शादी के दिन दुल्हन का सुसाइड…चचेरे भाई से था अफेयर:प्रेमी का श्मशान घाट, युवती का घर में लटकता मिला शव; जबरन कराया था रिश्ता

बाराबंकी में शादी के दिन दुल्हन ने सुसाइड कर लिया। लड़की का शव घर के कमरे में पंखे से लटकता हुआ मिला। जबकि उसके प्रेमी ने गांव के बाहर श्मशान घाट पर एक पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर लिया। दोनों चचेरे भाई-बहन थे। परिजनों के विरोध के बाद दोनों ने ये कदम उठाया।

दोनों की मौत के बाद परिवारों में कोहराम मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मामला सफदरगंज थाना क्षेत्र के केसरीपुर मजरे के रसौली गांव का है।

युवती ने शादी का विरोध किया था
यहां के 23 साल के एक युवक का अपनी चाचा की 20 साल की बेटी से अफेयर था। दोनों ने शादी करने की ठान ली थी। इस बीच, दोनों के परिजनों को इसकी भनक लग गई। लोक-लाज के डर से लड़की के परिजनों ने उसकी शादी दूसरे युवक से तय कर दी। युवती ने शादी का विरोध किया, लेकिन परिजन नहीं माने।

पहले युवक ने लगाई फांसी, फिर युवती ने दी जान
इससे परेशान होकर धर्मराज गुरुवार रात 9 बजे घर से निकल गया। उसने गांव के बाहर श्मशान घाट में लगे एक पेड़ से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। वहीं गांव के एक युवक ने जब पेड़ से लटकता शव देखा तो परिजनों को मामले की जानकारी दी।

आज सामूहिक विवाह कार्यक्रम में युवती की शादी थी
युवक धर्मराज की मौत की जानकारी होने के कुछ देर बाद उसकी चचेरी बहन माधुरी देवी का शव घर के एक कमरे में फांसी के फंदे से लटकता मिला। माधुरी का किसान यूनियन द्वारा कराए जाने वाले सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शुक्रवार 20 अक्टूबर को विवाह था। शादी के दिन आज उसकी अर्थी उठेगी। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

घर पर शादी को लेकर चल रही थी तैयारियां
पड़ोसियों ने बताया कि आज शादी होनी थी। उसका रिश्ता रामसनेहीघाट थाना इलाके के एक युवक से तय हुआ था। शुक्रवार को बाराबंकी में भारतीय किसान यूनियन द्वारा कराए जाने वाले सामूहिक विवाह कार्यक्रम में इनकी शादी थी। शादी को लेकर तैयारियां की जा रही थीं। तब यह घटना हो गई।

“पोते को देख नहीं सकी”
लड़की की मां ने बताया कि कोई बात नहीं थी। आज मेरी बेटी की शादी थी। उसने आत्महत्या कर ली। कुछ समझ में नहीं आ रहा है। अब हम क्या करें।

लड़के की दादी ने बताया कि न लड़ाई हुई न झगड़ा हुआ, कुछ नहीं हुआ। घर में किसी ने कुछ नहीं कहा। मैंने कहा भैया खाना खा लो चलके, लेकिन उसने मना कर दिया। बाहर धर्मपाल लेटे थे। इसके बाद वह कही चला गया। वह काफी देर तक नहीं आया।

इसके बाद मैं उसे इधर-उधर खोजती रही। लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद रात 10 बजे पता चला कि किसी ने जंगल में फांसी लगाकर जान दे दी। हम लोग वहां गए थे। मेरा पोता था। मैं तो उसको देख भी नहीं सकी। पूरी गांव वहां इकठ्ठा हो गया।