हरियाणा के पानीपत शहर के बरसत रोड स्थित एक निजी अस्पताल के मालिक और एजेंट पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ है। दोनों पर आरोप है कि एक्सीडेंट में घायल एक मरीज को जबरदस्ती अपने अस्पताल में ले गए। जहां एक ही रात का 50 हजार का बिल बना दिया।
परिजनों ने विरोध किया तो उन्हें पुलिस से पकड़वाने की धमकी दी। इतना ही नहीं, उनके मरीज को दो दिन से बंधक बनाकर अस्पताल में ही रखा हुआ है। पुलिस ने आरोपियों पर IPC की धारा 387, 342, 120B, 34 के तहत केस दर्ज किया है।
एजेंट बोला- सरकारी अस्पताल में नहीं है डॉक्टर, यहां मरीज मर जाएगा
DC को दी शिकायत में राजिंद्र ने बताया कि वह गांव काबड़ी का रहने वाला है। 19 दिसंबर को उसका दामाद मोहित निवासी गांव जागसी (सोनीपत) से पानीपत गांव काबड़ी आ रहा था। जिसका मतलौडा के पास एक्सीडेंट हो गया। उस रात मोहित को सरकारी अस्पताल लाया गया।
यहां उसे सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी में दाखिल करवाया गया। यहां इसी दौरान दो लोग आए और कहा कि आप क्या रहे हो। यहां कोई डॉक्टर नहीं है। आपका लड़का यहां तड़प-तड़प कर मर जाएगा। एक युवक ने कहा कि आप मेरी बात माने, इसे यही एक नजदीक अस्पताल है, जहां पर इसका सारा इलाज हो जाएगा, वहां ले चलो।
जबरदस्ती डाल ले गए एंबुलेंस में
वह जबरदस्ती कर उसे एंबुलें में डालकर बरसत रोड स्थित आधार अस्पताल ले गया। जहां परिजनों को सुबह पता लगा कि उक्त युवक सलाहकार नहीं, बल्कि एक एजेंट के रूप में इन लोगों के लिए काम करता है।
अगले ही दिन अस्पताल वालों ने 50 हजार का बिल बनाकर उनके हाथ में पकड़ा दिया। जिसका परिजनों ने विरोध किया तो उन्हें धमकी दी गई कि वे उन्हें पुलिस के हवाले कर देंगे। अस्पताल वालों ने 2 दिन से दामाद को अस्पताल में ही बंधक बना कर रखा हुआ है।
परिजन बोले- अस्पताल में ले जाकर लूटने का काम करते
परिजनों को पता लगा कि यह लड़का संदीप व आधार अस्पताल का मालिक डॉ. विशाल मलिक है। परिजनों ने आरोप लगाया कि शाम को 7 बजे के बाद जितने भी इमरजेंसी केस आते हैं, वे उन्हें इसी तरह उक्त अस्पताल में ले जाकर लूटने का काम करते हैं।