मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ज्ञानवापी मस्जिद पर दिए बयान के बाद से चर्चा शुरू हो गई। ज्ञानवापी परिसर मस्जिद नहीं हैं, इस बयान पर राजनीतिक दलों से लेकर धर्म गुरुओं की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है।
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यतिंद्रानंद गिरी ने सीएम योगी के बयान का समर्थन किया है। उनका कहना है कि योगी ने ज्ञानवापी पर जो कहा है, वह सत्य है। इस सत्य को सभी को स्वीकार कर लेना चाहिए। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वो राष्ट्र के शत्रु हैं।
लेकिन सबसे पहले सीएम योगी का ज्ञानवापी पर बयान पढ़िए…
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक इंटरव्यू में कहा, “अगर ज्ञानवापी को हम मस्जिद कहेंगे, तो विवाद होगा। भगवान ने जिसको दृष्टि दी है, वो देखे न। त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है? हमने तो नहीं रखे हैं न। ज्योर्तिलिंग हैं…देव प्रतिमाएं हैं। पूरी दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं।
उन्होंने आगे कहा, “मुस्लिम समाज को ऐतिहासिक गलती दुरुस्त करनी चाहिए। मुझे लगता है कि ये प्रस्ताव मुस्लिम समाज की तरफ से आना चाहिए। उस गलती के लिए हम चाहते हैं कि समाधान हो।”
सवाल: CM योगी ने कहा- ज्ञानवापी परिसर मस्जिद नहीं है, इस पर क्या कहेंगे?
जवाब: योगी जी ने एक बहुत बड़े शाश्वत सत्य को प्रखरता के साथ बोला है। कौन कहता है, वहां मस्जिद है, ज्ञानवापी में मस्जिद का एक चिन्ह दिखाकर बताएं। ज्ञानवापी का एक-एक कण, वहां की एक-एक ईंट, एक-एक दीवार इस बात की गवाह है कि वहां पर वो मंदिर है। वहां स्वास्तिक, त्रिशूल, ओम बने हैं। सनातन मंदिरों के निर्माण की जो वास्तुशिल्प है। उसकी गवाही एक-एक दीवार देती है।
सबसे बड़ा गवाह कि ज्ञानवापी में शंकर जी भी मिल गए। वह किस कोने से मस्जिद है। इतिहास भी इस बात का प्रमाण है कि केवल ऊपर का हिस्सा तोड़कर वो गुबंद बना दिया। बाकी पूरा मंदिर है। योगी जी ने बड़ी बात कही है।
ये ऐतिहासिक मोड़ होगा। अगर भारत का मुसलमान योगी जी की अपील को स्वीकार कर ले। काशी विश्वनाथ और भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में दंडप्रणाम करके माफी मांग ले तो ये भारत में ंआने वाली पीढ़ियों के लिए बड़ा आदर्श और एकता का पड़ाव होगा।
सवाल: मुस्लिम धर्मगुरु और विपक्ष इसे तुष्टिकरण की राजनीति कह रहे?
जवाब: अगर सत्य बोलना उन्हें तुष्टिकरण लगता है तो उनके कहने से हम असत्य नहीं बोल सकते। हम आगे भी सत्य ही बोलेंगे। वो स्वीकार नहीं करेंगे तो न्यायालय करेगा। फिर वो लोग न्यायालय में मुंह की खाएंगे। ऐसे में फिर उनकी क्या इज्जत रह जाएगी। यह तो मुसलमानों को सोचना पड़ेगा। इसे राजनीति से न जोड़ा जाए।
इन चीजों को राजनीतिक चश्मे से न देखे। कहीं विपक्ष मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए तो ऐसा नहीं बोल रहा। मुस्लिम धर्मगुरुओं की इन बातों से लगता है कि वो मुसलमानों का राष्ट्रीयकरण होने देना नहीं चाहते। मुस्लिम धर्मगुरु कहने को धर्मगुरु हैं। मुसलमानों को वोट के रूप में बनाकर रखना चाहते हैं।
सवाल: मस्जिद में जिसे सीएम योगी त्रिशूल कह रहे हैं, उसे मुसलमान फव्वारा बता रहे हैं?
जवाब: भारत की किसी भी मस्जिद में फव्वारा नहीं हैं। वो कहां से फव्वारा निकाल लाए। हजारों साल पुराना ये स्थान है। उस समय कहां से फव्वारे आ गए। वहां की एक-एक ईंट, आज भी वहां की पीछे की दीवार पूरा का पूरा मंदिर है। अंधे को भी दिखाई देता है। उनके कहने से क्या होता है।
अगर सच्चाई है तो वो लोग सर्वे पर क्यों आपत्ति कर रहे हैं। सर्वे क्यों नहीं होने दे रहे हैं। सब दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। क्यों वो कोर्ट में जाकर सर्वे पर स्टे ले रहे हैं। जांच से भाग रहे हैं। यानि मन में चोर हैं, असत्य के रास्ते पर हैं इसलिए सर्वे का विरोध कर रहे हैं।
सवाल: तो आप मानते हैं कि मुसलमान डरे हुए हैं?
जवाब: बिल्कुल, वे लोग पूरी तरह से भयभीत हैं। क्योंकि उनकी चोरी और अपराध पकड़े जा रहे हैं। जिन्होंने भारत पर आक्रमण किया। उन्हें डरना चाहिए। उन्होंने भारत की संस्कृति को नष्ट भ्रष्ट करने का काम किया। भारत में अनगिनत मंदिर तोड़े गए। तब ये लोग कहां थे। ऐसे लोग, कहीं न कहीं भारत के शत्रु हैं। फव्वारा बताने वाले लोग शत्रुओं का समर्थन कर रहे हैं।
भारत को जिन्होंने लूटा। हिंदुस्तान पर हमला किया। ये लोग उनके साथ खड़े हैं। जबकि इन्हें तो हिंदुस्तान के साथ खड़ा होना चाहिए। इससे ये सिद्ध होता है कि इनको हिंदुस्तान से ज्यादा उन लुटेरे से प्रेम है। जिन्होंने हिंदुस्तान को हमेशा लूटने का काम किया है।”