ज्ञानवापी में व्यास तहखाने की सुपुर्दगी पर आज फिर सुनवाई:तहखाना DM को सौंपने को लेकर सुरक्षित रखा है फैसला; वादी बनाने पर जिरह सुनेंगे जज

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने की सुपुर्दगी या जिलाधिकारी को सौंपने को लेकर दाखिल वाद पर आज सुनवाई होगी। वाराणसी जिला जज ने पक्षकार बनाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई शुरू कर दी है।

हिन्दू पक्ष के वकील अब केस में नए पक्षकार को नहीं चाहते, वहीं आवेदक खुद को पुराना पक्षकार बताकर केस में वादी बनना चाहते हैं। जिला जज ने मामले में जिरह के लिए आज की तारीख तय की है जिस पर दोनों पक्षों के वकीलों की जिरह सुनने के बाद कोर्ट फैसला सुनाएगा।

वहीं, मुस्लिम पक्ष ने याचिका का विरोध करते हुए आपत्ति दाखिल की है, इसमें व्यासजी के तहखाने को मसाजिद कमेटी ने अपने अधिकार क्षेत्र में बताया है। वहीं याचिका को बेबुनियाद बताते हुए सुनवाई ना करके खारिज करने की अपील की है। हालांकि जिला जज ने फैसला सुरक्षित रखा है लेकिन याचिका की सुनवाई कर रहे हैं। लगातार कई दिनों से अवरोध के बीच तहखाने की सुनवाई टल रही है।

तहखाने में पूजा-पाठ को बताया विरासत

जिला एवं सत्र न्यायालय में दिवंगत पंडित सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र कुमार पाठक ने वाद दायर किया था। उनके अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन व सुधीर त्रिपाठी की ओर से दलील दी गई थी कि दिवंगत पंडित सोमनाथ व्यास जी के तहखाने पर मस्जिद पक्ष कब्जा कर सकता है।

बताया कि 1993 तक तहखाने में पूजा-पाठ होता रहा है। बाद में तहखाने की बैरिकेडिंग कर दी गई और पूजा-पाठ करने पर रोक लगा दी गई। नंदी के सामने की बैरिकेडिंग को हटाने और तहखाने में पूर्व की तरह तहखाने में आने जाने और वहां पूजा-पाठ करने का अधिकार देने की मांग की थी।

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने 25 सितंबर को जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। इसमें तहखाने को तत्काल प्रभाव से डीएम की सुपुर्दगी में देने की अपील की गई। जिला जज अदालत में सुनवाई के दौरान अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से आपत्ति की गई थी। सोमवार को दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात जिला जज फैसले के लिए अगली तारीख तय करेंगे।

मसाजिद कमेटी पर तहखाना कब्जाने का आरोप

याचिका में वादी ने आरोप लगाया कि अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से तहखाने पर कब्जा किया जा रहा है, इसके संबंध में वादी की ओर से एक वाद लोअर कोर्ट में लंबित है। जिसे जिला जज अपने स्वयं के कोर्ट में ट्रांसफर कर सुनवाई करने का आदेश दिया था। जिस पर प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मुमताज अहमद ने विरोध किया था।

उन्होंने कहा था कि वादी की ओर से ट्रांसफर अर्जी सुनवाई योग्य नहीं है। मुस्लिम पक्ष ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कब्जे जैसा विषय क्यों होगा, जबकि व्यासजी के तहखाने को मसाजिद कमेटी के अधिकार क्षेत्र में है। बता दें कि इस वाद की पत्रावली पहले सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में दाखिल थी, जहां से केस जिला जज की अदालत में स्थानांतरित हो गया है।