को परेशान कर सकता है। यह वात दोष को बढ़ाता है और शरीर में कफ और पित्त दोष को कम करता है।
4. पत्ता गोभी
सलाद, फ्राइज़, नूडल्स से लेकर कई स्ट्रीट फूड तक, पत्तागोभी का खूब इस्तेमाल होता है। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार इसे मानसून में नहीं खा सकते। इसके ठंडा करने वाले और भारी गुण बरसात के मौसम में डाइजेस्टिव फायर को ख़राब कर सकते हैं।
5. टमाटर
हर साल बारिश के मौसम में टमाटर अपने भाव बढ़ा लेती है, फिर भी लोग इसे खाने से परहेज नहीं करते। शायद वे यह नहीं जानते कि मानसून सीजन में टमाटर से दूरी बना लेने में ही समझदारी है। बारिश के मौसम में टमाटर का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि ये एसिडिटी का कारण बन सकते हैं। उनके गर्म और खट्टे गुण एसिडिटी का कारण बन सकते हैं।
बारिश के मौसम में कौन सी सब्जियां खाएं?
मानसून में कौन सी सब्जियां नहीं खानी चाहिए इसके बारे में हमने आपको पहले ही बता दिया है। अब आप यह भी जान लीजिए कि इस दौरान डाइट में कौन सी सब्जियां शामिल करनी चाहिए।
1. लौकी
आयुर्वेद के अनुसार लौकी प्रकृति में मीठी होती है और इसमें ठंडक देने वाले गुण होते हैं। लौकी स्टिर-फ्राई, लौकी चना दाल करी, लौकी कोफ्ते से लेकर लौकी का रायता तक, ऐसी कई स्वादिष्ट रेसिपीज हैं, जिन्हें आप लौकी से तैयार कर सकते हैं। यह पौष्टिक सब्जी पित्त दोष को संतुलित करने और डाइजेशन सुधारने में मदद कर सकती है।
2. तोरी
मानसून के मौसम में इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करने वाली सब्जियों का नियमित सेवन करना चाहिए। तोरी कफ और पित्त नाशक है, जो भूख बढ़ाने में भी मदद करती है। यह ताकत देने के साथ ही डाइजेशन को भी ठीक रखती है। स्किन डिजीज, एनीमिया और सूजन वाले लोगों के लिए तोरी काफी फायदेमंद है।
3. टिंडा
टिंडा कफ-विरोधी और वात-विरोधी है। इसे हल्का और पचाने में आसान माना जाता है, जो इसे बारिश के मौसम के लिए एक आदर्श सब्जी बनाता है। यह हाइड्रेशन बनाए रखने में भी मदद करता है, पाचन को बढ़ावा देता है, और एनोरेक्सिया और सूजन संबंधी परेशानियों को ठीक करता है।