भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के नए अध्यक्ष के चुनाव के बाद हरियाणा के रोहतक की रहने वाली ओलिंपियन साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी। गुरुवार को पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण के करीबी संजय सिंह को अध्यक्ष चुना गया। इसके बाद दिल्ली में साक्षी मलिक ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जहां साक्षी मलिक ने अपने जूते उतारकर टेबल पर रखते हुए कुश्ती छोड़ने का ऐलान कर दिया।
इस मामले में साक्षी मलिक की मां सुदेश मलिक ने कहा कि कुश्ती संघ को महिला नेतृत्व नहीं मिला। इस बार भी पुरुष ही कुश्ती संघ का अध्यक्ष बन गया। चुनाव में महिला अध्यक्ष को चुने जाने का प्रयास हुआ लेकिन वह कामयाब नहीं हुईं। सरकार ने भी पहलवानों से किया वादा नहीं निभाया। महिला अध्यक्ष न बनने से साक्षी को सदमा लगा है। इसी वजह से साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी।
साक्षी के राजनीति में आने के सवाल पर मां सुदेश रानी ने कहा कि साक्षी ने मेडल देश के लिए जीते हैं, किसी राजनीतिक पार्टी के लिए नहीं। राजनीति में उतरने के सवाल पर उन्होंने कहा कि साक्षी आगे क्या करेंगी, इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।
उन्होंने कहा कि बेटी को इतना दुखी कोई दंगल हारने पर भी नहीं देखा, जितनी वह गुरुवार को हुई।
1. भावुक होते हुए कहा- हम लड़ाई नहीं जीत पाए
दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान साक्षी मलिक भावुक हो गईं और कुश्ती त्यागने का ऐलान कर दिया। उन्होंने अपने जूते उतारकर टेबल पर रख दिए और वहां से उठकर चली गईं। इससे पहले साक्षी ने कहा कि हम लड़ाई नहीं जीत पाए, कोई बात नहीं। हमारा समर्थन करने देशभर से दूर-दूर से आए लोगों का आभार। हमारी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।
2. रेसलिंग को बचाने की मांग की थी, कुछ नहीं हुआ
भरी हुई आवाज में साक्षी ने कहा कि पहलवानों ने WFI में महिला प्रेसिडेंट की मांग की थी, लेकिन सब जानते हैं कि बृजभूषण का तंत्र कितना मजबूत है। मैं और बजरंग पूनिया गृहमंत्री से मिले थे। हमने बाकायदा लड़कियों के नाम लेकर उन्हें बताया था कि रेसलिंग को बचा लें, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
3. संजय बृजभूषण के पार्टनर, न्याय की उम्मीद नहीं
साक्षी ने कहा कि चुने गए नए अध्यक्ष संजय सिंह बृजभूषण सिंह के पार्टनर हैं। जब तक बृजभूषण सिंह और उनके जैसे लोग कुश्ती संघ से जुड़े हैं, न्याय की उम्मीद नहीं है। ऐसे में मैं आज से ही अपनी कुश्ती त्यागती हूं। आज से आप मुझे मैट पर नहीं देखेंगे।
संजय सिंह को 47, अनीता श्योराण को सिर्फ 7 वोट मिले
इससे पहले गुरुवार को भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के चुनाव में संजय सिंह नए अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने चुनाव में कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट रही हरियाणा की पहलवान अनीता श्योराण को हराया। संजय सिंह WFI के पूर्व अध्यक्ष और BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं। बृजभूषण सिंह की अध्यक्षता वाली WFI की पिछली बॉडी में संजय सिंह जॉइंट सेक्रेटरी थे। चुनाव में टोटल 47 वोट पड़े। इनमें से संजय सिंह को 40 और अनीता श्योराण को सिर्फ 7 वोट मिले।
बृजभूषण के घर के बाहर पोस्टर
अध्यक्ष पद पर संजय सिंह की जीत के बाद बृजभूषण शरण सिंह खेमा ‘दबदबा है, दबदबा रहेगा’ के पोस्टर लहराता नजर आया। नई दिल्ली में बृजभूषण सिंह के आवास, 21 अशोका रोड के बाहर भी पोस्टर लगे थे। जिन पर लिखा- ‘दबदबा है, दबदबा रहेगा। यह तो भगवान ने दे रखा है।’ बृजभूषण के समर्थकों ने बिना नाम लिए इस पोस्टर के जरिए उनके खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पहलवानों पर निशाना साधा।
संजय सिंह बोले- जिनको कुश्ती करनी है, वो करें
WFI का नया अध्यक्ष चुने जाने के बाद समर्थकों से घिरे संजय सिंह ने कहा, ‘जिनको कुश्ती करनी है, वो कुश्ती करें। जिनको राजनीति करनी है, वो राजनीति करें।’ उन्होंने कहा कि आगे बच्चों के लिए कैंप लगाए जाएंगे। उनका साल खराब नहीं होने दिया जाएगा। ओलिंपिक में जाने वाले पहलवानों की तैयारी कराई जाएगी।
साक्षी मलिक के पास ओलिंपिक मेडल
साक्षी मलिक ने 2020 टोक्यो ओलिंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। यह उनका पहला ओलिंपिक मेडल था। इसके अलावा साक्षी के पास कॉमनवेल्थ गेम्स में तीन मेडल (गोल्ड, सिल्वर, ब्रॉन्ज) और एशियन चैंपियनशिप्स में 4 मेडल ( 3 ब्रॉन्ज और एक सिल्वर) हैं।
हांलाकि कुछ सालों से साक्षी मलिक लगातार नेशनल ट्रायल्स में हार रही थीं। 2021 में साक्षी को 19 साल की सोनम ने हराया था। वहीं, इस साल साक्षी ने एशियन गेम्स के लिए ट्रायल में हिस्सा लेने से भी मना कर दिया था।