इलेक्शन कमीशन ने NCP के शरद और अजित पवार गुट को पार्टी के नाम व ऑफिशियल सिंबल से जुड़े नोटिस का जवाब देने के लिए तीन हफ्ते का समय और दे दिया है। शरद पवार गुट ने EC को पत्र लिखकर 4 सप्ताह का समय मांगा था। अब दोनों गुटों को 8 सितंबर तक नोटिस का जवाब देना होगा।
EC ने 27 जुलाई को अजित पवार और शरद पवार गुटों को नोटिस जारी किया था। इस पर 17 अगस्त तक जवाब मांगा गया था। कमीशन को 40 सांसदों, विधायकों और MLC के हलफनामों के साथ ही विद्रोही गुट के सदस्यों का भी प्रस्ताव मिला था।
विद्रोही धड़े ने अजित पवार को NCP चीफ चुना है।
शरद पवार की लीडरशिप वालेन गुट ने तब तक चुनाव आयोग के पास नहीं जाने का फैसला किया था जब तक कि EC विद्रोही समूह के दावों का संज्ञान नहीं ले लेता। 3 जुलाई को पवार गुटगु ने एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार समेत 9 NCP विधायकों के खिलाफ अयोग्यता प्रस्ताव पेश किया था।
9 विधायकों को पार्टी से निकाला
इसके तीन दिन बाद, शरद पवार गुट ने कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और महासचिव सुनील तटकरे सहित 9 विधायकों को निष्कासित कर दिया। यह फैसला दिल्ली में हुई पार्टी की कार्यसमिति की मीटिंग में लिया गया था।
इस बीच, कुछ दिनों पहले ही शरद पवार ने पुणे में अपने भतीजे अजित पवार के साथ बंद कमरे में बैठक की। इसे लेकर दोनों के भविष्य के कदमों के बारे में फिर से अटकलें तेज हो गईं।
यह मीटिंग तीन घंटे तक चली, जो कि एक बिजनेसमैन के घर पर हुई। ऐसा कहा जाने लगा कि क्या फिर से शरद और अजित साथ आने वाले हैं।
BJP के साथ जुड़ाव हमारी राजनीतिक नीति में फिट नहीं बैठता: शरद पवार
बैठक के बारे में पूछे जानेपर पवार ने कहा कि इस पर हंगामा करनेकी क्या जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह कोई सीक्रेट मीटिंग नहीं थी। यह पारिवारिक मुलाकात थी। एनसीपी प्रमुख ने यह भी घोषणा की कि वह कभी भी BJP के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। शरद पवार ने कहा कि BJP के साथ कोई भी जुड़ाव NCP की राजनीतिक नीति में फिट नहीं बैठता है।