सरक्रीक और सुंदरबन में भी तैनात होंगी फास्ट पेट्रोल बोट:भारतीय सेना को 8 लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट भी चाहिए; डिमांड- ये 60% मेड इन इंडिया हों

भारतीय सेना लद्दाख के पैंगोंग त्सो लेक की तरह गुजरात में सर क्रीक बॉर्डर एरिया, सुंदरबन समेत ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन में भी अपनी ऑफ-कोस्ट ऑपरेशन कैपेसिटी मजबूत करने की तैयारी में है। इसके लिए सेना ने 8 लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट (LCA) और 6 फास्ट पेट्रोल बोट्स के साथ 118 इंटीग्रेटेड सर्विलांस सिस्टम खरीदने रिपोर्ट फॉर इन्फॉर्मेशन (RFI) या टेंडर जारी कर दिया है।

सेना ने फरवरी 2021 में पूर्वी लद्दाख में 13900 फीट की ऊंचाई पर बनी 134 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील में इन खास तरह की नावों को पेट्रोलिंग के लिए तैनात किया था।

सेना की डिमांड- फास्ट पेट्रोलिंग बोट और LCA में हों ये खूबियां
सेना ने कहा कि आठ LCA सशस्त्र सैनिकों को ले जाने में पूरी तरह से सक्षम होने चाहिए। इसमें सैनिकों के हथियार और उपकरणों समेत 5255 किलो पेलोड और क्रू समेत लोगों की वहन क्षमता होनी चाहिए। ये वाटर बॉडी में आसानी से ड्राइव हो सकें।

साथ ही पेट्रोलिंग बोट्स में 8 लोगों की छोटी टीम ले जा सकने, निगरानी, ​​टोही और पेट्रोलिंग के लिए सुविधाजनक होना चाहिए। इसकी मैक्सिमम स्पीड 29 नॉट होनी चाहिए।

पेट्रोलिंग बोट्स और लैंडिंग असॉल्ट क्राफ्ट के लिए आरएफआई का जवाब देने की आखिरी तारीख 28 नवंबर है।

लद्दाख की पैंगोंग झील में 12 पेट्रोलिंग बोट्स निगरानी में शामिल
पैंगोंग त्सो में सेना ने रक्षा पीएसयू गोवा शिपयार्ड के साथ 65 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट के तहत एडवांस्ड गियर और अन्य उपकरणों के साथ 12 फास्ट पेट्रोलिंग बोट्स को शामिल किया है। इसी तरह, गोवा के एक निजी शिपयार्ड से 17 सैनिक ढोने वाली, फ्लैट-बॉटम फाइबरग्लास बोट्स को शामिल किया है। ये नावें लगभग 20 सैनिकों को झील पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक तेजी से ले जा सकती हैं।