सांप के जहर का नशा…बिग-बॉस विनर एल्विश की कहानी:पिता टीचर, सरकारी नौकरी करना चाहते थे; यूट्यूब से 10-12 लाख कमाई; मंत्री-नेता करते हैं फॉलो

बिग बॉस OTT-2 के विनर और यूट्यूबर एल्विश यादव एक बार फिर चर्चा में हैं। शुक्रवार को रेव पार्टी में सांपों का जहर उपलब्ध कराने और सांपों की तस्करी करने के आरोप में उनके ऊपर एफआईआर दर्ज हुई।

एल्विश यादव समेत 6 लोगों के खिलाफ नोएडा पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। एल्विश यादव को छोड़कर बाकी 5 आरोपियों को गिरफ्तारी के बाद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। लेकिन एल्विश यादव अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।

यूट्यूबर बनकर पहचान पाई
एल्विश यादव का जन्म 14 सितंबर 1997 को हरियाणा के गुरुग्राम में हुआ था। वो गुरुग्राम के वजीराबाद गांव के रहने वाले हैं। वजीराबाद गांव में ही उनका परिवार रहता है। एल्विश एक टीचर के बेटे हैं और पढ़ाई में भी अच्छे थे लेकिन बचपन से ही एक्टिंग में मन लगता था।

हालांकि बचपन में उनका सपना सरकारी नौकरी करने का था। लेकिन समय से साथ सब बदलता गया। धीरे-धीरे उनका स्मार्ट फोन और यूट्यूब में उनकी रूची बढ़ी, फिर यूट्यूब के वीडियोज में वो काफी रूची रखने लगे। जिसके बाद दोस्तों की सलाह पर कॉमेडी से जुड़े वीडियो बनाने लगे।

बचपन से ही अपने दोस्तों के चहेते रहे
बिग बॉस विनर के पिता शिक्षक और माता हाउस वाइफ हैं। उनकी पढ़ाई-लिखाई एमिटी इंटरनेशनल स्कूल से हुई थी। बचपन से शरारती होने के कारण स्कूल और कॉलेज के दोस्तों के काफी चहेते थे। उन्होंने दोस्तों की सलाह मानी और अपना पहला वीडियो बनाकर फेसबुक पर शेयर किया।

इसके बाद ये सिलसिला जारी रहा और एल्विश का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद उनका कॉन्फिडेंस बढ़ा और 2016 में उन्होंने यूट्यूब की दुनिया में कदम रखते हुए ‘एल्विश यादव’ के नाम से एक चैनल बना दिया। यूट्यूब चैनल पर उन्होंने ‘हाउ वॉइस टेक सेल्फी’ नाम से पहला वीडियो डाला था और इस समय उनके चैनल पर लगभग 14.5 मिलियन सब्सक्राइबर हैं।

2019 में बनाया दूसरा यूट्यूब चैनल
एल्विश यादव ने अपना दूसरा यूट्यूब चैनल ‘एल्विश यादव व्लॉग्स’ के नाम से बनाया। उन्होंने ये चैनल नवंबर 2019 में बनाया था। इस चैनल पर एल्विश अपनी डेली लाइफ से जुड़े वीडियो शेयर करते हैं। अब इस ‘एल्विश यादव व्लॉग्स’ नाम से यूट्यूब चैनल पर करीब 7.52 मिलियन फॉलोअर्स हैं। खास तौर पर उनकी हरियाणवी बोली का अंदाज उनके फॉलोवर्स को काफी पसंद आता है।

हालांकि इस दौरान एल्विश ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। यूट्यूबर होने का असर उन्होंने पढ़ाई पर कभी नहीं पड़ने दिया। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बी-कॉम की पढ़ाई पूरी की और हंसराज कॉलेज से ये डिग्री ली। इस पढ़ाई और यूट्यूब के काम की वजह वह दिल्ली शिफ्ट हो गए।

अभी एल्विश यादव गुरुग्राम के फ्लैट में अपने दोस्तों के साथ रहते हैं और एक फाउंडेशन भी चलाते हैं। पढ़ाई और यूट्यूबर होने के साथ ही एल्विश कई प्रोफेशनल कामों से जुड़े हुए हैं। सोशल मीडिया पर एल्विश काफी एक्टिव रहते हैं। उनके इंस्टाग्राम पर करीब 1.56 करोड़ फॉलोवर हैं।

एल्विश को कई केंद्रीय मंत्री करते हैं फॉलो
इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर नजर डालें तो एल्विश यादव ‘सिस्टम क्लोदिंग’ के संस्थापक हैं। एल्विश यादव को जानने वाले बताते हैं कि उनके फाउंडेशन का नाम ‘सिस्टम क्लोदिंग’ है। लेकिन उनके ट्विटर अकाउंट को देखा जाए तो इसमें प्रोफेशन से अलग उन्होंने अपने बायो में केवल ‘हिंदू’ लिख रखा है। उनको ट्विटर पर फॉलो करने वालों में कई केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, निर्मला सीतारमण के अलावा कृष्णपाल गुर्जर, तेजस्वी सूर्या, क्रिकेटर सुरेश रैना सहित कई बड़ी हस्तियां शामिल हैं।