पाकिस्तान में तंगहाली और आर्थिक संकट के बीच वहां की सरकार और सेना लगातार भारत विरोधी प्रोपेगेंडा फैलाने पर लाखों रुपए खर्च कर रही है। इसके तहत सिर्फ पाकिस्तान ने दुनियाभर में फैले उसके दूतावासों में 27 अक्टूबर को ‘कश्मीर ब्लैक डे’ नाम से कार्यक्रम कराए।
दरअसल अक्टूबर 1947 में इसी दिन भारतीय सेना ने कश्मीर से पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ा था। भास्कर को मिले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के दस्तावेज के मुताबिक 6 अक्टूबर को वहां की सरकार ने इससे जुड़े ईवेंट्स पर करीब 27 लाख रुपए खर्च किए थे।
फ्रांस, मास्को, टोक्यो तक एम्बेसियों में मना ब्लैक डे
शुक्रवार को कराची, टोक्यो, मॉस्को, दुबई, बेल्जियम जैसे कई शहरों में भारत-विरोधी कार्यक्रम हुए। इस दौरान रैलियों में भारत गो बैक जैसे नारे भी लगाए गए। इन समारोह में बच्चों को भी बड़ी संख्या में शामिल किया गया। दरअसल, पाकिस्तान सरकार ने अपने दूतावासों को आदेश दिया था कि समारोह में बच्चों को भारत के विरोध में लिखी गईं कविताएं, भाषण और और प्रेजेंटेशन दिखाने जाएं।
भास्कर को मिले एक दूसरे दस्तावेज में विदेश सचिव मोहम्मद सायरस साजद काजी और उनके स्टाफ को 27 अक्टूबर को सुबह 8.15 बजे इस्लामाबाद के आगा शाही चौराहे पर इकट्ठा होकर विरोध मार्च करने का आदेश दिया गया था।
कराची में भारत के खिलाफ प्रदर्शन भी हुए
पाकिस्तान के कथित समर्थन वाले भारत विरोधी संगठनों, जैसे कश्मीर फोरम फॉर यूथ (YFK) और कश्मीर काउंसिल यूरोप और जम्मू और कश्मीर लिबरेशन कमीशन (JKLC) ने शुक्रवार को भारत के खिलाफ प्रदर्शन किया।
इससे पहले इंटेलीजेंस कम्यूनिटी के सूत्रों ने भास्कर के साथ जानकारी शेयर की थी। इसमें बताया गया था कि 27 अक्टूबर को सेमिनार, मीटिंग और प्रदर्शन जैसे कई ईवेंट तय हुए हैं। ये यूरोप, कनाडा और श्रीनगर जैसी जगहों पर होने हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, यहां पाकिस्तानी सरकार ऑल पार्टी हुरियत कॉन्फ्रेंस (APHC) के साथ मिलकर इन ईवेंट्स के लिए काम कर रही थी।
पाकिस्तानी PM बोले- भारत कश्मीर में आजादी की लड़ाई को दबा नहीं सकता
पाकिस्तान के PM अनवर उल हक और राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने भी शुक्रवार को कश्मीर ब्लैक डे मनाते हुए सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X (ट्विटर) पर एक मैसेज शेयर किया। इसमें लिखा था- 27 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर पर भारत के कब्जे की शुरुआत के साथ वहां के लोग से अपने हित में फैसले लेने का अधिकार छीन लिया गया। पिछले 76 सालों में भारत न केवल कश्मीरी लोगों को लेकर अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटा है बल्कि उसने UNSC के प्रस्तावों का भी उल्लंघन किया है।
राष्ट्रपति ने कहा- भारत के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के लोगों ने इस दौरान उत्पीड़न झेला है। लेकिन भारत उनका हौसला तोड़ने में नाकाम रहा है। मैं कश्मीर में भारतीय सेना की ज्यादती झेल रहे कश्मीरियों के साहस को श्रद्धांजलि देता हूं। उनका बलिदन बेकार नहीं जाएगा। 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 हटाकर भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है।
अल्वी ने कहा- पाकिस्तान ने कई मौकों पर कहा है कि साउथ एशिया में शांति और स्थिरता के लिए UNSC के प्रस्तावों के तहत कश्मीर विवाद को सुलझाना जरूरी है। भारत को समझना होगा की वो बल प्रयोग करके कश्मीर में आजादी की लड़ाई को दबा नहीं सकता। पाकिस्तान 1947 से ही कश्मीर पर भारतीय कब्जे के खिलाफ लड़ाई में वहां के लोगों के साथ खड़ा है। हम UNSC प्रस्तावों के तहत विवाद सुलझने तक ऐसा करते रहेंगे।
25 ट्विटर-13 फेसबुक अकाउंट भी फैला रहे ISI का प्रोपेगैंडा
भास्कर को मिले डेटा के मुताबिक, ऐसे 25 ट्विटर और 13 फेसबुक इनफ्लूएंसर्स हैं जो ISI के उस प्रोपेगैंडा को फैला रहे हैं, जिसमें ये दिखाया गया है कि पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी ISI ने उन सोशल मीडिया अकाउंट्स की भी जानकारी शेयर की है, जो पाकिस्तान का प्रोपेगैंडा फैलाने का काम कर रहे हैं।
1 डॉलर की कीमत 300 पाकिस्तानी रुपया
बता दें कि पाकिस्तान की मुद्रास्फीति दर अगस्त में 27.4% थी जो सितंबर में बढ़कर 31.4% पर पहुंच गई। देश की ब्याज दरें भी बढ़कर 22% के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। पाकिस्तानी रुपया अगस्त में अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। यहां एक अमेरिकी डॉल की कीमत 300 पाकिस्तानी रुपये के पार पहुंच चुकी है।